अब यूपी में कोरोना के सैंपल लेने और मरीजों के ठीक होने के बाद छोड़ने घर नहीं जाएगी 108 एंबुलेंस
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के घर से उनका नमूना लेने अब 108 एंबुलेंस और एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम (एएलएस) एंबुलेंस नहीं जाएंगी।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के घर से उनका नमूना लेने अब 108 एंबुलेंस और एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम (एएलएस) एंबुलेंस नहीं जाएंगी। कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने पर उन्हें घर तक छोड़ने के लिए भी इन एंबुलेंस का प्रयोग नहीं किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने प्रदेश के सभी डीएम व सीएमओ को इसके निर्देश जारी किए हैं। राज्य में कुल एंबुलेंस में से आधे से अधिक का प्रयोग इस समय कोरोना जांच के नमूने लेने के लिए जा रही टीम और संक्रमित मरीज के स्वस्थ होने पर उसे घर छोड़ने के लिए किया जा रहा है।
जिलों में इन एंबुलेंस का इस्तेमाल कोरोना संदिग्धों का नमूना लाने और स्वस्थ हुए कोरोना मरीजों को घर पहुंचाने के लिए किए जाने से अन्य बीमारियों से ग्रस्त गंभीर रोगियों को अस्पताल तक लाने में दिक्कत होने की लगातार शिकायतें आ रही थीं। कई जगह मरीज और तीमारदार भी समय पर एंबुलेंस न मिलने से हंगामा कर रहे हैं। ऐसे में अब सिर्फ मरीजों को अस्पताल लाने व ले जाने के लिए ही इन एंबुलेंस का प्रयोग किया जाएगा।
यूपी में 108 सेवा की 2200 व एएलएस सेवा की करीब 250 एंबुलेंस चलाई जा रही हैं। इनमें आधे से अधिक का प्रयोग इस समय कोरोना जांच के नमूने लेने के लिए जा रही टीम व संक्रमित मरीज के स्वस्थ होने पर उसे घर छोड़ने के लिए किया जा रहा है। एनएचएम निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने अब डीएम व सीएमओ को इसके लिए अपने स्तर पर एंबुलेंस व वाहन का इंतजाम करने को कहा है।
मोबाइल वैन के जरिये अस्पतालों से लिए जाएंगे कोरोना के नमूने : यूपी के प्रमुख अस्पतालों में कोरोना जांच के नमूने लेने के लिए अब मोबाइल वैन पहुंचेगी। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने वैन पहुंचने पर भर्ती मरीजों की सैैंपलिंग का जिम्मा अस्पतालों को सौंपा है। प्रदेश में बनाई गईं 56,164 हेल्प डेस्क के जरिये अब तक कोरोना के लक्षण वाले 69,633 लोगों को चिन्हित किया गया है, जिनकी जांच कराई जा रही है।
अब पैरामेडिकल स्टाफ नहीं करेगा थर्मल स्कैनिंग व स्क्रीनिंग : यूपी में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 60 हजार के पार होने के बाद अब अस्पतालों में लगातार पैरामेडिकल स्टाफ की मांग बढ़ रही है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अभी तक जिन पैरामेडिकल स्टाफ को थर्मल स्कैनिंग और मेडिकल स्क्रीनिंग के काम में लगाया गया था, उन्हें अब इस ड्यूटी से हटाकर अस्पतालों में भेजा जाएगा। सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वी.हेकाली झिमोमी की ओर से भी डीएम को निर्देश दिए गए हैं कि वह अब पैरामेडिकल स्टाफ से इस तरह के कार्य न लें। इस काम में अन्य कर्मचारियों को लगाने को कहा गया है। इसके लिए सभी विभागों के कर्मचारियों व उपलब्ध आउटसोर्स कर्मचारियों को थर्मल स्कैनिंग व स्क्रीनिंग का प्रशिक्षण देकर उनसे यह काम कराने को कहा गया है। पैरामेडिकल स्टाफ को जरूरत के मुताबिक कोविड-19 अस्पतालों में भेजा जाएगा।