लखनऊ में राष्ट्रीय पुस्तक मेला शुरू, सेल्फी प्वाइंट बनी PM मोदी की आदमकद पुस्तक
राणाप्रताप मार्ग स्थित मोती महल वाटिका लॉन में शुक्रवार से दस दिवसीय 17वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला शुरू हो गया है।
लखनऊ, जेएनएन। आओ कि किताबें बुलाती हैं...। दो दिन की बारिश के बाद खुले मौसम में एक ओर जहां स्टॉल सज रहे थे, वहीं दोपहर बाद से ही पुस्तक प्रेमियों का आना शुरू हो गया था। मेले के मुख्य आकर्षण के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लिखी अपूर्व शाह की किताब की आदमकद प्रतिकृति लोगों को खूब भा रही है। यह किताब सेल्फी प्वाइंट बन गई है। मेले में इसी आकार में छोटी पुस्तक लोग खरीद भी सकते हैं।
मेले का उद्घाटन एडवोकेट रामजी दास, संरक्षक मुरलीधर आहूजा, भाजपा नेता भारत दीक्षित व प्रदेश ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष टीपी हवेलिया ने मिलकर किया। दि फेडरेशन ऑफ पब्लिशर्स एंड बुकसेलर्स एसोसिएशन्स इन इंडिया, नई दिल्ली के सहयोग से केटी फाउंडेशन व फोर्सवन द्वारा पुस्तक मेले का आयोजन किया गया है।
वकील रामजी दास ने पुस्तकों को बहुमूल्य बताते हुए कहा कि अगर हम पुस्तकों को अपना गाइड बना लें तो वह जीवन भर आपका साथ निभाती रहेंगी। भारत दीक्षित ने कहा कि किताबें हमें जीने की राह सुझाती हैं। पुस्तक कोई भी हो उसमें किसी न किसी तरह का संदेश हमेशा छिपा रहता है। बिंदु जैन के संचालन में चले उद्घाटन समारोह में संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने कहा कि लखनवी संस्कृति का अंग बन चुके इस मेले में हर साल बहुत कुछ नया होता है। इस बार से मेले में किसी एक राज्य को अतिथि राज्य के तौर पर शामिल करने की शुरुआत की गई है। इस बार गुजरात को अतिथि राज्य का दर्जा मिला है। वहां के पर्यटन विभाग व अहमदाबाद के स्टॉल सजे हैं।
आज के आकर्षण
- दोपहर 11 बजे सम्मान समारोह व कवि सम्मेलन।
- दोपहर 3:30 बजे विमोचन. अलका अस्थाना की कृति सपनों सी ये धूप।
- शाम पांच बजे युवा और रोजगार विषयक संगोष्ठी
- शाम 7:15 बजे उमेश ढल स्मृति काव्यांजलि समारोह आसमां की छांव में।