अब सीरियल किलर भाइयों की अवैध संपत्तियां गिराने की तैयारी, पुलिस ने छावनी परिषद से मांगा ब्योरा
जेल में बंद सीरियल किलर भाइयों के बूचर मोहाल स्थित घर का ब्योरा पुलिस ने छावनी परिषद से मांगा है। इस मकान को परिषद की अनुमति के बिना ही दो मंजिला बनाया गया है। परिषद द्वारा पुलिस को मकान से जुड़ी जानकारी भी मुहैया कराई गई है।
लखनऊ, जेएनएन। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी से जुड़ी अवैध संपत्तियों को ढहाने के बाद अब सीरियल किलर भाइयों सलीम, रुस्तम और सोहराब के तिलिस्म को तोडऩे की तैयारी है। जेल में बंद सीरियल किलर भाइयों के बूचर मोहाल स्थित घर का ब्योरा पुलिस ने छावनी परिषद से मांगा है। इस मकान को परिषद की अनुमति के बिना ही दो मंजिला बनाया गया है। परिषद द्वारा पुलिस को मकान से जुड़ी जानकारी भी मुहैया कराई गई है।
सीरियल किलर भाइयों के गुर्गे को लगातार पुलिस पकड़ रही है। मादक पदार्थों की तस्करी से लेकर सट्टा तक में सीरियल किलर का दखल है। वसूली के लिए कई व्यापारियों को धमकी भरे फोन जेल से ही आते हैं। आए दिन सीरियल किलर भाइयों में से कोई न कोई भाई मां की बीमारी के नाम पर पेरोल करवाकर लखनऊ आता है। पुलिस सीरियल किलर भाइयों के अवैध मकानों पर भी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। बूचर मोहाल के घर का निर्माण अवैध रूप से किया गया है। हालांकि, परिषद के दस्तावेजों में यह मकान सीरियल किलर की मां के नाम है।
परिषद चुनाव में रहता है खास दखल
सीरियल किलर भाइयों का छावनी परिषद के 2015 के चुनाव से दखल बढ़ा। चुनाव से पहले छावनी के पूर्व पार्षद श्याम नारायण पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय की हत्या कर दी गई थी। आरोप सीरियल किलर भाइयों पर लगा था, तब जेल से पप्पू पांडेय के रिश्तेदारों को उनकी पत्नी पूनम पांडेय के चुनाव में समर्थन करने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी। अब परिषद का चुनाव फरवरी 2021 से पहले प्रस्तावित है।
'पुलिस ने सलीम, रुस्तम व सोहराब के घर से जुड़ी जानकारी मांगी थी, जो कि उनको मुहैया करा दी गई है। हालांकि मकान उनके नाम पर नहीं है। अवैध निर्माण की जांच हो रही है। सही पाए जाने पर कार्रवाई होगी।' अमित कुमार मिश्र, सीईओ, छावनी परिषद
जेल से भेजा था नामांकन
सीरियल किलर रुस्तम 2015 में छावनी परिषद का चुनाव लड़ना चाहता था। उसने तिहाड़ जेल से अपना नामांकन भी भेजा था। अंतिम समय पर चुनाव बांड पर उसके हस्ताक्षर न होने के कारण नामांकन निरस्त हो गया था। इस पर रुस्तम ने अपनी पत्नी रुखसार को वार्ड नम्बर सात से चुनाव मैदान में उतारा था। हालांकि रुखसार चुनाव हार गई। जबकि इसी चुनाव में सलीम की पत्नी अंजुम आरा वार्ड नम्बर 6 से विजयी हुई और छावनी परिषद की उपाध्यक्ष भी बनी। अंजुम आरा के उपाध्यक्ष बनने के बाद रुस्तम की ओर से उनको भी धमकियां मिलने लगी।