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88 गांवों में महंगी होगी बिजली, उपभोक्तओं को देना होगा शहरी टैरिफ-बढ़ेगी सुविधा Lucknow News

लखनऊ के गांवों में बिजली होगी महंगी सुविधाओं का ग्राफ भी बढ़ेगा। ट्रांसफॉर्मर बदलने ब्रेक डाउन फयूज वायर बिजली बिल जमा करने की सुविधा मिलेगी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 05:30 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 08:31 AM (IST)
88 गांवों में महंगी होगी बिजली, उपभोक्तओं को देना होगा शहरी टैरिफ-बढ़ेगी सुविधा Lucknow News
88 गांवों में महंगी होगी बिजली, उपभोक्तओं को देना होगा शहरी टैरिफ-बढ़ेगी सुविधा Lucknow News

लखनऊ [अंशू दीक्षित]। नगर निगम सीमा में शामिल हुए 88 गांवों के लाखों बिजली उपभोक्ताओं से जल्द ही शहरी टैरिफ वसूला जाएगा। इसकी तैयारी बिजली महकमे ने शुरू भी कर दी है। सौ यूनिट के बाद शहरी व ग्रामीण उपभोक्ताओं के बिजली टैरिफ में डेढ़ गुने का अंतर है।

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पांच सौ यूनिट खर्च करने पर शहरी उपभोक्ता को 7.50 रुपये प्रति यूनिट देना होता है, वहीं ग्रामीण उपभोक्ता अभी तक छह रुपये प्रति यूनिट देता था। हर महीने करीब चार से छह सौ रुपये का बोझ नगर निगम सीमा में शामिल गांवों के उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।

अभियंताओं ने बताया कि ग्रामीण उपभोक्ताओं की जितनी बिजली खपत होगी, उतना बिजली बढ़ता जाएगा। बिजली महकमे को उम्मीद है कि इससे हर माह कई करोड़ का राजस्व मिलेगा। वहीं उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि बिल देने में कोई बुराई नहीं, लेकिन सुविधाओं का ग्राफ बढऩा चाहिए।

शहरी फीडर जल्द होंगे घोषित

बिजली विभाग राजधानी के 88 गांवों के उन सभी ग्रामीण फीडर शहरी फीडर घोषित करेगा। इसको लेकर जल्द ही मध्यांचल एमडी बैठक करेंगे। इसमें यह देखा जाएगा कि कौन सा गांव किस डिवीजन में शामिल हो रहा है और कितने उपभोक्ता हैं।

यह सुविधाएं ग्रामीण उपभोक्ताओं को मिलेंगी

  • पांच से छह किलोमीटर दायरे में ई-सुविधा केंद्र खुलेंगे
  • ट्रांसफॉर्मर शहरी क्षेत्र की तर्ज पर 48 घंटे में बदलेंगे, अभी 72 घंटे में था।
  • डिवीजन की मॉनीटरिंग बढ़ेगी।
  • ब्रेक डाउन, फ्यूज वायर जल्द ठीक होंगे।
  • चौबीस घंटे बिजली देने के लिए बाध्य होंगे।

क्‍या कहते हैं जिम्‍मेदार 

उत्‍तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष, अवधेश वर्मा

नगर निगम में आने से ग्रामीण उपभोक्ताओं से शहरी दरें तब तक नहीं ली जा सकती, जब तक ग्रामीण फीडर को शहरी घोषित न किया जाए। शहरी सुविधाएं देनी होंगी पहले।

एमडी, मध्यांचल संजय गोयल ने कहा कि ग्रामीण उपभोक्ताओं को पूरी सुविधाएं पहले भी दी जा रही थीं। शहरी फीडर घोषित होने के बाद नियमानुसार सभी सुविधाएं दी जाएंगी।


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