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UP on Top: महिलाओं के खिलाफ अपराध में आरोपितों को सजा दिलाने में शीर्ष पर उत्तर प्रदेश

NCRB Report Uttar Pradesh on Top क्राइम इन इंडिया के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों की अपेक्षा में महिलाओं के खिलाफ अपराध में कमी आई है और जहां पर इनके खिलाफ अपराध हुए भी हैं तो आरोपितों की तेजी से धरपकड़ की गई है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 10:33 AM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 10:35 AM (IST)
UP on Top: महिलाओं के खिलाफ अपराध में आरोपितों को सजा दिलाने में शीर्ष पर उत्तर प्रदेश
महिलाओं के खिलाफ अपराध में आरोपितों को सजा दिलाने में शीर्ष पर उत्तर प्रदेश

लखनऊ, जेएनएन। NCRB Report Uttar Pradesh on Top: उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर बेहद गंभीर सीएम योगी आदित्यनाथ के लगातार प्रयास का ही नतीजा है कि उत्तर प्रदेश महिलाओं के खिलाफ अपराध में आरोपितों को सजा दिलाने वाले राज्यों की सूची में शीर्ष पर है। क्राइम इन इंडिया के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों की अपेक्षा में महिलाओं के खिलाफ अपराध में कमी आई है और जहां पर इनके खिलाफ अपराध हुए भी हैं तो आरोपितों की तेजी से धरपकड़ की गई है।

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एनसीआरबी के प्रकाशित क्राइम इन इंडिया के अनुसार महिलाओं के विरुद्ध अपराध में सजा दिलाने में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मां, बैन तथा बेटियों के गुनाहगारों पर कहर काफी तेज हैं। यहां पर दुष्कर्म के मामलों में पांच अपराधियों फांसी की सजा मिल चुकी है। इसके साथ ही 193 मामलों में अपराधी आजीवन कारावास की सजा झेल रहे हैं। बीते वर्ष यानी 2019 में महिला संबंधी वादों के कुल 15116 मामले निस्तारित हुए हैं। अपराधी जेल में हैं। प्रदेश में 2016 के मुकाबले 2020 में दुष्कर्म तथा सामूहिक दुष्कर्म के मामलों में 42 फीसदी की कमी आई है। इसके साथ ही महिलाओं के अपहरण के मामलों में 39 प्रतिशत की गिरावट है।

अपराध तथा अपराधी के प्रति सीएम योगी आदित्यनाथ के बेहद सख्त रुख के कारण ही बड़े अपराधी अपनी जमानत वापस कराने के बाद जेल में हैं। लगातार एनकाउंटर के डर से सूबे में बड़े अपराधी भी तत्काल थाना में जाकर अपनी गिरफ्तारी दे रहे हैं। अब अपराध के बड़े मामलों में केस तत्काल फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजा जा रहा है। जिससे कि अपराधी को जल्दी सजा मिले और पीड़ित को न्याय।

योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसी बीच हाई कोर्ट से अनुरोध किया है कि सभी कोर्ट में पॉक्सो एक्ट से संबंधित मामलों का निपटारा प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। इसके लिए सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को निर्देश जारी करने का भी अनुरोध किया गया है। अभी भी प्रदेश की विभिन्न कोर्ट में दुष्कर्म के 20 हजार से भी अधिक मामले लम्बित हैं।

प्रदेश में कोविड काल में न्यायिक प्रक्रिया में बाधा होने के बाद भी प्रदेश में 1835 महिला अपराधों में वादों का निपटारा किया गया है। इस दौरान 612 मामलों में अभियुक्तों को सजा भी हुई है। महिलाओं के खिलाफ अपराध में कमी को लाने के लिए प्रदेश में 17 से 25 अक्टूबर तक महिला सुरक्षा पर चलेगा विशेष अभियान भी चलाया जाएगा।  


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