IISF-2018: अब बच्चों के बैग में होगी अपनी लैब, कुछ ऐसे बढ़ेगा विज्ञान से जुड़ाव
भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक ने बनाया सबसे छोटा फोल्ड स्कोप।सस्ते और छोटे उपकरणों से बढ़ेगी विज्ञान में रुचि।
लखनऊ(संदीप पांडेय)। स्कूलों में साइंस लैब संसाधनों का अभाव झेल रही हैं। ऐसे में प्रयोग न कर पाने से बच्चों का विज्ञान से मोह भंग हो रहा है। मगर शीघ्र ही सस्ते, सुलभ और छोटे उपकरण बाजार में उपलब्ध होंगे। इन्हें किताबों के साथ बैग में भी आसानी से रखा जा सकेगा। वहीं, छात्राओं की वैज्ञानिक जिज्ञासाओं का समाधान करने में भी सक्षम होंगे।
भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में आए भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. मनु प्रकाश की क्लास बच्चों को सबसे अधिक रास आई। उन्होंने लगभग 80 रुपये की लागत से बने फोल्ड स्कोप के जरिए बच्चों को वैज्ञानिक पहलुओं से रूबरू कराया। कार्ड बोर्ड पेपर से बने फोल्ड स्कोप में 175 मैग्नीफिकेशन का लेंस है। साथ ही इसे मोबाइल फोन के कैमरे में कपलर लगाकर अटैच भी किया जा सकता है। इससे सब्जेक्ट को 400 गुना जूम कर स्पष्ट देखने के साथ-साथ उसका डाटा भी संग्रह किया जा सकता है। ऐसे में यह महंगे और धातु के वजनी माइक्रोस्कोप के स्थान पर बच्चों के लिए बेहतर विकल्प साबित होगा। बच्चों को लैब के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा, वह घर ही अपने प्रयोग कर सकेंगे।
क्लोरोफिल से कीटाणु तक पर नजर
डॉ. मनु प्रकाश ने बच्चों को विक्रम अंबालाल साराभाई हाउस में क्लास दी। इसमें उन्होंने अलग-अलग फोल्ड स्कोप को बच्चों को खुद इंस्टॉल करना सिखाया। साथ ही उसके लेंस से पत्तों में क्लोरोफिल, पानी में बैक्टीरिया की पहचान, स्किन सेल्स की पड़ताल व सूक्ष्म जीवों की संरचना का अध्ययन कराया। ऐसे में दूर-दराज से आए बच्चों को यह फोल्ड स्कोप काफी रास आया।
मेरठ के लाल का अमेरिका में नाम
डॉ. मनु प्रकाश मेरठ के मवाना गांव के निवासी हैं। 12वीं तक बरेली में शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्होंने कानपुर आइआइटी से कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया। इसके बाद यूएसए से पीएचडी की। वहां वह स्टेनफोर्ड यूनीवर्सिटी में कार्यरत हैं। उन्होंने अमेरिका में प्रकाश लैब की स्थापना की।
15 उपकरण किए ईजाद, पीएम ने सराहा
डॉ. मनु प्रकाश फोल्ड स्कोप के साथ सेंट्रीफ्यूज व मलेरिया जांच के लिए माइक्रोस्कोप समेत 15 उपकरण बना चुके हैं। उनका मानना है कि साइंस लैब में ही नहीं है, यह घर के किचन और गार्डेन में भी है। ऐसे में हर बच्चे के हाथ में सस्ते उपकरण मुहैया कराना ही मकसद है, ताकि उनमें विज्ञान के प्रति ललक बढ़ाई जा सकेगी। अभी फोल्ड स्कोप ऑनलाइन है, शीघ्र ही बाजार में उपलब्ध होगा। वहीं सितंबर 2015 में अमेरिका पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके उपकरणों को सराहा। इसके चलते प्रकाश लैब और केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के बीच करार हुआ। इसके तहत बच्चों को फोल्ड स्कोप मुहैया कराने शुरू कर दिए गए हैं।