लखनऊ, जेएनएन। पांच सितंबर 2017 से मेट्रो का संचालन लखनऊ के 8.5 किमी ट्रैक पर शुरू हुआ था। शनिवार को उसके तीन साल पूरे हो गए। हर साल की तरह इस वर्ष भी लखनऊ मेट्रो के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बेहतर कार्य करने वाले तीन कर्मचारियों को गोल्ड मेडल और तीन कर्मियों को सिल्वर मेडल से नवाजा। वहीं 21 मेट्रो स्टेशनों में मुंशी पुलिया मेट्रो स्टेशनों को बेस्ट मेट्रो स्टेशन अवार्ड से दिया गया। कानपुर रोड स्थित ट्रांसपोर्ट नगर डिपो में आयोजित कार्याक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए यूपीएमआरसी के चेयरमैन और आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि शहरी परिवहन की तस्वीर मेट्रो रेल बदल रही है।
उन्होंने कहा कि यूपीएमआरसी के कंधों पर दो जिम्मेदारियां हैं, इनमें कानपुर और आगरा मेट्रो है, इसके अलावा लखनऊ मेट्रो में यात्रियों की संख्या बढ़ाने की जिम्मेदारी है। इन तीनों कामों में यूपीएमआरसी सफल होगा। वहीं शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में एमडी कुमार केशव ने बीस कोरोना योद्धाओं को भी सम्मानित किया। गोल्ड मेडल विजेताओं को पांच हजार और सिल्वर विजेताओं को तीन हजार रुपये की धनराशि देकर सम्मानित किया गया। वहीं मुंशी पुलिया की स्टाफ टीम को संयुक्त रूप से दस हजार रुपये पुरस्कार दिया गया।
गोल्ड मेडल पाने वाले कर्मचारी :
कानपुर मेट्रो परियोजना के सिविल निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संबंधित सरकारी संस्थाओं से समय पर एनओसी प्राप्त की। इसके कारण निर्माण कार्य को गति दी जा सकी। इसके अलावा एचबीटीयू की जमीन पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बाद भी बेहद कम समय में कास्टिंग यार्ड का निर्माण करवाने में अहम भूमिका निभाई।
आदर्श कुमार सिंह, (सहायक अभियंता, श्रेणी प्रोजेक्ट)
कंट्रोल सेंटर में परिचालन विभाग के साथ बेहतर तालमेल बनाते हुए 99.87 फीसद तक ट्रेनों का संचालन नियम समय पर कराना। ट्रेन की आवाजाही और वर्क ब्लॉक के प्रबंधन में अपनी कार्यकुशलता का परिचय दिया।
मनीष कुमार सोनकर (एसएसओ ऑपरेशन )
टॉवर वैगन की कमिशनिंग और नए वैगन ड्राइवरों की प्रशिक्षण में अपना विशेष योगदान दिया। इसके अलावा ओएंडएम और ओवर हेड इलेक्ट्रिक विंग के रखरखाव के कामों का भी सुयोचित रूप से निस्तारण किया।
संदीप सिंह, (जेई ट्रैक्शन )
सिल्वर मेडल पाने वाले कर्मचारी : कानपुर मेट्रो डिपो के लिए पाॅलीटेक्निक कॉलेज की जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया का समय पर निस्तारण करवाया। यही नहीं पालीटेक्निक कॉलेज के छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों के स्थानांतरण और इमारत के विभिन्न हिस्सों के नवीनीकरण का काम तीन माह में रिकार्ड समय में पूरा कराया
आशीष कुमार, (सहायक अभियंता प्रोजेक्ट)
मेन लाइन पर होने वाली अनियमितताएं के प्रबंधन के लिए एक प्रभावी कार्यप्रणाली विकसित करने और रोलिंग स्टॉक्स के स्टोर्स डिपार्टमेंट के प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई।
राजू कुमार भारतीय (सीनियर सेक्शन इंजीनियर, रोलिंग स्टॉक)
सिगनलिंग, रोलिंग स्टॉक और टेलीकॉम के इंटरफेस से जुड़े कई समस्याओं को सुलझाने में अपना खास योगदान दिया। वर्तमान में वह आटोमेटिक ट्रेन कंट्रोल और आटोमेटिक ट्रेन सुपरविजन सिस्टम की देखरेख का काम कर रहे हैं। इन्होंने ऑपरेशन और रखरखाव की सिगनलिंग टीम के लिए कई मॉक ड्रिल और कार्यशाला का आयोजन भी किया। यही नहीं सही संचालन में आने वाली खामियों को पहचानने और सही करने के बारे में विस्तार से प्रशिक्षित किया गया।
उज्जवल श्रीवास्तव (एसएसई सिगनलिंग)
मुंशी पुलिया मेट्रो स्टेशन को पुरस्कार
मुंशी पुलिया मेट्रो स्टेशन को बेस्ट स्टेशन का अवार्ड दिया गया। यह सबसे बेहतर रखरखाव वाला स्टेशन घोषित किया गया है। यह पुरस्कार स्टेशन कंट्रोलर विशाल तिवारी, जितेंद्र कुमार, राज बहादुर और नीतिश कुमार गुप्ता को सामूहिक रूप से दिया गया।
बीस कोरोना योद्धा भी हुए सम्मानित
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड ने कोरोना योद्धाओं को भी सम्मानित किया। इन कर्मियों ने असाधारण कर्तव्य निष्ठा का परिचय देते हुए एक मिसाल कायम की। सम्मानित होने वाले कर्मियों में प्रभात कुमार, विजय कुमार मिश्रा, प्रवीण मौर्य, रामजी यादव, दिनेश कुमार प्रसाद, अंकुर गुप्ता, अंकुर मलिक, अमित गौतम, राम लखन पंडित, पंकज कुमार, आदित्य कुमार शर्मा, हर्षित श्रीवास्तव, काजी अंकित आलम, प्रदीप सिंह, सुमित केसरवानी, गौरव शर्मा, नीतीश कुमार शर्मा, बृजेश सिंह, पंकज कुमार, सूर्यकांत रहे।