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एटा में बुजुर्ग बंदी को अस्पताल में जंजीर से जकड़ने पर NHRC गंभीर, मुख्य सचिव से मांगा जवाब

एनएचआरसी ने एटा में 92 वर्ष के बंदी को अस्पताल में जंजीर से जकड़कर रखे जाने के मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। आयोग ने इस मामले में मुख्य सचिव से जवाब तलब किया है। आयोग ने नोटिस देकर छह सप्ताह में पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तलब की है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 08:15 AM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 09:02 AM (IST)
एटा में बुजुर्ग बंदी को अस्पताल में जंजीर से जकड़ने पर NHRC गंभीर, मुख्य सचिव से मांगा जवाब
एनएचआरसी ने एटा में बुजुर्ग बंदी को अस्पताल में जंजीर से जकड़कर रखने पर मुख्य सचिव को नोटिस भेजा है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के एटा जिले में बीते दिनों संवेदनहीनता की तस्वीर सामने आई थी। एटा जिला कारागार से नॉन कोविड हॉस्पिटल में इलाज कराने आए 92 साल के सजायाफ्ता बुजुर्ग बंदी को पुलिस वाले जंजीरों में जकड़ कर गायब हो गए। बुजुर्ग बंदी के पैर में जंजीर डाल कर उसे बेड से बांध दिया गया। इसकी तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। आयोग ने इस मामले को लेकर मुख्य सचिव से जवाब तलब किया है। आयोग ने नोटिस देकर छह सप्ताह में पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तलब की है।

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बीते दिनों एटा के एक अस्पताल में बुजुर्ग बंदी को जंजीर से जकड़कर रखे जाने की तस्वीर वायरल हुई थी। मामले में दोषी पाए गए एटा जिला कारागार के जेल वार्डर को 13 मई को निलंबित कर दिया गया था और विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए थे। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपने नोटिस में 92 वर्ष के बीमार बंदी को जेल में रखे जाने को लेकर राज्य में बंदियों की समयपूर्ण रिहाई संबंधी बोर्ड की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पूछा है कि बोर्ड की पिछली बैठक कब हुई थी और बोर्ड के समक्ष कितने मामले लंबित हैं। वर्ष 2020 और 2019 में बोर्ड द्वारा कितने बंदियों की सजा को कम किया गया है और कारागारों में ऐसे मामलों को बोर्ड के समक्ष भेजने के लिए क्या व्यवस्था अपनाई जा रही है। आयोग ने मानवाधिकारों की सुरक्षा व जेलों में भीड़ कम किए जाने का सुझाव भी दिया है।

दरअसल, हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बाबूराम को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एटा जनपद के कुल्ला हबीबपुर गांव का रहने वाले बुजुर्ग बाबूराम हत्या के आरोप में जेल काट रहे हैं। वह 6 फरवरी 2021 से एटा जेल में हैं। उनको एटा जेल में सांस लेने में तकलीफ हुई तो जेल प्रशासन ने उसे 9 मई को जिला अस्पताल एडमिट करने के लिए भेजा।

जिला अस्पताल में बेड खाली न होने का हवाला देकर उन्हें अलीगढ़ भेजा गया। अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में भी बेड नहीं मिला तो उसे 10 मई को फिर एटा भेजा गया, जहां उसे जिला अस्पताल में एडमिट कर लिया गया। चूंकि बाबूराम को सांस लेने में सिर्फ तकलीफ थी और कोविड टेस्ट हुआ था, लेकिन रिपोर्ट नहीं आई थी। इसलिए उसे नॉन कोविड वार्ड में एडमिट किया गया था।


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