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देश के किसी भी शहर से कैंट की सुविधाएं हासिल कर सकेंगे नागरिक, शुरू होगा ई-छावनी पोर्टल

छावनी परिषद रक्षा मंत्रालय शुरू करेगा ई-छावनी पोर्टल पायलट प्रोजेक्ट में शामिल होंगे लखनऊ व दिल्ली सहित पांच कैंट।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 09:27 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 09:40 AM (IST)
देश के किसी भी शहर से कैंट की सुविधाएं हासिल कर सकेंगे नागरिक, शुरू होगा ई-छावनी पोर्टल
देश के किसी भी शहर से कैंट की सुविधाएं हासिल कर सकेंगे नागरिक, शुरू होगा ई-छावनी पोर्टल

लखनऊ [निशांत यादव]। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने से लेकर सामुदायिक केंद्रों की बुकिंग तक छावनी परिषद की सभी सुविधाएं अब एक ही ई-पोर्टल पर होंगी। देश के किसी भी क्षेत्र से संबंधित कैंट से ऑनलाइन संपर्क किया जा सकेगा। महानिदेशालय रक्षा संपदा (डीजीडीई) ना केवल देश के सभी 62 छावनी परिषदों को एक ई-पोर्टल से जोड़ेगा, बल्कि उस पोर्टल पर आने वाली शिकायतों और सुविधाओं की निगरानी भी करेगा। इसके लिए मंत्रालय ई-छावनी पोर्टल बना रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इससे लखनऊ, दिल्ली, पुणे, आगरा व सिकंदराबाद कैंट को जोड़ा जाएगा।

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छावनी परिषद रक्षा मंत्रालय की स्वायत्त संस्था हैं, जो नगर निगम की तरह म्युनिसिपल सुविधाएं मुहैया कराती है। शहरवासी मांगलिक आयोजनों के लिए छावनी परिषद के दिलकुशा गार्डन सहित अन्य सामुदायिक केंद्रों की बुकिंग कराते हैं। वहीं, परिषद के अस्पतालों से भी उनका उपचार होता है। छावनी क्षेत्र की सीमा में जन्मे शिशुओं का जन्म प्रमाण पत्र व वहां मौत होने पर मृत्यु प्रमाण पत्र भी यहीं बनता है। छावनी के गेस्ट हाउस लखनऊ सहित कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर भी हैं। अभी इनकी बुकिंग वहां पहुंचने पर ही संभव हो पाती है। छावनी में संपत्तियां खरीदने के बाद नामांतरण के मामले भी अभी ऑफलाइन ही निस्तारित होते हैं।

अब ई-छावनी पोर्टल से देश के सभी कैंट की ऐसी सभी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। पोर्टल पर जाकर किसी भी छावनी का चयन करके ऑनलाइन सारी सुविधाओं की जानकारी और उनका लाभ लिया जा सकेगा। छावनी क्षेत्र के नागरिक अपने जल व भवन कर के बकाये का पता कर उसका ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे। क्षेत्र में गंदगी, पानी का संकट, स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई, सड़क की बदहाली व किसी भी तरह की शिकायत भी इसी पोर्टल पर दर्ज होगी।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

छावनी परिषद, लखनऊ के सीईओ अमित कुमार मिश्र ने बताया कि देश के सभी कैंट को एक ई-पोर्टल से जोड़ा जाएगा। लखनऊ सहित पांच कैंट पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किए गए हैं। आम नागरिक देश के किसी भी कैंट की सुविधाएं चुन सकेंगे। 


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