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Locust Attack: टिड्डियों का रुख बदला, लेकिन खतरा नहीं टला; दो-दो हाथ करने फायर ब्रिगेड तैयार

Locust Attack हमीरपुर में हाई अलर्ट कानपुर देहात के रास्ते राजधानी में आने की बढ़ी संभावना।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 05:40 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 05:40 PM (IST)
Locust Attack: टिड्डियों का रुख बदला, लेकिन खतरा नहीं टला; दो-दो हाथ करने फायर ब्रिगेड तैयार
Locust Attack: टिड्डियों का रुख बदला, लेकिन खतरा नहीं टला; दो-दो हाथ करने फायर ब्रिगेड तैयार

लखनऊ, जेएनएन। Locust Attack: पाकिस्तान की सीमा से राजस्थान तक पहुंचा टिडि्डयों का झुंड आगरा और हमीरपुर के करीब आ गया है। बुधवार की देर शाम तक हमीरपुर के बेतवा नदी के तट पर हरियाली के चलते रुकने की संभावना को देखते हुए हमीरपुर में हाई अलर्ट घोषित किया गया। फायर ब्रिगेड, वन विभाग और उद्यान विभाग के अधिकारियों को तैयार रहने को कहा गया है। हमीरपुर से कानपुर देहात और फिर उन्नाव के रास्ते राजधानी में प्रवेश करने की बढ़ी संभावना के चलते सभी को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।

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उप कृषि निदेशक व टिड्डी रोकथाम के नोडल अधिकारी डॉ.सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि हवा के रूख में कुछ बदलाव हो रहा है, लेकिन अभी खतरा टला नहीं है। प्रयास है कि उन्हें पहले हमीरपुर और फिर कानपुर देहात में ही रोक दिया जाए। इसके लिए सभी विभागों से अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। टिडि्डयों का दूसरा दल आगरा से दूर होने के चलते ललितपुर में दाखिल होने की संभावना लगभग समाप्त होती दिख रही है। बताते चले कि 10 लाख की संख्या में टिडि्डयों का दल पाकिस्तान से होते हुए राजस्थान के रास्ते भारतीय सीमा में आया था जो दो भागों में बंट गया। एक दल राजस्थान होते हुए आगरा की तरफ दूसरा मध्य प्रदेश की अोर चला गया था। ऐसे में दोनों ही तरफ सुरक्षा के साथ ही पूरे प्रदेश में 23 मई को अलर्ट जारी होने के साथ ही एडवाइजरी जारी की गई थी।

 

टिड्डियों से जंग लड़ने को तैयार फायर ब्रिगेड

पाकिस्तान के रास्ते देश में आईं टिडि्डयों से निपटने के लिए फायर ब्रिगेड ने भी तैयारी पूरी कर ली है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी विजय कुमार सिंह ने बताया कि जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह के साथ समन्वय बनाया गया है। सभी वाहनों के चालकों को को अलर्ट मोड में रहने को कहा गया है। कींटनाशकों को रिजर्व करने के साथ ही ब्लॉक स्तर पर पानी के टैक्टर सुरक्षित कर लिए गए हैं। जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने बताया कि पानी के टैकर युक्त ट्रैक्टरों, पॉवर स्प्रेयरों और फायर ब्रिगेड के ट्रकों में रसायन भरा जाएगा। राजधानी के मलिहाबाद माल, काकोरी और सरोजनीनगर में आम की फसल को सर्वाधिक नुकसान की संभावनाओं के चलते विशेष इंतजाम किए गए हैं। हर ब्लॉक में पानी के सभी ट्रैक्टरों को रिजर्व किया गया है। मध्य प्रदेश के सिहोर के किसानों ने थाली बजाकर टिडि्डयों को भागने पर मजबूर कर दिया है। ऐसे में किसान ड्रम या डेग को तेज बजाएं जिससे वह रूकने से पहले ही भाग जाएं। रात में रुकने की संभावना बढ़ जाती है ऐसे में किसी भी तरह का झुंड दिखे तो किसान जिला कृषि अधिकारी के फोन नं.7607000265 व कृषि रक्षा अधिकारी के फोन नं.9445116359 पर तुरंत सूचित करें।

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चार दिन में बढ़ जाता है कुनबा

उप कृषि निदेशक डॉ.सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक टिडि्डयों का दल सफर करता है। 100 से 150 किमी की दूरी पर शाम होने पर ये विश्राम करती हैं। जहां रुकती हैं वहां मादा अंडे देती हैं। चार दिन में इन अंडों से टिडि्डयों के बच्चे निकल जाते हैं। इनकी ताजात इतनी ज्यादा होती है कि पक्षी भी इन्हें चट नहीं कर पाते। जो दल आ रहा है, वह करीब 10 लाख का है। ऐसे में जहां ये बैठेंगी वहां की जमीन पर करीअ छह इंच मोटी चादर सी बिछ जाएग। एक बैठकी में दो से तीन लाख अंडे मादा देंगी। ऐसे में चार दिन मेें इनका कुनबा एक से दो लाख तक बढ़ जाता है।

इनका रखें ध्यान

  • बागवान क्लोरोपायरीफास 50 फीसद या डेल्टामैथ्रिन 28 फीसद मात्रा की दवा एक मिली एक लीटर पानी में घोलकर पेड़ों पर छिड़काव करें।
  • क्लोरोपायरीफास 20 फीसद की ढाई मिली.मात्रा को एक लीटर पानी में घोलकर फाेर्स से छिड़काव करें।
  • टिड्डी दल का प्रकोप हो गया है तो टोली बनाकर विभिन्‍न तरह के परम्परागत उपाय जैसे ढोल, डीजे बजाकर, थाली, टीन के डिब्बे, ट्रैक्टर का सायलेंसर निकाल कर तेज आवाज करें और शोर मचाएं।
  • टिड्डी के विश्राम अवस्था सुबह 3 बजे से 7 बजे के बीच कीटनाशी दवांओं का पंप से छिड़काव करें।
  • आम के बागवान बाग में पानी भर दें जिससे मादा टिड्डा जमीन पर अंडा न दे सके।

 झांसी से अचानक सोनभद्र पहुंचा टिडि्डयों का दल

आगरा से दूर गया टिडि्डयों का दल निगरानी तंत्र को धता बता देर शाम झांसी से होता हुआ सोनभद्र पहुंच गया। सोनभद्र के घोड़ावल में अचानक पहुंचे टिडि्डयों के झुंड को देख अधिकारियों में अफरातफरी मच गई है। उप कृषि निदेशक व नोडल अघिकारी डॉ.सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि सोनभद्र के अधिकारियों को जरूरी सावधानियां बरतने के लिए कहा गया है। टिडि्डयों का दूसरा दल अभी देर शाम तक हमीरपुर नहीं पहुंचा था। सोनभद्र आने वाले दल में दो लाख से अधिक टिडि्डयों  के शामिल होने से संभावना जताई जा रही है कि 10 लाख टिडि्डयों का झुंड तीन भाग में बंटने की संभावना पर भी मंथन चल रहा है। राजधानी अभी सुरक्षित है, लेकिन हमीरपुर आते ही कानपुर के रास्ते आने की संभावना बनी हुई है। रात्रि में दल नहीं चलता ऐसे में प्रभावित इलाकों में रात्रि में  कीटनाशक छिड़काव की तैयारी की जा रही है। भोर में तीन बजे से सुबह सात बजे के बीच टिडि्डयां सोती हैं। इसी बीच कीटनाशक छिड़काव करने की योजना बनाई जा रही है।


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