Move to Jagran APP

अब यूपी में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मियों के विरुद्ध शुरू हुआ अभियान, इन नंबरों पर सीधे करें शिकायत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध अभियान के तहत कार्रवाई के कड़े निर्देश दिए हैं। सतर्कता जागरुकता सप्ताह के तहत दो नवंबर तक भ्रष्टाचार की शिकायतों पर विजिलेंस विभाग अभियान के तहत कार्रवाई करेगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 09:13 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 09:49 AM (IST)
अब यूपी में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मियों के विरुद्ध शुरू हुआ अभियान, इन नंबरों पर सीधे करें शिकायत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध अभियान के तहत कार्रवाई के कड़े निर्देश दिए हैं।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष अभियान 'मिशन शक्ति' की तरह उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की मुहिम भी छेड़ी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध अभियान के तहत कार्रवाई के कड़े निर्देश दिए हैं।

loksabha election banner

सतर्कता जागरुकता सप्ताह के तहत दो नवंबर तक भ्रष्टाचार की शिकायतों पर विजिलेंस विभाग अभियान के तहत कार्रवाई करेगा। भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मियों के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराने के लिए हेल्प लाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। भ्रष्टाचार के मामलों की शिकायत सतर्कता विभाग के हेल्प लाइन नंबर 9454401866 तथा कंट्रोल रूम के नंबर 0522-2304937 पर दर्ज कराई जा सकती हैं। 

सत्ता संभालने के बाद से ही उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार तथा भ्रष्टाचारी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं। कार्यकाल के करीब साढ़े तीन वर्ष में सीएम योगी आदित्यनाथ ने हर विभाग को देखा और परखा। इसके बाद भ्रष्टाचारी को सख्त से सख्त सजा दी। बीते दिनों में कई आइपीएस अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने वाले सीएम योगी ने संकेत दिया है कि उनके तेवर अभी भी वैसे ही हैं।

भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए अलग-अलग विभागों के 325 अफसर व कर्मियों को जबरन रिटायर किया जा चुका है। इसके साथ 450 अधिकारियों और कर्मचारियों पर निलंबन और डिमोशन की कार्रवाई की गई है। बीते वर्ष नवंबर में योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करते हुए प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) के सात अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्त थी। 

भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों और कर्मचारियों की पहचान के लिए बनी विभागों की स्क्रीनिंग कमेटी ने भ्रष्टाचार और अक्षमता के आरोपों के आधार पर इन अफसरों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की संस्तुति की थी। यूपी में यह पहला मौका था जब इतनी बड़ी संख्या में एक साथ पुलिस अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया हो।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.