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Good News : होम्योपैथ कॉलेजों के संविदा शिक्षक होंगे नियमित, आयुषमंत्री ने किया एलान Lucknow News

लखनऊ में प्रांतीयकरण दिवस पर आयुषमंत्री ने किया एलान। होम्योपैथिक कॉलेजों में संविदा शिक्षकों को किया जाएगा स्‍थाई।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 07:33 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 08:07 AM (IST)
Good News : होम्योपैथ कॉलेजों के संविदा शिक्षक होंगे नियमित, आयुषमंत्री ने किया एलान Lucknow News
Good News : होम्योपैथ कॉलेजों के संविदा शिक्षक होंगे नियमित, आयुषमंत्री ने किया एलान Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। आयुष मंत्री डॉ. धर्म सिंह सैनी ने गुरुवार को होम्योपैथिक कॉलेजों में कार्यरत संविदा शिक्षकों को नियमित करने और वर्षों से अटके उनके प्रमोशन को हरी झंडी देने की घोषणा की।

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वे गोमती नगर स्थित नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज में प्रांतीयकरण दिवस पर समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर शिक्षक संघ के महासचिव डॉ. आरपी यादव ने मुख्य अतिथि आयुष मंत्री डॉ. धर्म सिंह सैनी के समक्ष शिक्षकों की समस्याएं रखीं। इस पर आयुष मंत्री ने होम्योपैथिक कॉलेजों में संविदा पर तैनात किए गए शिक्षकों को जल्द नियमित करने की बात कही। साथ ही शिक्षकों के लंबित प्रमोशन, सेवानिवृत्ति शिक्षकों की दोबारा संविदा पर नियुक्ति, वेतन विसंगति, सेवा नियमावली संबंधी समस्याएं निस्तारित करने का आश्वासन दिया। इसके अलावा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए भी बेहतर करने का भरोसा दिया। 

प्रदेश में नौ होम्योपैथिक कॉलेज

प्राचार्य डॉ. अरविंद कुमार के मुताबिक होम्योपैथिक चिकित्सा सेवा का प्रांतीयकरण 11 दिसंबर 1981 को हुआ था। प्रदेश में अब नौ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज हो गए हैं। इनमें लखनऊ, इलाहाबाद, कानुपर, फैजाबाद, गाजीपुर, मुरादाबाद, आजमगढ़, गोरखपुर और अलीगढ़ शामिल हैं। इनमें संविदा शिक्षकों की संख्या सवा दो सौ के करीब है। कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक डॉ. विजय पुष्कर समेत अन्य शिक्षक मौजूद रहे। इस दौरान कार्यरत शिक्षकों को एमडी के लिए भी छूट मांगी गई। 

आयुष में बढ़ा विश्वास

मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार आयुष विधा के उत्थान के लिए प्रयासरत हैं। विदेशों में भी आयुष के प्रति विश्वास बढ़ा है। इसमें हिस्ट्री पूछकर ही बीमारी का इलाज मुमकिन है। वहीं, एलोपैथ में पहले मरीज को हजारों रुपये की जांच करानी पड़ती है। आयुष सुलभ व सस्ती चिकित्सा पद्धति है। 


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