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मेडिसिन मार्केट में छापा, सीज कीं दवाएं

- एफएसडीए ने अमीनाबाद मेडिसिन मार्केट में चलाया अभियान - 10 लाख की नार्कोटिक्स दवाएं हुई

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jun 2018 09:05 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jun 2018 09:05 PM (IST)
मेडिसिन मार्केट में छापा, सीज कीं दवाएं
मेडिसिन मार्केट में छापा, सीज कीं दवाएं

जागरण संवाददाता, लखनऊ: अमीनाबाद स्थित मेडिसिन मार्केट में फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) की टीम ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर नशे की दवाएं सीज कीं। यह सभी दवाएं बिना पर्चे और कागजात के इस मार्केट में बेची जा रही थीं। छापेमारी में लगभग 10 लाख रुपये की दवाओं को सीज किया गया।

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लखनऊ मंडल के असिस्टेंट कमिश्नर पीके मोदी की अगुवाई में एफएसडीए की टीम ने अमीनाबाद की सात दुकानों में छापा मारा। सभी दुकानों से 12 सैंपल लिए गए। ये छापे जैसवाल इंटरप्राइजेज, पापुलर ड्रग, राज फार्मा, एडवांस ड्रग, चंद्रा फार्मा, सेट फार्म फार्मास्युटिकल्स और स्मिथ फार्मा में मारे गए। पीके मोदी ने बताया कि ये दवाएं नारकोटिक्स की हैं और इनका प्रयोग नशे के रूप में भी किया जाता है।

बिना पर्चे एमआरपी के बेची जा रही थीं दवाएं

कुछ दिनों पहले कैसरबाग के नाथ फार्मा में नशीली दवाएं बेचने की जानकारी मिलने पर ड्रग इंस्पेक्टर रमा शंकर और माधुरी सिंह ने जांच की थी। जिसमें काफी मात्रा में नशे की दवाएं पकड़ी गई थी। ये दवाएं एमआरपी से भी कई गुना अधिक दरों पर बेची जा रही थी। छापे के दौरान कई ग्राहक बिना पर्चे के दवा लेने पहुंचे थे। जिसके बाद काफी मात्रा में दवाएं सीज की गई थी। इसकी रिपोर्ट एफएसडीए को भेजी गई। जिसके बाद एफएसडीए ने प्रदेश भर में अभियान चलाकर जांच करने के आदेश दिए थे। जिसके तहत ही राजधानी में शनिवार को यह कार्रवाई की गई।

मेडिकल स्टोर की दवा बिक्री पर लगी रोक

ड्रग इंस्पेक्टर रमा शंकर ने बताया कि सभी होल सेलर दुकानों की दवाएं सीज करते हुए उनकी बिक्री पर रोक लगा दी गई है। बिक्री से संबंधित रिकार्ड मांगे गए हैं। यदि वह रिकार्ड नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। जो लोग दवाएं यहां से खरीद कर ले गए हैं उन सभी की जांच की जाएगी। किसी ने बिना पर्चे के दवाएं बेची तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। छापे में लखनऊ सहित चार अन्य जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर शामिल रहे। इनमें लखनऊ के ड्रग इंस्पेक्टर रमा शंकर, माधुरी सिंह, उन्नाव के ड्रग इंस्पेक्टर अजय संतोषी, रायबरेली के ड्रग इंस्पेक्टर दीपक शर्मा, सीतापुर के नवीन कुमार और खीरी के सुनील रावत शामिल रहे।

नशे के रूप में इस्तेमाल होती हैं प्रतिबंधित दवाएं

नार्कोटिक्स की यह सभी दवाएं डिप्रेशन या मनोरोग की समस्याओं के लिए डॉक्टर मरीजों को देते हैं, लेकिन कई लोग इनका प्रयोग नशे के रूप में भी करते हैं। इसलिए बिना पर्चे के इनकी बिक्री प्रतिबंधित है, लेकिन मेडिकल स्टोर वाले बिना पर्चे के ही ये दवाएं बेच रहे थे। जिसके कारण ही इतने बड़े स्तर पर जांच की गई और छापेमारे गए। वर्जन

बिक्री के रिकार्ड न मिलने पर दवाएं सीज की गई हैं। बिक्री का ब्योरा देने के लिए सप्ताह भर का समय दिया गया है, रिकार्ड प्रस्तुत न करने पर कार्रवाई की जाएगी।

पीके मोदी, असिस्टेंट कमिश्नर (ड्रग)


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