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अब इंटरनेट पर इठलाने लगी संस्कृत, 27 साल के शिक्षण काल में तैयार किए 27 एप

फेसबुक में संस्कृतं भारतम ग्रुप में होता संस्कृत विद्वानों का व्याख्यान। ऐसे कर सकते हैं एप डाउनलोड।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 11:09 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 09:28 PM (IST)
अब इंटरनेट पर इठलाने लगी संस्कृत, 27 साल के शिक्षण काल में तैयार किए 27 एप
अब इंटरनेट पर इठलाने लगी संस्कृत, 27 साल के शिक्षण काल में तैयार किए 27 एप

लखनऊ, [दुर्गा शर्मा] । पौराणिक ग्रंथों और पाठ्य पुस्तिकाओं से निकल संस्कृत अब इंटरनेट पर इठलाने लगी है। कुछ संस्कृत प्रेमियों के प्रयासों से यह संभव हो सका है। राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, जम्मू में विभागाध्यक्ष (शिक्षा शास्त्र) प्रो. मदन मोहन झा भी संस्कृत को आधुनिक परंपरा से जोड़ रहे हैं। 27 साल के शिक्षण काल में इन्होंने 30 एप तैयार किए हैं, जिनमें 27 एप संस्कृत के हैं। साथ ही फेसबुक में 'संस्कृतं भारतम ग्रुप के जरिए भी संस्कृत विद्वानों के व्याख्यान लोगों तक पहुंचाते हैं। प्रो. मदन मोहन झा एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लेने लखनऊ आए थे। 

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लालमणिपट्टी, सहरसा बिहार में जन्मे प्रो. मदन मोहन झा का दरभंगा, पुरी और दिल्ली में अध्ययन हुआ। बड़े भाई प्रो. सर्व नारायण झा दरभंगा विश्वविद्यालय (बिहार) में कुलपति हैं। प्रो. मदन बताते हैं, बड़े भाई को देखकर ही संस्कृत के प्रति ललक पैदा हुई। हमेशा विचार आता कि टेक्नोलॉजी के इस युग में संस्कृत कहीं पीछे न छूट जाए। इसी सोच के साथ 1917 में राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, मुंबई में शिक्षण के दौरान संस्कृत केंद्रित पहला क्विज एप बनाया। एक साल में ही 10 एप बनाए। 

पिता की सोच को बच्चों का साथ 

प्रो. मदन मोहन झा के पुत्र सृजन और पुत्री श्रुति झा सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। वह कहते हैं, मेरे शोध और सोच को बच्चों के तकनीकी ज्ञान का साथ मिलता है। 

 

कृतित्व पर एक नजर 

  • शैक्षणिक योग्यता : आचार्य (व्याकरण), शिक्षाचार्य, विद्यावारिधि। 

प्रकाशन 

  • पुस्तकें : 10, शोध पत्र : 50, निबंध : 50, पुस्तक संपादन : पांच 

पत्रिका संपादन 

  • शिक्षासुधा (संस्कृत शोध त्रैमासिकी), शिक्षासुरभि:, शिक्षारश्मि:, विद्यारश्मि:। 

संगोष्ठी 

  • अंतरराष्ट्रीय : सात, राष्ट्रीय : 100 से अधिक। 

प्राविधिक कार्यशाला : 15

  • विशिष्ट व्याख्यान : 20 (लखनऊ, कानपुर, असम, भोपाल आदि) 

विशिष्ट योग्यता : पद्य रचना (संस्कृत) 

कुछ एप के बारे में 

  • वाचस्पत्यम् : यह संस्कृत का आधुनिक महाशब्दकोष है। 
  • शब्दकल्पद्रुम : यह सात खंडों में पूर्णत: संस्कृत का एकभाषीय कोष है।
  • संस्कृत इंग्लिश डिक्शनरी (शब्दकोष) : इसमें संस्कृत पदों का अंग्रेजी देख सकते हैं। साथ ही उस संस्कृत पद को अंग्रेजी में कैसे लिखा जाएगा, यह भी जाना जा सकता है।
  • शब्दरूपमाला : इसमें करीब 421 शब्दों का रूप उपलब्ध है।   
  • संस्कृत-हिंदी डिक्शनरी : इसमें दस हजार संस्कृत शब्दों का हिंदी में अर्थ उपलब्ध है। 
  • सिद्धांतकौमुदी : संपूर्ण व्याकरण शास्त्र व्याख्यान सहित उपलब्ध है। 
  • संस्कृत अष्टाध्यायी सूत्राणि : इसमें समग्र रूप से अकारादि क्रम से या लिख कर या सूत्र देखकर तीनों प्रकार से स्क्रॉलिंग की सुविधा है। प्रथमावृत्ति (पदच्छेद, समास, सूत्रार्थ, उदाहरण आदि) देख सकते हैं। 
  • धातुरूपमाला : इस एप में पाणिनीयधातुपाठ में विद्यमान प्राय: दो हजार धातुओं का अर्थ आदि निहित हैं। 
  • पाणिनी अष्टाध्यायी : इसमें संपूर्ण पाणिनी अष्टाध्यायी का अध्ययन कर सकते हैं।
  • संस्कृत भाषा दक्षता परिक्षणम : यह प्रश्नोत्तरी के रूप में है। 
  • संस्कृत शास्त्र लोचनम् : संस्कृत से संबंधित कोई भी व्याख्यान सुना जा सकता है। 

बनाया खुद का सर्च इंजन

इन्होंने शास्त्र अन्वेषिका नाम से खुद का सर्च इंजन बनाया है। इसमें संस्कृत के ग्रंथों के व्याख्यान उपलब्ध हैं।

 

ऐसे कर सकते हैं डाउनलोड 

गूगल प्ले स्टोर पर जाकर \Rsrujan jha टाइप करें। इसके बाद एप की सूची आ जाएगी। अपनी जरूरत के हिसाब से डाउनलोड कर सकते हैं। 

ऑनलाइन व्याख्यान भी 

फेसबुक ग्रुप 'संस्कृतं भारतम' भी बनाया है। इसमें हर शनिवार-रविवार शाम आठ से नौ बजे तक संस्कृत विद्वानों के ऑनलाइन व्याख्यान होते हैं। 


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