OPD on Railway Track: पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की अनूठी पहल, छोटे स्टेशनों तक पहुंच रहे डॉक्टर
इन दिनों बड़ी संख्या में छोटे स्टेशनों पर तैनात रेलकर्मी भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन ने छोटे स्टेशनों के रेलकॢमयों तक ही सीधे उपचार पहुंचाने का निर्णय लिया।
लखनऊ, [निशांत यादव]। कोरोना काल में ऐसे छोटे स्टेशन जहां तैनात रेलवे कर्मियों तक हेल्थ यूनिट नही पहुंच पा रही हैं, ऐसे रेलकर्मियों और उनके परिवार को कोरोना व अन्य बीमारियों से बचाने के लिए रेलवे ने पटरी पर दौड़ती मोबाइल ओपीडी की शुरुआत की है। यह एक कोच और इंजन के साथ कई रेलखंडों पर चल रही है। इसमें रेलवे के डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ अपने साथ जरूरी दवाएं और ऑक्सीमीटर जैसे उपकरण लेकर चलते हैं।।
दरअसल बड़े कार्यस्थलों पर रेलवे की अपनी हेल्थ यूनिट की व्यवस्था होती है। जहां रेलवे के डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ तैनात रहते हैं। इन हेल्थ यूनिट में आसपास के छोटे स्टेशनों पर तैनात रेलकर्मी और उनका परिवार ओपीडी में उपचार कराता है। इन दिनों बड़ी संख्या में छोटे स्टेशनों पर तैनात रेलकर्मी भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन ने छोटे स्टेशनों के रेलकर्मियों तक ही सीधे उपचार पहुंचाने का निर्णय लिया।
डीआरएम डा. मोनिका अग्निहोत्री ने सीतापुर, गोंडा और गोरखपुर सहित सभी लाइन हेल्थ यूनिट को अपने यहां से मोबाइल मेडिकल ट्रेन चलाने का आदेश दिया। पिछले दिनों सीतापुर से बुढ़वल और सीतापुर से मैलानी तक एक कोच वाली इस ट्रेन को चलाया गया। मोबाइल ओपीडी से ही रेलकर्मियों के रोगों का उपचार किया गया। उनको कोरोना के लक्षण होने पर पहले से तैयार दवा की किट भी उपलब्ध कराई गई। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के जनसंपर्क अधिकारी महेश गुप्ता ने बताया कि अपने यहां के सभी छोटे स्टेशनों तक मोबाइल ओपीडी का लाभ रेलकॢमयों को देंगे। डीआरएम ने इसकी पहल की है।
ब्रिटिशकालीन है व्यवस्था : रेलकॢमयों के लिए ब्रिटिशकाल में वर्कमैन ट्रेन चलती थी, जो उनको नजदीकी रेलवे स्टेशन से लखनऊ लेकर आती थी। हालांकि कुछ साल पहले यह व्यवस्था खत्म कर दी गई थी।