निर्भया की मां बोलीं : न्याय में देरी से बढ़ता है अपराध
चारबाग मेट्रो स्टेशन पर बेटियों की सुरक्षा के लिए कार्यक्रम आयोजित। निर्भया की मां बोलीं, महिलाओं को खुद जागरूक और एकजुट होने की जरूरत।
लखनऊ, (जेएनएन)। छह साल पहले दिल्ली की काली रात में निर्भया के साथ जो बर्बरता हुई, उसने सभी को झकझोर दिया। ऐसे हालात का जन्म इसलिए हुआ क्योंकि अपराध करने वाले अपराधियों को कानून व्यवस्था का कोई खौफ नहीं है। कुछ मामलों में अपने साथ हुई घटना को बताने में महिलाएं डरती हैं तो कुछ में अपराधी ही उनको डराते हैं। इनके बीच कुछ मामले न्यायालय पहुंच जाते हैं तो केस बहुत लंबा चलता है। ऐसे में महिलाओं को खुद जागरूक और एकजुट होने की जरूरत है। यह बात निर्भया की मां ने चारबाग मेट्रो स्टेशन पर एलएमआरसी द्वारा बेटियों की सुरक्षा पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही। निर्भया की मां ने बेटियों के साथ होने वाली बर्बर घटनाओं को रोकने के लिए मुहिम चलाई है। इसी क्रम में वह बुधवार को लखनऊ में थी।
निर्भया की मां ने कहा कि मैं दिल्ली में रहती हूं। वहां पढ़ती हूं कि हर रोज बल्कि हर घंटे ऐसी (दुराचार और बर्बरता की) घटनाएं हो रही हैं। यह सब देख दिल व्यथित हो उठता है। कहीं न कहीं हमें संघर्ष करने की जरूरत है। हमें देखना होगा कि कहां कमी हो रही है। उन्होंने कहा कि अब हमारी बच्चियां जागरूक हो रही हैं। युवा भी जागरूक हो रहे हैं। फिर भी कहीं न कहीं हम चूक रहे हैं। यह चूक हमारी न्याय व्यवस्था में है। क्योंकि अपराध बढ़ने के साथ हमारी न्याय व्यवस्था कदम से कदम नहीं मिला पा रही है। उनको (न्यायिक व्यवस्था) को चाहिए कि वह फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाएं। न्याय दिलाने के लिए समयसीमा तय करें। उन्होंने कहा कि यदि मामला किसी तरह कोर्ट में चला जाता है तो केस कितने साल चलेगा यह पता नहीं होता है।
आरोपियों को सजा दिलाने के लिए छह साल से मैं लगातार संघर्ष कर रही हूं। आरोपियों को समय से और कड़ी सजा ना मिलने से आज हमारे समाज में तीन-तीन साल की बच्चियों के साथ रेप हो रहे हैं। निर्भया की मां ने कहा कि उस घटना (निर्भया) के बाद महिलाएं भी एकजुट हुईं हैं। जब तक चुप रहेंगे तब तक हमारे साथ हमारे बच्चों के साथ क्राइम होता रहेगा। छोटी घटनाओं पर भी खिलाफत में आवाज उठाएं।