बलरामपुर में अधेड़ के शव को कूड़ा गाड़ी में ले जाने पर एनएचआरसी का यूपी सरकार को नोटिस
बलरामपुर में शव को कूड़ा गाड़ी से ले जाए जाने के मामले का संज्ञान लेकर एनएचआरसी ने डीजीपी और बलरामपुर नगर निगम के अध्यक्ष को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में पुलिस और प्रशासन की लापरवाही के एक और मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बेहद गंभीरता से लिया है। बलरामपुर में शव को कूड़ा गाड़ी से ले जाए जाने के मामले का संज्ञान लेकर एनएचआरसी ने डीजीपी और बलरामपुर नगर निगम के अध्यक्ष को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। एनएचआरसी ने प्रकरण का स्वत: संज्ञान लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।
बता दें कि बलरामपुर के उतरौली ब्लॉक में शव को कूड़ा गाड़ी से ले जाने का यह शर्मनाक मामला सामने आया है। शव को कूड़ा गाड़ी से ले जाए जाने का विडियो वायरल होने के बाद बलरामपुर में तैनात तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित व चार नगर निकाय कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई थी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा किया गया कृत्य अमानवीय है। किसी भी सभ्य समाज में पुलिसकर्मियों व नगर निकाय कर्मियों को ऐसा व्यवहार शोभा नहीं देता और न ही ऐसा व्यवहार स्वीकार्य है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव से सभी जिलों और नगर निकायों के अधिकारियों को इस घटना के दृष्टिगत कड़े निर्देश जारी करने की अपेक्षा भी की है। ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। सड़क पर घायल मिले किसी व्यक्ति का सम्मान से इलाज कराए जाने तथा किसी मृत व्यक्ति के शव को पूरे सम्मान के साथ उसके परिवारीजन को सौंपने की प्रकिया अपनाई जाए। एनएचआरसी से कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वालों के लिए श्मशान घाट व कब्रिस्तान चिन्हित करने की बात भी कही है।
राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य कुंवर इकबाल हैदर ने डीएम व एसपी को नोटिस जारी कर दो दिन में जवाब मांगा है। उन्होंने डीएम व एसपी से फोन पर पूछा कि यह घटना क्यों और कैसे हुई? साथ ही इसके दोषियों पर क्या कार्रवाई की गई? उन्होंने कहा कि यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है।
बता दें कि बुधवार की शाम बलरामपुर के उतरौला तहसील गेट के सामने सादुल्लाहनगर क्षेत्र के सहजौरा गांव निवासी अनवर अली ने दम तोड़ दिया। सड़क के किनारे पड़े शव को देखकर कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मृतक को कोरोना संदिग्ध मानते हुए पुलिस ने हाथ नहीं लगाया। इसके बाद नगर पालिका परिषद से कूड़ा गाड़ी व सफाई कर्मियों को बुलाकर शव को गाड़ी में रखवा दिया। कूड़ा गाड़ी में शव को रखने की इस शर्मनाक घटना का वीडियो गुरुवार को वायरल हो गया। वायरल वीडियो में नगर पालिका कर्मी शव को उठाकर कचरा गाड़ी में रखते नजर आ रहे हैं। सामने पुलिस भी खड़ी दिख रही है। मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए वीडियो में दिख रहे उपनिरीक्षक रवींद्र कुमार रमन, आरक्षी शुभम पटेल व शैलेंद्र शर्मा को एसपी ने निलंबित कर दिया है। वहीं, जिलाधिकारी ने मामले में संलिप्त नगर पालिका परिषद के चार कर्मियों को कार्यमुक्त कर दिया है।