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टेरर फंडिंग मामले में नाइजीरियन नागरिक माइकल और पीटर ने एटीएस के सामने खोले कई राज

टेरर फंडिंग गिरोह के मास्टर माइंड नाइजीरियन नागरिक माइकल एवं हरमन पीटर असंगा ने पूछताछ में कई राज उगले हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 05:22 PM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 05:25 PM (IST)
टेरर फंडिंग मामले में नाइजीरियन नागरिक माइकल और पीटर ने एटीएस के सामने खोले कई राज
टेरर फंडिंग मामले में नाइजीरियन नागरिक माइकल और पीटर ने एटीएस के सामने खोले कई राज

लखनऊ, जेएनएन। मुबंई (महाराष्ट्र) से गिरफ्तार टेरर फंडिंग गिरोह के मास्टर माइंड नाइजीरियन नागरिक माइकल एवं हरमन पीटर असंगा ने पूछताछ में कई राज उगले हैं। पूछताछ में पता चला है टेरर फंडिंग नेटवर्क में कई भारतीय भी शामिल हैं। अब यूपी एटीएस इस नेटवर्क में शामिल लोगों की तलाश में है। दोनों अभियुक्तों ने पूछताछ में यूपी एटीएस को बताया है कि नेपाली नागरिकों और भारत नागरिकों से 5 से 10 फीसद कमीशन रुपये मंगाते थे। इन रुपयों को एजेंटों के माध्यम से विभिन्न बैंक खातों से पाकिस्तान के इस्लामाबाद, लाहौर व कराची के साथ चीन और रूस तक भेजते थे।

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टेरर फंडिंग मामले में लखीमपुर खीरी की सीजेएम कोर्ट ने नाइजीरिया नागरिक दो अभियुक्तों को एटीएस को 7 दिन की रिमांड पर सौंप दिया था। एटीएस की इनसे पूछताछ के बाद कई राज उजागर हुए हैं। पूछताछ में पता चला है कि ये अपने एजेंटों के माध्याम से नेपाली बैंक के पीएलओ खातों को हैक कर पैसे नेपाली बैंक खातों में ट्रांसफर करते थे। इनके पास से अनेक प्रकार के साइबर फ्रॉड से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। इसके साथ ही हरमन पीटर असंगा ने खुद को भारतीय नागरिक बताया था। उसने खुद को भारतीय पिता और तंजानिया की मां की संतान बताया था, लेकिन पूछताछ और मिले दस्तावेजों के आधार पर पता चला है कि वह तंजानिया का नागरिक है। इस बात की पुष्टि तंजानिया दूतावास से कराई जा रही है।

माइकल नाइजीरियन नागरिक है, जो मार्च, 2018 में छह माह के लिये टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था। वीजा समाप्त होने के बाद भी वह भारत से नहीं गया। उसके विभिन्न प्रकार के साइबर अपराध में शामिल होने के तथ्य सामने आए हैं। उसके पास से मिली इलेक्ट्रानिक डिवाइस से भारतीय एजेंटों के माध्यम से नेपाली बैंकों को हैक करने के साक्ष्य भी मिले हैं। इनसे पूछताछ में पता चला है कि कई विदेशी नागरिकों के साथ ही भारतीय नागरिक भी इस अपराध में शामिल थे। अब इन सभी के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। एटीएस ने दोनों से पूछताछ के बाद बुधवार को लखीमपुर खीरी जेल में दाखिल करा दिया है।

लखीमपुर में पकड़े गए थे चार अभियुक्त

11 अक्तूबर को लखीमपुर खीरी पुलिस की क्राइम ब्रांच और निघासन थाने की पुलिस ने टेरर फंडिंग गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार अभियुक्तों उम्मेल अली, संजय अग्रवाल, समीर सलमानी व एराज अली को गिरफ्तार किया था। उम्मेद अली, संजय अग्रवाल व एराज अली मूल रूप से लखीमपुर खीरी के तिकुनिया थाना क्षेत्र के ही रहने वाले हैं, जबकि समीर सलमानी बरेली जिल के इज्जतनगर थाना क्षेत्र स्थित ग्राम परतापुर चौधरी का रहने वाला है। गिरोह के कब्जे से बड़ी मात्रा में भारतीय व नेपाली मुद्रा बरामद हुई थी। इनसे पूछताछ के बाद इस टेरर फंडिंग गिरोह के मास्टर माइंड नाइजीरियाई नागरिकों के बारे में जानकारी मिली थी।


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