NGT का यूपी सरकार को निर्देश, नदियों के किनारों पर सघन पौधरोपण की योजना बनाए सरकार
एनजीटी ने प्रदेश की ऐसी एक दर्जन नदियों की सूची जारी कर सरकार को निर्देश दिया है कि वह इनके किनारे सघन पौधरोपण की कार्ययोजना बनाकर उसके सामने प्रस्तुत करे।
लखनऊ [गिरीश पांडेय]। नदियों के प्रदूषण से चिंतित नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने प्रदेश की ऐसी एक दर्जन नदियों की सूची जारी कर सरकार को निर्देश दिया है कि वह इनके किनारे सघन पौधरोपण की कार्ययोजना बनाकर उसके सामने प्रस्तुत करे। मुख्य सचिव को 26 अप्रैल को यह कार्ययोजना एनजीटी में पेश करनी है।
दिल्ली से लेकर देवरिया तक सूबे की प्रमुख नदियां कुछ हिस्सों में गंभीर (क्रिटिकल) रूप से प्रदूषित हैं। इनमें रामनगरी अयोध्या से गुजरने वाली सरयू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से गुजरने वाली गंगा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर से होकर बहने वाली राप्ती समेत एक दर्जन नदियां शामिल हैं।
नमामि गंगे परियोजना के जरिये गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए प्रतिबद्धता जताने वाली केंद्र और प्रदेश की मौजूदा सरकारों के कार्यकाल में भी नदियों की स्थिति बदतर है। एनजीटी के निर्देश के बाद से सरकार और संबंधित विभागों में हड़कंप मचा है। सरकार ने गंगा के किनारे सघन पौधरोपण की कार्ययोजना तो तैयार की है, पर अन्य नदियों के लिए फिलहाल ऐसी कोई कार्ययोजना नहीं है। इसके लिए पिछले कुछ दिनों में संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुख्य सचिव की दो चक्र की बैठकें हो चुकी हैं।
नदियों के यह क्षेत्र गंभीर रूप से प्रदूषित
इन नदियों के जो हिस्से गंभीर रूप से प्रदूषित हैं, एनजीटी ने उनका जिक्र अपनी रिपोर्ट में किया है। रिपोर्ट के मुताबिक ङ्क्षहडन-सहारनपुर से गाजियाबाद, काली नदी ईस्ट-मुजफ्फरनगर से गुलाठी (मेरठ), वरुणा-रामेश्वर से वाराणसी, यमुना-आजादपुर से इटावा और सहारनपुर से प्रयागराज, गोमती-सीतापुर से वाराणसी, गंगा-कन्नौज से वाराणसी, रामगंगा-मुरादाबाद से कन्नौज, बेतवा-हमीरपुर से वागपुरा, घाघरा-बड़हलगंज से देवरिया, राप्ती- डोमिनगढ़ से राजघाट (गोरखपुर), सई- उन्नाव से जौनपुर और सरयू-अयोध्या से एलफतगंज (अंबेडकर नगर) तक गंभीर रूप से प्रदूषित हैं।