राजधानी के विज्ञान कुंभ में देशभर के हजारों बच्चों ने लगाया गोता
अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में देश के विभिन्न प्रदेशों से आए बच्चे एनबीआरआइ में बने साइंस विलेज में महान वैज्ञानिकों की उपलब्धियों से रूबरू हुए।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी के विज्ञान कुंभ में हजारों बच्चों ने गोता लगाया। शहरी व ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थी एक साथ विज्ञान के चमत्कार से रूबरू हुए। वहीं साइंस विलेज में देश के महान वैज्ञानिकों की उपलब्धियों का बखान देखकर हर किसी को गर्व की अनुभूति हुई।
अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के तहत एनबीआरआइ में 'साइंस विलेज' बनाया गया है। इसमें देश के महान वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम, हरगोविंद खुराना, सीवी रमन, जेसी बोस, विक्रम साराभाई व होमी जे भाभा के नाम से हाउस बनाए गए। टेंट से बनाए यह हाउस शुक्रवार को साइंस लैब में तब्दील हो गए। यहां देश के विभिन्न प्रदेशों से आए दो हजार से अधिक बच्चे वैज्ञानिक पहलुओं से रूबरू हुए। वह यहां चार दिनों तक देश-विदेश के तमाम वैज्ञानिकों से मिलेंगे, साथ ही उनकी उपलब्धियों की जानकारी भी हासिल कर सकेंगे। विशेषज्ञों का दावा है कि यह बच्चे अब गांवों में जाकर अन्य छात्रों के बीच विज्ञान की ललक जगाएंगे।
शिक्षकों के संग देखा विज्ञान का चमत्कार
शिक्षकों और अभिभावकों के संग आए बच्चों को सीवी रमन हाउस में रसायन विज्ञान के एसिड बेस्ड समेत 10 प्रयोग कर दिखाए गए। वहीं कलाम हाउस में भौतिक विज्ञान के प्रकाश व न्यूटन से जुड़े सिद्धांतों को उपकरणों के जरिए दिखाया गया। इसके अलावा चुंबकीय फ्लेक्स के परिर्वतन से उत्पन्न हुई विद्युतधारा से बच्चे हतप्रभ दिखे।
बच्चों ने सीखा फिल्म बनाना
जेसी बोस हाउस में बच्चों को साइंस फिल्म बनाना सिखाया गया। इस दौरान उन्होंने बेसिक फिल्म मेकिंग और फिल्म प्रोडक्शन के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही कई फिल्मों का प्रदर्शन कर भी दिखाया गया। महोबा से आए प्रशांत पटेरिया ने बताया कि यहां आने से काफी कुछ विज्ञान के बारे में जानने को मिला। लैब भ्रमण में तमाम उपकरण देखे। यह अवसर प्रदान करने लिए सरकार को धन्यवाद। वहीं मध्यप्रदेश से आए अभिषेक ने बताया कि वह गुरुवार शाम को लखनऊ आ गया था। विज्ञान महोत्सव में रसायन विज्ञान से जुड़े प्रयोग बहुत अच्छे लगे। साइंस के क्षेत्र में काफी नया सीखने को मिल रहा है।