सुलतानपुर: दिव्यांग मुस्लिम ने किया भू दान तो सुविधायुक्त बना हिंदू श्मशान
सुलतानपुर में मुस्लिम ने हिंदू हिंदू श्मशान के लिए भू दान किया जिस पर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया गया। दिव्यांग मो. असीरपैतृक जमीन को श्माशान के बगल सार्वजनिक शौचालय के निर्माण के लिए दान देकर मानवता की मिशाल पेश की है।
सुलतानपुर [गोपाल पांडेय]। ना हिंदू ना मुसलमान हम सब पहले हैं इंसान। इसी भाव को चरितार्थ करते हुए शहर के हथियानाला निवासी दिव्यांग मो. असीर ने अपनी पैतृक जमीन को श्माशान के बगल सार्वजनिक शौचालय के निर्माण के लिए दान देकर मानवता की मिशाल पेश की है।
गोमती तट से सटे सीताकुंड मुहल्ले के हथियानाला में हिंदूओं का श्मशान घाट है। शहर ही नहीं यहां जिले भर से लोग अंतिम संस्कार को आते है। सार्वजनिक शौचालय न होने से लोग नदी के किनारे गंदगी करने को विवश थे। आसपास खाली जमीन भी नहीं थी कि शौचालय का निर्माण किया जा सके। ऐसे में वार्ड के सभासद डॉ संतोष सिंह ने असीर को प्रेरित किया। दलगत राजनीति, विचार और संप्रदाय से ऊपर उठ कर सोचने वाले असीर सहर्ष अपना तट के किनारे स्थित आधा बिस्वा से अधिक का भूखंड दान दे दिया, जहां स्वच्छ भारत मिशन के पांच सीट का शौचालय बनकर तैयार हो गया। मो. असीर कहते है कि इंसान और इंसानियत सबसे ऊपर है शुरू से उनकी यह सोच है। घाट के पास स्थित अपनी और जमीन भी वह संस्कार स्थल के विकास के लिए सरकारी नियमों के तहत देने को तैयार है। उन्होंने बताया कि पीढ़ियों से यही रह रहे है। शवदाह स्थल के आसपास खेल कर बचपन बिता है। सार्वजनिक शौचालय न होने से लोगों को भारी असुविधा होती थी। निर्माण से अब लोगों को कोई समस्या नहीं होती है।
हर कोई जज्बे को कर रहा सलाम
श्मशान के पास सार्वजनिक शौचालय बनाने के लिए कई हिंदू संगठनों ने प्रयास किया, लेकिन भू खंड का रोड़ा बना रहा। कम जमीन के मालिक मो. असीर को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने खुद ही भू दान करने का तैयार हो गए। अब हर कोई उनके इस कार्य को सराह रहा है।