कोई लेनदेन न होने पर बंद हो सकते हैं 66 लाख जनधन खाते
बीते दो साल से इन सभी खातों का शून्य है बैलेंस। इन्हें बंद करने के लिए बैंकों को 30 जून तक की मियाद का इंतजार।
लखनऊ[पुलक त्रिपाठी]। यूपी के 66 लाख जनधन खाते बंद हो सकते हैं। पिछले दो साल से लेनदेन न होने से बैंक इन खातों को निष्क्रिय मान रही हैं। इनमें करीब दो लाख खाते लखनऊ जिले के हैं।
प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत वर्ष 2014 से सभी राष्ट्र्रीयकृत व निजी बैंकों द्वारा शून्य बैलेंस पर खाते खोल गए थे। मकसद था बैंकिग सेवाओं से वंचित रहे लोगों को बैंकों से जोड़ा जाय। बीते दो सालों से करीब 66 लाख जनधन खाता धारकों ने कोई लेनदेन ही नहीं किया। इन खातों में शून्य बैलेंस ही बरकरार है। बैंकें इन खातों के लेनदेन पर रोक के साथ ही इन्हें बंद करने पर भी विचार कर रही हैं। शक के दायरे में भी खाते
किसी ने पीएम आवास तो किसी ने 15 लाख आने के लालच में खाते खोलवाए। अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के मकसद से भी जनधन खाते खोलवाए गए। बैंकों में भी इन खातों को खोलने की होड़ रही। बैंक सूत्रों की माने तो इन खातों में लंबे समय से कोई लेनदेन न होने के कारण यह शक के दायरे में भी आ रहे हैं। माना जा रहा है कि ये जनधन खाते उन खाताधारकों के हैं जिन्होंने एक नहीं बल्कि कई बैंकों में खाते खोलवाए थे। आधार से फिल्टर होकर सामने आए खाते
बैंकों द्वारा उपलब्ध कराए गए आकड़ों के मुताबिक प्रदेश में कुल 4 करोड़ 78 लाख 87 हजार 511 जनधन खाते हैं। आधार से खातों को सीडिंग (लिंक) किए जाने के दौरान यह संख्या सामने आई है। ऐसे 66 लाख जनधन खाते हैं जिनमें लंबे समय से लेनदेन नहीं हुआ है। बहरहाल बैंकें 30 जून तक की मियाद के समाप्त होने के इंतजार में है। क्या कहना है बैंक महाप्रबंधक का?
इलाहाबाद बैंक महाप्रबंधक दिनेश कुमार के मुताबिक, ऐसे खाता धारकों को नोटिस दी गई है। यह मालूम करने का प्रयास किया गया है कि खाताधारक अस्तित्व में है अथवा नहीं। अगर खाताधारक की ओर से जवाब नहीं आ रहा है तो ऐसे खातों को बंद कर देना चाहिए। इन खातों के संबंध में निर्देशों के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।