अब Lucknow University के छात्र फॉरेंसिक साइकोलॉजी से जानेंगे अपराधियों की मानसिकता
Lucknow University लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग ने एमए अंतिम वर्ष के पाठ्यक्रम में शामिल किया। साइकोलाजी आफ क्राइम एंड विक्टिम्स विषय आधारित इस पेपर में बताया जाएगा कि जो लोग अपराध करते हैं उनकी मनोदशा क्या रही
लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) के छात्र-छात्राओं को अब फारेंसिक साइकोलाजी के बारे में भी पढ़ाएगा। इसमें स्टूडेंट्स बताया जाएगा कि किसी भी अपराधी ने कोई अपराध किया है तो उसकी मानसिकता क्या थी ? मनोविज्ञान विभाग की ओर से एमए अंतिम वर्ष के लिए तैयार इस कोर्स का पेपर सभी फैकल्टी के छात्र विकल्प के रूप में ले सकेंगे। इसके अलावा कोर्स में उन्हें सफलता के साथ स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए सक्सेजफुल एजिंग, साइकोलाजी आफ वर्क, स्ट्रेस मैनेजमेंट के बारे में भी पढ़ाया जाएगा।
मनोविज्ञान विभाग की शिक्षिका एवं पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. मधुरिमा प्रधान ने बताया कि एमए अंतिम वर्ष के लिए यह कोर्स तैयार किया गया है। पूरा पेपर 100 अंक का होगा। 'साइकोलाजी आफ क्राइम एंड विक्टिम्स' विषय आधारित इस पेपर में बताया जाएगा कि जो लोग अपराध करते हैं, उनकी मनोदशा क्या रही होगी। किशोर अपराधी का क्या मनोविज्ञान है। किस स्थिति में अपराधी बन जाते हैं। वयस्कों और बालकों का असमाजिक व्यवहार कैसा है। कानून के खिलाफ उनका क्या व्यवहार है ? उनके पुर्नवास के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं। ऐसा करें कि अपराध न हों। इस तरह की कई चीजें शामिल की गई हैं।
सक्सेजफुल एजिंग: एमए तीसरे सेमेस्टर में इसे भी शामिल किया गया है। इसमें बताया जाएगा कि उम्र बढ़ने के बाद भी लोग निराश न होकर आगे बढ़ते हैं। उनके अनुभव परिवार और समाज के साथ कैसे हैं। शारीरिक और मनोविज्ञान की दृष्टि से कौन से कारण हैं, जिन्हें ध्यान देने की जरूरत है। यह भी बताया जाएगा कि सफलता पूर्वक वृद्ध होना जीवन के लिए बड़ी उपलब्धि है। मनोविज्ञानिक दबाव न होकर एंजाय करते हुए इसे अवसर के रूप में लेते हैं। जिससे जीवन की गुणवत्ता बनी रहे।
वर्क सायकाल्जी : जब अपने कार्य क्षेत्र में होते हैं, तो कैसा वातावरण है, उसमें सुरक्षा के तरीके क्या हैं ? किस तरह की दिक्कतें आती हैं, उन्हें दूर करने के उपाय आदि। यह सभी कोर्स में पढ़ाया जाएगा।