आशा ले गई निजी अस्पताल, लापरवाही से गर्भस्थ की मौत-रक्षामंत्री से शिकायत से मचा हड़कंप
लखनऊ में गर्भस्थ की मौत पर हुआ हंगामा। आशा बहु पर लगा निजी अस्पताल ले जाने का आरोप।
लखनऊ, जेएनएन। हद है.. बेहतर इलाज का झांसा देकर आशा बहु ही गर्भवती को सरकारी की जगह निजी अस्पताल ले गई। जहां 20 हजार रुपये एडवांस जमा करने के बाद भी देररात डॉक्टर ऑपरेशन के लिए नहीं पहुंचीं। दूसरे डॉक्टर को बुलाने के लिए दोबारा 20 हजार रुपये जमा कराए गए, लेकिन सुबह तक वह डॉक्टर भी नहीं आईं। इस लापरवाही ने नवविवाहित दंपती के जीवन में आने वाली खुशियां ही छीन ली और गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई। पति ने मामले की शिकायत सीएमओ व रक्षामंत्री के प्रतिनिधि से की है।
एयरपोर्ट के पास फरुखाबाद चिल्लावा गांव की ज्योतिसेन गर्भवती थीं। पति रवि प्रसाद के मुताबिक तीन नवंबर को उनके घर आशा बहु आई। उसने ज्योति के प्रसव का समय नजदीक बताया। साथ ही डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी।
आशा उन्हें बेहतर इलाज का झांसा देकर सरकारी के बजाए आशियाना स्थित एक निजी अस्पताल लेकर पहुंची। यहां मौजूद पुरुष डॉक्टर ने अस्पताल में सामान्य व सिजेरियन प्रसव की सुविधा 24 घंटे होने का दावा किया। ऐसे में 20 हजार रुपये जमा कर ज्योतिसेन को दोपहर दो बजे भर्ती कर लिया गया। रवि प्रसाद के मुताबिक ज्योति को डॉक्टर नॉर्मल प्रसव के लिए जोर देते रहे, लेकिन उसकी हालत बिगड़ती गई। इस बीच परिवारजनों ने मौजूद महिला डॉक्टर से ऑपरेशन से प्रसव कराने की सलाह दी, मगर उन्होंने सुबह क्वीनमेरी में ड्यूटी का हवाला देकर रात में ऑपरेशन करने से मना कर दिया। वहीं इस घटना से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। उन्होंने प्रशासन से न्याय की गुहर लगाई है। वहीं कार्यवाहक सीएमओ डॉ. डीके बाजपेयी ने कहा कि शिकायती पत्र कार्यालय में पता करूंगा। इसके बाद जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
मामले की शिकायत रक्षामंत्री के प्रतिनिधि व सीएमओ से
रवि प्रकाश के मुताबिक हालत बिगड़ने पर ऑपरेशन से प्रसव के लिए दूसरी डॉक्टर बुलाने का दावा रात दो बजे किया गया। इसके लिए 20 हजार रुपये और जमा कराए गए, लेकिन वह डॉक्टर भी पांच बजे तक नहीं आईं। ऐसे में ज्योति की हालत बिगड़ते देख वह दूसरे निजी अस्पताल भागे। यहां डॉक्टरों ने गर्भ में बच्चे की मौत होने जाने की पुष्टि की। वहीं पहले अस्पताल में परिवारजन को पैसा वापस करने से भी इन्कार कर दिया गया। मामले की शिकायत रवि प्रकाश ने सीएमओ, थाने और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी से की। उन्होंने मामले की जांच के लिए सीएमओ को पत्र लिखा है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि निजी अस्पताल में क्वीनमेरी के डॉक्टर द्वारा इलाज करने की जानकारी नहीं है। शिकायत आएगी तो मामले की जांच कराऊंगा।