बेबी शो में बच्चों ने मोहा सबका मन
-क्वीनमेरी अस्पताल में आयोजित हुआ बेबी शो -ब्रेस्ट फीडिंग और हाइजीन को रखा गया मानक फ
फोटो है
- क्वीनमेरी अस्पताल में आयोजित हुआ बेबी शो
- ब्रेस्ट फीडिंग और हाईजीन को रखा गया मानक
जागरण संवाददाता, लखनऊ : क्वीन मेरी अस्पताल की ओपीडी नन्हे-मुन्नों की किलकारियों से गूंज उठा। कोई रो रहा था तो कोई मुस्कुरा रहा था, मां और परिजनों की गोद में दुबके बच्चों को देख कर हर किसी का मन उन्हें दुलार करने का कर रहा था। मौका था क्वीनमेरी अस्पताल में विश्व स्तनपान दिवस सप्ताह पर आयोजित बेबी शो का। शो में अस्पताल में पैदा हुए बच्चों के स्वास्थ्य,वजन और सबसे महत्वपूर्ण एक्सक्लूसिव ब्रेस्ट फीडिंग को तरजीह दी गई।
क्वीनमेरी अस्पताल में चल रहे विश्व स्तनपान सप्ताह के तीसरे दिन बेबी शो का आयोजन किया गया। बेबी शो में अस्पताल में जन्म लेने वाले नवजातों और उनके परिजनों ने भाग लिया। इसमें जीरो से सप्ताह भर के अंदर पैदा हुए नवजात शामिल थे। कार्यक्रम की संयोजक डॉ.सुजाता देव ने बताया कि बेबी शो में नवजातों के स्वास्थ्य और स्तनपान को सबसे ऊपर रखा गया। ऐसी महिलाओं को चुना गया जिन्होंने जन्म के आधे घंटे के अंदर स्तनपान करवाया और उसके फायदे को भी समझा। इसमें तीन प्वांइट को सबसे ज्यादा तरजीह दी गई जिसमें एक घंटे के अंदर ब्रेस्ट फीडिंग, बच्चे का वजन, और उसकी साफ-सफाई को देखा गया।
कार्यक्रम की संयोजक डॉ.मोनिका अग्रवाल ने बताया कि बेबी शो में मां के एंटी नेटल चेकअप को भी ध्यान में रखा गया कि महिलाओं ने उसी समय पर वैक्सीनेशन करवाया और ट्रीटमेंट को फॉलो किया कि नहीं।
पूछे गये सवाल
बेबी शो में महिलाओं से पूछा गया कि मां के दूध को अमृत क्यों कहा गया है, बच्चों को कितनी बार ब्रेस्ट फीडिंग करवानी चाहिए। डॉ.मोनिका ने बताया कि बच्चों को लगभग 10 से 15 मिनट तक फीड करवाना चाहिए, जब तक बच्चा खुद से मुंह न हटा ले। वहीं रात में भी कम से कम दो से तीन बार फीड करवाना चाहिए।
बच्चे को थपकाना जरूरी
डॉ.सुजाता ने बताया कि दूध पिलाने के बाद बच्चे को कंधे से लगाकर थपकाना जरूर चाहिए। ऐसा न करने से कई बार दूध बच्चे की सांस की नली में फंस जाता है। जिससे बच्चे की मौत तक हो जाती है। वहीं उन्होंने बताया कि फीवर और किसी भी तरह की बीमारी में स्तनपान न रोंके जब तक डॉक्टर खुद न कहे।
शो में विजेता रहे छह बच्चे
बेबी शो के जजों में विभागाध्यक्ष डॉ.विनीता दास, चिकित्सा अधीक्षक डॉ.एसपी जैसवार, केजीएमयू के बालरोग विभाग की प्रो.माला कुमार, डॉ.उमा सिंह शामिल रहीं। जिन नवजातों को विजेता घोषित किया गया उनका वजन साढे़ तीन किलो से लेकर ढाई किलो तक था, वहीं उनकी हाईजीन और स्वास्थ्य को भी देखा गया। नवजातों में बेबी ऑफ प्रियंका, बेबी ऑफ जीनत, बेबी ऑफ सरिता, बेबी ऑफ सुमन पांडे, बेबी ऑफ शाहीन शामिल हैं।