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Shri Ram Mandir : श्रीराम मंदिर के लिए पत्थर का कोई संकट नहीं, अधिकृत खदानों से आएंगे पत्थर : ट्रस्ट

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ.अनिल मिश्र ने कहा कि अवैध खनन रोकना किसी सरकार की अपनी जिम्मेदारी है। मंदिर के लिए पत्थर मिलने का का कोई संकट नहीं है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 07:06 PM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 08:58 AM (IST)
Shri Ram Mandir : श्रीराम मंदिर के लिए पत्थर का कोई संकट नहीं, अधिकृत खदानों से आएंगे पत्थर : ट्रस्ट
Shri Ram Mandir : श्रीराम मंदिर के लिए पत्थर का कोई संकट नहीं, अधिकृत खदानों से आएंगे पत्थर : ट्रस्ट

अयोध्या, जेएनएन। राजस्थान में भरतपुर की उन खदानों पर रोक से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट विचलित नहीं है, जहां से मंदिर निर्माण के लिए लाल पत्थर आने हैं। ट्रस्ट के सदस्य डॉ.अनिल मिश्र ने कहा कि अवैध खनन रोकना किसी सरकार की अपनी जिम्मेदारी है। जहां तक मंदिर के लिए पत्थर मिलने का सवाल है, उसका कोई संकट नहीं है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट यह सुनिश्चित करेगा कि जिन खदानों से मंदिर निर्माण के लिए पत्थर लाए जाएं, वे पूरी तरह अधिकृत हों।

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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ.अनिल मिश्र के मुताबिक कई ऐसे स्थल हैं, जहां पहले से ही समुचित मात्रा में पत्थर का भंडारण किया गया है। ट्रस्ट की योजना इन जगहों से भी पत्थर खरीद की है। पांच अगस्त को भूमि पूजन के बाद से तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर निर्माण की दिशा में युद्धस्तर पर सक्रिय है। तीन दशक पूर्व प्रस्तावित मंदिर के आकार-प्रकार में वृद्धि के साथ समय से मंदिर निर्माण किसी चुनौती से कम नहीं माना जा रहा है।

रामनगरी अयोध्या में पूर्व प्रस्तावित श्रीराम मंदिर में जहां 1.75 लाख घन फीट पत्थर की जरूरत थी, वहीं आकार में वृद्धि के बाद पत्थर की जरूरत बढ़कर करीब चार लाख घन फीट हो गई है। पूर्व प्रस्तावित मंदिर 268 फीट लंबा, 140 फीट चौड़ा एवं 128 फीट ऊंचा था, जबकि आकार वृद्धि के बाद प्रस्तावित श्रीराम मंदिर 360 फीट लंबा, 235 फीट चौड़ा एवं 161 फीट ऊंचा है।

अयोध्या भेजे जाने वाले पत्थर के खनन पर रोक : बता दें कि राजस्थान सरकार के खान विभाग, भरतपुर जिला प्रशासन और पुलिस ने बंशी पहाड़पुर में गुलाबी पत्थर के खनन पर रोक लगाई है। ये गुलाबी पत्थर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के काम आने वाले हैं। राजस्थान में भरतपुर जिले के बंशी पहाड़पुर की खानों से निकाले जाने वाले पत्थर पर रोक लगाने के निर्णय से मंदिर निर्माण के काम में कुछ बाधा उत्पन्न हो सकती है। प्रशासन ने करीब ढ़ाई दर्जन ट्रक जब्त किए हैं। प्रशासन का कहना है कि बंशी पहाड़पुर में अधिकारिक रूप से खनन के लिए किसी को लीज आवंटित नहीं की गई थी, यहां अवैध खनन हो रहा था। भरतपुर जिला प्रशासन, खान और वन विभाग के अधिकारियों की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए बंशी पहाड़पुर में खनन कार्य रोक दिया।

पत्थर कहां जा रहे थे यह जानकारी नहीं : जिला कलेक्टर नथमल डिडेल का कहना है कि बंशी पहाड़पुर में अवैध खनन की सूचना मिलने पर वहां कार्रवाई कर रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा कि पत्थर ले जाते हुए कुछ ट्रकों को जब्त किया गया है। उन्होंने कहा कि ये ट्रक पत्थर कहां लेकर जा रहे थे, इस बात की जानकारी नहीं है, अवैध खनन का पत्थर होने के कारण रोका गया है। बयाना के उपखंड अधिकारी संतोष कुमार मीणा का कहना है कि राम मंदिर तो बनेगा ही, लेकिन इसके लिए अवैध खनन को अनुमति नहीं दी जा सकती। अवैध खनन का पत्थर ले जा रहे 50 ट्रकों को पिछले तीन दिन में रोका गया है। हालांकि यह नहीं कहा जा सकता कि ये सभी ट्रक अयोध्या जा रहे थे। 

कई सालों से अयोध्या जा रहा है पत्थर : बयाना की पटेल स्टोन इंडस्ट्री के निदेशक देवेंद्र पटेल व भरतपुर विहिप के कार्यकर्ता गिरिराज अग्रवाल का कहना है कि वर्ष 2006 से बंशी पहाड़पुर से पत्थर अयोध्या भेजा जा रहा है। करीब एक लाख घनफीट पत्थर भेजा जा चुका है, लेकिन अब प्रशासन ने यहां खनन पर रोक लगा दी। पांच हजार साल इसकी उम्र होती है, बारिश का पानी गिरने पर इसकी चमक बढ़ती है। पत्थर व्यवसायी ओमप्रकाश ने बताया कि पहाड़पुर क्षेत्र का पत्थर अन्य से बेहतर है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1990 में अयोध्या में कार्यशाला की स्थापना हुई थी। उस समय स्व.अशेक सिंघल, राम जन्मभूमि न्यास के पहले अध्यक्ष स्व.महंत रामचंद्र दास ने भरतपुर आकर बंशी पहाड़पुर के पत्थर का चयन किया था। उन्होने कहा कि अब खनन रोकने से मंदिर निर्माण में देरी हो सकती है।


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