जम्मू-कश्मीर से की जा रही टेरर फंडिंग की कड़ियां खंगाल रही NIA, पांच युवकों की भूमिका की जांच
लखनऊ से पकड़े गए मिनहाज अहमद व मसीरुद्दीन के साथ लेनदेन की आशंका में ही एनआइए ने जम्मू-कश्मीर शोपियां व बडगाम जिलों के पांच ठिकानों पर छापेमारी की थी और अब जांच एजेंसी संदेह के घेरे में आए पांच युवकों की भूमिका की गहनता से पड़ताल कर रही है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) अलकायदा समर्थित अंसार गजवातुल हिंद (एजीएच) के आतंकियों को जम्मू-कश्मीर से की जा रही फंडिंग की कड़ियां खंगालने में जुट गई है। लखनऊ से पकड़े गए मिनहाज अहमद व मसीरुद्दीन के साथ लेनदेन की आशंका में ही एनआइए ने जम्मू-कश्मीर शोपियां व बडगाम जिलों के पांच ठिकानों पर छापेमारी की थी और अब जांच एजेंसी संदेह के घेरे में आए पांच युवकों की भूमिका की गहनता से पड़ताल कर रही है। बरामद दस्तावेजों व डिजिटल डिवाइस की जांच के आधार पर एनआइए ठोस साक्ष्य जुटाने के प्रयास कर रही है। जिसके बाद संदिग्धों पर कानूनी शिकंजा कसेगा।
लखनऊ में 11 जुलाई को पकड़े गए अलकायदा समर्थित अंसार गजवातुल हिंद (एजीएच) के सक्रिय सदस्य मिनहाज अहमद व मसीरुद्दीन से पूछताछ के बाद ही उनके जम्मू-कश्मीर कनेक्श्न सामने आए थे। उत्तर प्रदेश एटीएस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार करने के बाद उनके तीन अन्य साथियों को भी दबोचा था।
मिनहाज व उसके साथियों का अलकायदा के इंडियन सबकांटीनेंट माड्यूल एजीएच का देश में संचालन कर रहे उमर हलमंडी से सीधा संपर्क होने तथा आरोपितों के तार कई राज्यों से जुड़े होने के तथ्य सामने आने के बाद इस महत्वपूर्ण मामले की जांच एनआइए को सौंप दी गई थी। एनआइए ने इस माड्यूल की छानबीन शुरू करने के साथ ही एटीएस से उसकी पड़ताल से सामने आए सभी तथ्यों की जानकारी भी की थी। मिनहाज के जम्मू-कश्मीर कनेक्शन की छानबीन के दौरान ही उसे फंडिंग किए जाने के तथ्य भी सामने आए हैं। एनआइए अब इस दिशा में अपनी जांच के कदम बढ़ा रही है।
उल्लेखनीय है कि एनआइए ने एक दिन पूर्व जम्मू-कश्मीर में पांच ठिकानों में छापेमारी की थी। मिनहाज व उसके साथी उत्तर प्रदेश के कई शहरों में धमाके करने का षड्यंत्र रच रहे थे। एनआइए अलकायदा समर्थित अंसार गजवातुल हिंद से जुड़े कई अन्य संदिग्धों की भी पड़ताल कर रही है।