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Ayodhya News Update: अब अयोध्‍या में रामायण के किरदारों के साथ घूम सकेंगे श्रद्धालु

Ayodhya Shri Ram Janmabhoomi News रामायण पर इंटरैक्टिव होलोग्राफिक प्रोजेक्शन की वायस रिकग्निशन प्रणाली का प्रस्तुतिकरण। आइटी कंपनी ने ट्रस्ट को दिया संग्रहालय का प्रस्ताव जहां साक्षात रामायण के कैरेक्टर से बात कर सकते हैं उनके साथ घूम सकें।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 06:15 PM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 06:15 PM (IST)
Ayodhya News Update: अब अयोध्‍या में रामायण के किरदारों के साथ घूम सकेंगे श्रद्धालु
Ayodhya News : अयोध्‍या में संग्रहालय का प्रस्ताव, साक्षात रामायण के कैरेक्टर से बात व साथ घूम सकेंगे।

अयोध्या, जेएनएन। Ayodhya Shri Ram Janmabhoomi News : श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय और सदस्य डॉ. अनिल मिश्र के समक्ष तकनीक और कला के सम्मिश्रण से रामायण पर इंटरैक्टिव होलोग्राफिक प्रोजेक्शन की वायस रिकग्निशन प्रणाली का होटल शान-ए-अवध में प्रस्तुतिकरण किया गया। इसे वास्तु इंजीनियरिंग और डिजिटल वर्ल्‍ड का मिश्रण कहा गया। 

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आइटी कंपनी सोल्स बियांड साइंस के वास्तुकार प्रगनेश खन्ना ने कहा कि हम अयोध्या में ऐसा संग्रहालय चाहते है, जहां लोग साक्षात रामायण के कैरेक्टर से बात कर सकते हैं, उनके साथ घूम सकें। ऐसा विश्व में अभी तक कहीं नहीं हुआ है। कंपनी ने ट्रस्ट के महासचिव को संग्रहालय के लिए प्रस्ताव दिया है। 

प्रस्तुतीकरण पर ट्रस्ट महासचिव ने कहा कि इसे कल्पना के आधार पर नहीं बल्कि, पुराणों के आधार पर तैयार किया जाए। प्रश्नोत्तर प्रमाणित ग्रंथों के आधार पर होनी चाहिए, न कि खुद से तैयार किए जवाबों पर। 

इससे पूर्व भी इसका प्रस्तुतिकरण गुप्तार घाट पर किया जा चुका है। होलोग्राफिक प्रोजेक्शन की प्रस्तुति को वायस रिकग्निशन प्रणाली से संचालित किया गया। इसके लिए दो-दो टन भारी शीशे के माध्यम से होलोग्राफिक प्रोजेक्टर तैयार किए गए थे, जिसमें भगवान राम की थ्रीडी आकृतियां गतिमान रहीं। कंपनी संस्थापक प्रगनेश खन्ना और निदेशक मंडल के सदस्य शशि जैन बताते हैं कि एक संग्रहालय के लिए कार्य करते समय उन्हें यह विचार आया कि हमारी अति समृद्ध परंपरा और धरोहर से वर्तमान पीढ़ी अपरिचित है। 

 

इस परियोजना के माध्यम से संग्रहालयों, पौराणिक स्थलों और तीर्थों से जुड़े तथ्यों को कृत्रिम रूप से सजीव चित्रित किया जा सकता है। उनसे संवाद भी सुलभ कराया जा सकता है। यह प्रणाली ठीक वैसे ही प्रश्नों को उत्तर देगी, जैसे आज गूगल वायस रिकग्निशन से माध्यम से सर्च इंजन का संचालन करने लगा है। 


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