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बढ़ती भीड़ देख मुख्यमंत्री सचिवालय पहुंचने के नियम सख्त

मुख्यमंत्री सचिवालय में बढ़ती भीड़ देख गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करने पर जोर दिया गया है। सुरक्षाकर्मियों की जवाबदेही तय की गई है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 09 Jul 2017 08:14 PM (IST)Updated: Sun, 09 Jul 2017 08:54 PM (IST)
बढ़ती भीड़ देख मुख्यमंत्री सचिवालय पहुंचने के नियम सख्त
बढ़ती भीड़ देख मुख्यमंत्री सचिवालय पहुंचने के नियम सख्त

लखनऊ (जेएनएन)। पंचम तल पर स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय में बढ़ती भीड़ ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इसीलिए प्रवेश के लिए जनवरी, 2015 में निर्धारित गाइड लाइन का कड़ाई से पालन करने पर जोर दिया गया है। सचिवालय के सुरक्षाकर्मियों की जवाबदेही तय की गई है। साथ ही चेतावनी दी गई कि अनधिकृत रूप से कोई पंचम तल पर पहुंचेगा तो सुरक्षाकर्मियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री के सचिव मृत्युंजय नारायण की ओर से इस बाबत रविवार को प्रवेश नीति का आदेश जारी किया गया है। 

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प्रवेश के नियम 

  • पंचम तल तक जाने वाली लिफ्ट नंबर एक और दो चौथे तल तक ही जाएगी। पंचम तल पर काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारी लिफ्ट नंबर दो के पास बनी सीढिय़ों से पंचम तल तक जाएंगे। इनके पास भी मान्य पास जरूरी होगा। 
  • प्रमुख सचिव, सचिव, विशेष सचिव, लोकसभा एवं राज्यसभा के सदस्य, विधायक, विधान परिषद सदस्य, स्वतंत्रा संग्राम सेनानी और लोकतंत्र सेनानी अपने परिचयपत्र के आधार और निगमों एवं आयोगों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सलाहकार सचिवालय से मिले प्रवेशपत्र के आधार पर सीधे पंचम तल तक जा सकेंगे।
  • पंचम तल पर कार्यरत अधिकारियों की संस्तुति से जिनका दैनिक पास बना है और खास परिस्थितियों में अधिकृत व्यक्ति जिनका सीएम कार्यालय से प्रवेश निर्गत किया गया है, वह भी सीधे पंचम तक जा सकेंगे।
  • पंचम तल पर काम करने वाले अधिकारी दैनिक पास के आधार पर प्रवेश के पात्र होंगे।

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सुरक्षा की वजह से लिया गया निर्णय 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में रहने पर पंचम तल पर नियमित बैठते हैं। उनकी मौजूदगी के कारण सुरक्षा के लिहाज से इसकी संवेदनशीलता बढ़ जाती है। हाल के दिनों में कुछ ऐसे लोग भी वहां तक पहुंचने में कामयाब रहे जो इसके लिए अधिकृत नहीं हैं। ऐसे लोगों को रोकने और सुरक्षा के लिहाज से मुख्यमंत्री कार्यालय ने पुराने नियम का सख्ती से पालन कराने का निर्णय लिया है।  गौरतलब है कि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि जनप्रतिनिधि अधिकांश समय क्षेत्र में और लोगों के बीच रहें। क्षेत्र और जनता की समस्याओं से वाकिफ हों। शासन और प्रशासन के सामने तथ्यों सहित अपनी बात रखें। इसीलिए उन्होंने सांसदों और विधायकों के मिलने का दिन और समय भी तय कर रखा है। उम्मीद है कि पंचम तल पर प्रवेश की सख्ती के बाद उनको भी एक संदेश जाएगा। प्रवेश की छूट के बावजूद वह तय तिथि और समय पर ही पंचम तल आना पसंद करेंगे।


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