यूपी में दुर्घटना से बचने के लिए अब सेना के सेवानिवृत्त ड्राइवर चलाएंगे रोडवेज की बसें
यूपी रोडवेज की बोर्ड मीटिंग में लिया गया निर्णय सेना के सेवानिवृत्त ड्राइवर चलाएंगे रोडवेज की बसें।
लखनऊ, जेएनएन। बस दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए सेना के सेवानिवृत्त ड्राइवर रोडवेज की बसें चलाएंगे। इसकी शुरुआत चार क्षेत्रों में रोडवेज बतौर पायलट प्रोजेक्ट कर रहा है। यह निर्णय बुधवार को यूपी रोडवेज की बोर्ड मीटिंग में लिया गया। बस अड्डों को और बेहतर करने के लिए तीन करोड़ से अधिक खर्च किया जाएगा। कानपुर के रावतपुर में रोडवेज कार्यशाला की भूमि मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को उपयोग के लिए दिए जाने को भी मंजूरी दी गई है।
बोर्ड मीटिंग में परिवहन निगम मुख्यालय यूपी रोडवेज के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक डॉ. राजशेखर, विशेष सचिव परिवहन, अपर प्रबंध निदेशक मौजूद रहे।एमडी डॉ. राजशेखर ने बताया कि यात्रियों को सुरक्षित यात्रा दी जाएगी। जनरथ बसों की 2016 से 2019 के बीच दुर्घटनाओं की समीक्षा की गई। इसमें पाया गया कि अनुभवी चालकों की आवश्यकता है, जिसके लिए सेना के सेवानिवृत्त चालकों को लखनऊ, गाजियाबाद, गोरखपुर एवं आगरा में पांच-पांच बसों पर दो चालक प्रति बस के आधार पर रखेंगे। तीन महीने के लिए पायलट प्रोजेक्ट होगा। इसके बाद इसको पूर्ण सहमति दी जाएगी। अनुभवी चालकों से दुर्घटनाओं में कमी तथा डीजल खर्च में भी कमी आएगी।
मेट्रो को देंगे भूमि
उन्होंने बताया कि केंद्रीय कार्यशाला, रावतपुर, कानपुर की भूमि पर कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को निगम भूमि का उपयोग करने की अनुमति दी गई है।
तीन करोड़ में चमकेंगे बस अड्डे
प्रदेश में परिवहन निगम के बस अड्डों के निर्माण, सुंदरीकरण एवं बेहतर करने के लिए करीब तीन करोड़ के प्रस्तावों पर सहमति दी गई है। अलीगंज एटा में बस स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। मथुरा के कस्बा नौझील में बस स्टेशन का जीर्णोद्धार होगा। कोरांव प्रयागराज में बस स्टेशन का नए सिरे से निर्माण किया जाएगा। कुंडा स्टेशन प्रतापगढ़ का सुधार भी करवाया जाएगा।
बंद होंगे पान-सिगरेट और पीसीओ
बस स्टेशनों पर संचालित विभिन्न स्टालों के आवंटन को सुगम करेंगे। ऑनलाइन आवेदन, ई-टेंडरिंग की व्यवस्था को प्रभावी करेंगे। पान, सिगरेट और पीसीओ के स्टाल खत्म करेंगे। खाली दुकानों के स्टालों की नीलामी होगी।
खान-पान की सुविधा 50 किमी. पर
क्षेत्रीय मुख्यालय से 80 किमी. की दूरी की शर्त को घटाकर 50 किमी. कर दी गई है। जिन मार्गों पर 300 से अधिक बसें संचालित हैं, उनमें अब एक के स्थान पर दो-दो यात्री प्लाजा तथा एसी बसों के लिए विशिष्ट यात्रा प्लाजा बनेगा। इसके लिए नियम-शर्तों में संशोधन किया गया है। इसके अलावा बोर्ड मीटिंग में कर्मचारियों की ग्रेच्युटी की धनराशि की सीमा वृद्धि का लाभ (10 लाख से 20 लाख) निगम कार्मिकों को प्रदान किए जाने पर सहमति दी गई।