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नगर निगम सदन ने बदले लखनऊ की सड़कों और चौराहों के नाम, जानिए किस नाम से जाना जाएगी कौनसी सड़क

राजधानी लखनऊ की कई सड़कों और चौराहों की पहचान अब साहित्कार योगेश प्रवीन से लेकर किसी न किसी नामचीन के नाम से पहचानी जाएगी। नगर निगम सदन ने शहर की कई सड़कों को नाम दिया है। साहित्कार योगेश प्रवीन की स्मृति में एक द्वार का निर्माण भी किया जाएगा।

By Rafiya NazEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 12:15 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 04:18 PM (IST)
नगर निगम सदन ने बदले लखनऊ की सड़कों और चौराहों के नाम, जानिए किस नाम से जाना जाएगी कौनसी सड़क
राजधानी लखनऊ की कई सड़कों और चौराहों के नाम बदले।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। शहर की कई सड़कों और चौराहों की पहचान अब साहित्कार योगेश प्रवीन से लेकर किसी न किसी नामचीन के नाम से पहचानी जाएगी। नगर निगम सदन ने शहर की कई सड़कों को नाम दिया है। वरिष्ठ इतिहासकार रहे स्वर्गीय योगेश प्रवीन के नाम पर मौलवीगंज वार्ड के रकाबगंज चौराहे का नाम। उनकी स्मृति में एक द्वार का निर्माण भी किया जाएगा।

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आचार्य नरेंद्र देव वार्ड स्थित नैपियर रोड पार्क-1 का नाम पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय लालजी टण्डन के नाम

- उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मण्डल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और वरिष्ठ व्यापारी नेता स्वर्गीय पंडित श्याम बिहारी मिश्रा के नाम से तालकटोरा रोड और पास के चौराहे का नामकरण

ऐतिहासिक पुरानी जेल से ही नौ अगस्त 1925 को काकोरी क्रांति के बाद क्रांति के मुखिया पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के नाम पर पुरानी जेल की सड़क का नाम

नजरबाग बड़ी पार्क का नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित स्वर्गीय रामपाल त्रिवेदी के नाम

आपातकाल और श्री राम जन्मभूमि जैसे आंदोलनों में जेल गए वरिष्ठ समाजसेवी स्वर्गीय विजय अग्रवाल के नाम पर टेढ़ी पुलिया चौराहे का नाम विजय अग्रवाल चौक

चारबाग स्थित नत्था चौराहे के नामकरण शहीद भगत सिंह चौक किया।

गुरुनानक नगर मोहल्ले में स्थित पार्क का नामकरण गुरूनानक वाटिका

महानगर के रहीम नगर चौराहे के नाम सरदार गुरुमुख सिंह आनंद चौराहा एवं रहीम नगर चौराहे से कुकरैल बंधे तक की सड़क का नाम सरदार गुरुमुख सिंह आनंद मार्ग किया गया।

निराला नगर में आठ नंबर चौराहे से पटेल पार्क के सामने होते हुए शरणदास मंदिर तक का मार्ग का नामकरण वर्गीय सरदार गुरुबख्श सिंह तलवार मार्ग: कानपुर रोड स्थित सेक्टर- जी एलडीए कॉलोनी में सचदेवा स्टोर के सामने चौराहे के नाम गुरु तेग बहादुर चौक

सरीपुरा आलमनगर में निॢमत द्वार का नामकरण सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य द्वार

 विरामखंड में अटल क्रीड़ा स्थल में नवनिॢमत बहुउद्देश्यीय हाल का नामकरण स्वर्गीय लालजी टण्डन बहुउद्देश्यीय हॉल विनय खंड गोमतीनगर में मिनी स्टेडियम का नामकरण स्वर्गीय लालजी टण्डन मिनी स्टेडियम किया गया।

कैसरबाग टेलीफोन एक्सचेंज के पीछे वाली रोड का नामकरण स्वर्गीय ठाकुर इंद्रदेव सिंह किया गया।

विकास नगर स्थित सामुदायिक केंद्र सेक्टर-4 का नामकरण डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी कल्याण मण्डप

दौलतगंज वार्ड में स्नानघाट चतुरिया घाट गऊघाट का नामकरण ओम गंगे, स्नान घाट, गऊघाट किया गया।

विनय खण्ड में मकान संख्या 1/16 के सामने पार्क लखन पार्क एवं इसके सामने की सड़क लखन मार्ग किया गया।

निरालानगर जेजे बेकरी से आठ नंबर चौराहा तक का सड़क का नामकरण समाजसेवी और वाल्मीकि समाज के नेता स्वर्गीय देवी प्रसाद वाल्मीकि मार्ग का नामकरण किया गया और उनकी मूर्ति लगाने के लिए महापौर को अधिकृत किया गया।

जब गरिमा खो बैठे पार्षद: लंबे समय से पार्षद रहने का अनुभव लेकिन, नगर निगम सदन में दोनों पार्षदों ने अलग अंदाज में ही एक दूसरे की खिंचाई और पूरा सदन यह तमाशा देख रहा था। दरअसल एजेंडे में शामिल शासनादेशों को भाजपा पार्षदों ने पास कर दिया तो सपा पार्षद दल के नेता सैय्यद यावर हुसैन रेशू खड़े हो गए। कहा कि सदन का छह घंटा इसलिए बर्बाद हो गया क्योंकि शासनादेशों को हम पास-पास कर देते है। अगर पहले भी शासनादेशों पर चर्चा हो जाती तो निजी हाथों में कूड़ा प्रबंधन और स्ट्रीट लाइट होने का रोना पूरा सदन रो रहा है, उसी समय हम शासनादेश में संशोधन का प्रयास कर सकते थे। इस पर भाजपा पार्षद नागेंद्र सिंह खड़े हो गए और रेशू की बात का विरोध करने लगे। कहा, अगर साढ़े छह घंटा खराब हो गया है तो घर चले जाते। दोनों में बहस होने लगी। इसी दौरान कांग्रेस पार्षद गिरीश मिश्र खड़े और रेशू की बात का समर्थन करने लगे। इस पर चौहान ने कहा कि वह अभी तक घुइंया छिल रहे थे, जो एजेंडा नहीं पढ़ पाए। महापौर को हस्तक्षेप करना पड़ गया।

कूड़ा न उठान होने से दिखा पूरा गुस्सा: शहर में कूड़ा प्रबंधन का काम देख रही मेसर्स ईको ग्रीन की मनमानी के खिलाफ पार्षदों की नाराजगी दिखी। पार्षदों ने आरोप लगाया कि मेसर्स ईको ग्रीन कूड़ा प्रबंधन के नाम पर घपला कर रहा है। पार्षद विजय गुप्ता ने यह आरोप लगाया कि प्रति घर से ईको ग्रीन जितना शुल्क वसूल रही है, उससे अधिक रकम नगर निगम से ले रही है। ऐसे में कंपनी अधिक से अधिक घरों से कूड़ा उठाने का फर्जी आंकड़ा दे रही है। उनका कहना था कि ईको ग्रीन कर्मचारी कई-कई दिन बाद कूड़ा लेने आते हैं। पार्षद अनुराग मिश्र ने कहा कि ईको ग्रीन ने जिन कर्मचारियों को लगा रखा है, वह हर किसी से गलत तरह से पेश आते हैं। बकरीद के दिन की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कर्मचारियों की गलत हरकत से सांप्रदायिक माहौल खराब हो सकता है।

पार्षद नागेंद्र सिंह चौहान, गिरीश मिश्र, दिलीप श्रीवास्तव, सुशील कुमार तिवारी पम्मी, रामकृष्ण यादव, मुन्ना मिश्र,शैलेंद्र सिंह बल्लू, रानी कनौजिया, पद्मनी रानी कनौजिया, अमित मौर्य, अमित चौधरी समेत अन्य पार्षदों ने ईको ग्रीन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया और कहा कि समय पर कूड़ा न उठने से परेशानी हो रही है।

कारगिल शहीद के आश्रितों को मिला तोहफा: नगर निगम कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के आश्रितों को नगर निगम भवन कर, जलकर और सीवर कर में छूट देगा। महापौर संयुक्ता भाटिया की अध्यक्षता में हुए सदन में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया।

नगर निगम पाॄकग उपविधि 2021 को मंजूरी: सदन ने नगर निगम पार्किंग उपविधि 2021 को पास कर दिया। अब आपत्तियां मांगी जाएगी। उपविधि के तहत निजी भवन में पार्किंग का संचालन नगर निगम से हो सकेगा। नगर निगम की तरफ से निर्धारित पाॄकग शुल्क ही लेना होगा। नगर निगम की चिंहित पाॄकग के पांच सौ मीटर के दायरे में भी कोई निजी पाॄकग नहीं चल सकेगी। उपविधि का उल्लंघन करने पर पचास हजार तक जुर्माना लगेगा। सवारी भरने व उतारने वाले वाहनों से भी शुल्क वसूला जाएगा। कोई भी निजी और व्यावसायिक वाहन खड़े पाए जाएंगे, उनसे नगर निगम जुर्माना लेगा। संचालक को जनसुविधाओं में शौचालय, पेयजल व्यवस्था तथा बैठने के लिए टीन शेड और कुर्सी का इंतजाम करना होगा।

इन्हें भी मिली मंजूरी

विकास नगर सेक्टर 11 में मिनी स्टेडियम का संचालन खेल विभाग को दिया जाएगा।

लालबाग में दयानिधान पार्क के पीछे भूमि पर बिल्डर एंग्रीमेंट पर विकास कराया जाएगा। ऐसा ही गोमतीनगर समता मूलक चौराहे के पास 19142 वर्गमीटर भूमि पर बिल्डर एंग्रीमेंट से विकास कराया जाएगा।

कब्रिस्तान की जमीन पैमाइश कराने की मांग पर प्रदर्शन: केसरी खेड़ा वार्ड के कनौसी में कब्रिस्तान की जमीन को चिंहित करने की मांग को लेकर पार्षद जितेंद्र यादव जीतू समेत सपा कार्यकर्ताओं ने नगर निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। सदन चालू होने से पूर्व ही सपा नेता नवीन धवन बंटी, रीतेश साहू समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे। पार्षद का कहना था कि कनौसी में सौ वर्ष पुराना कब्रिस्तान है। कई साल पहले कब्रिस्तान की जमीन को प्रापर्टी डीलर ने बेंच दिया था। जब वहां पर कोई निर्माण कराने पहुंचा तो गांव वालों ने विरोध किया। गांव वालों की मांग है कि कब्रिस्तान की पैमाइश कराकर उसकी घेराबंदी कर दी जाए लेकिन पत्रों को देने के बाद भी नगर निगम ऐसा नहीं कर रहा है, जिसके विरोध में वह प्रदर्शन करने आए थे।

ईईएसएल और इकोग्रीन पर बनेगी कमेटी: स्ट्रीट लाइट की बदहाली का मामला भी सदन में उठा। अधिकांश पार्षदों ने स्ट्रीट लाइटें न जलने की शिकायतें की। हंगामा बढने पर सदन ने स्ट्रीट लाइट का काम देख रही ईईएसएल के साथ ही कूड़ा प्रबंधन दे रखी मेसर्स इकोग्रीन के कार्यों और भुगतान का परीक्षण करने और व्यवस्था सुधार हेतु सुझाव देने के लिए समिति बनाने हेतु महापौर को अधिकृत किया गया। ईईएसएल द्वारा लगाई गई लाइटों को भी सत्यापित किया जाएगा।

ये प्रस्ताव पास

कल्याण मण्डप सेक्टर-एक विकास नगर एवं सामुदायिक केंद्र सेक्टर-चार का किराया बढ़ाया जाएगा।

नगर निगम के त्रिलोकनाथ हॉल का पुनॢनर्माण कार्य विधानसभा सदन के अनुरूप किया जाएगा, जिस पर एक करोड़ खर्च होंगे।

नगर निगम सीमा पर स्थित मार्गों में ओवरहेड स्ट्रक्चर, गैंट्री लगाकर नगर निगम आपका हाॢदक स्वागत करता है/आगमन के लिए धन्यवाद का साइन बोर्ड लगाया जाएगा।

अटल बिहारी वाजपेयी नगर निगम डिग्री कालेज में शुरू होगा परास्नातक कोर्स

नगर निगम के नए विस्तारित क्षेत्रो में 88 गांवों में पहले गृहकर में कोई म्युटेशन चार्ज नही लिया गया। इसका प्रचार प्रसार भी 88 गांवों में किया जाएगा

इंदिरा नगर व इस्माइलगंज में प्राचीन शिव मंदिर मार्ग के निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित किया गया।

नरपत खेड़ा में भव्यापुरम कॉलोनी के मुख्य द्वार गेट-एक से अंदर की 250 मीटर लंबी सड़क के निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग को हस्तगत किया गया।

लखनऊ पश्चिम विधानसभा की नौ सड़कों को लोक निर्माण विभाग को हस्तगत किया गया।

सुविधाओं से दूर होती जा रही राजधानी

बदतर कूड़ा प्रबंधन, नलों से आ रही दूषित पानी और जलनिगम की मनमानी से खुदी पड़ी सड़कें और पटरी से उतर गई स्ट्रीट लाइट व्यवस्था। इन समस्याओं से राजधानी के निवासी जूझ रहे हैं। रविवार देर शाम तक चले नगर निगम के सदन में यह मुद्दे करीब साढ़े छह घंटे तक सदन में छाए रहे। पार्षदों का विरोध, हंगामा और नाराज होकर महापौर संयुक्ता भाटिया का सदन छोड़कर जाना। इस सब के बीच भी कोई सार्थक निर्णय नहीं हो सका, जिससे शहर की इन मूलभूत समस्याओं में सुधार लाया जा सके। दलीय आधार पर पार्षद एक दूसरे से भिड़ते रहे। सदन में पूर्व में हुए निर्णय का पालन न कराने पर नगर निगम के अधिकारी भी कीटघरे में आ गए। नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि पूर्व में सदन में हुए जिन निर्णयों का पालन नहीं हो पाया है, उसकी रिपोर्ट अगले शनिवार तक उपलब्ध करा दी जाएगी। भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सदन से पूर्व ही बैठक कर ली जाएगी।

गंदे पानी के लिए आप जिम्मेदार, हो गया हंगामा

पार्षदों ने नलों से हो रही दूषित जलापूर्ति का मुद्दा उठाया तो जलकल के महाप्रबंधक एसके वर्मा ने सफाई दी और कह दिया कि 90 प्रतिशत जलापूर्ति के लिए शहरवासी जिम्मेदार हैं, जो मुख्य पाइप से घरों से गए पाइप की समय-समय पर मरम्मत नहीं कराते हैं। इसे लेकर कांग्रेस पार्षद अमित चौधरी ने इस पर विरोध जताया और जोर-जोर से चिल्लाने लगे। पार्षद ने शिकायतों को अनसुना करने का आरोप लगा दिया। इसी बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने भी पानी की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर दिए। आलमबाग क्षेत्र में जलनिगम की खुदाई से पाइप लाइन टूटने से दस-दस दिन पानी न आने का मुद्दा उठाया। भाजपा पार्षद नागेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि राममोहन राय वार्ड में जब से नया नलकूप लगा है, तब से उसमे बालू आ रही है। बशीरतगंज गणेशगंज वार्ड की पार्षद शशि गुप्ता ने कहा कि कई मोहल्लों में नलों से गंदा पानी आ रहा है। दूषित जलापूर्ति और जलनिगम की मनमाने तरह से की जा रही खोदाई को लेकर इतना अधिक शोर हो गया कि महापौर को पटल पर खड़ा होना पड़ गया। महापौर का कहना था कि अगर सभी पार्षद एक साथ अपनी बात रखेंगे तो किसी की बात समझ में नहीं आएगी और हम शहरवासियों की समस्याओं को नहीं उठा पाएंगे। शोर अधिक बढने पर 12.30 बजे महापौर सदन से बाहर चली गईं। सदन से बाहर जाते समय उनकी कांग्रेस पार्षद दल की नेता ममता चौधरी से भी झड़प हो गई। हालांकि कुछ देर बाद ममता चौधरी महापौर के कक्ष में गईं और उन्हें मनाकर फिर से सदन में ले आईं।

सड़क खोदकर बना नहीं रहा जलनिगम की मनमानी से हर पार्षद नाराज दिखा। सीवर के पाइप लाइन डालने में मनमाने तरह से खोदाई करने और पूर्व से पड़ी भूमिगत पाइप लाइनों को क्षतिग्रस्त करने का मुद्दा छाया रहा। आलमबाग क्षेत्र से जुड़े पार्षद श्रवण नायक और सुधीर मिश्र ने कहा कि मानकों के विपरीत सीवर लाइन डाली जा रही है, जिसका लाभ लंबे समय मिलना मुश्किल है।

जलनिगम ने जिस ठेेकेदार को काम दिया है उस ठेकदार ने दूसरे ठेकेदार को काम बेंच दिया है। मनमानी का आलम यह है कि चलना मुश्किल हो गया है। पेयजल आपूर्ति की लाइनों को जगह-जगह से तोड़ दिया गया है। दस-दस दिन तक पानी का संकट बना रहा है और यह संकट समय-समय पर बन रहा है। मौके पर जलनिगम के अधिशासी अभियंता अजीत कुमार सिंह को भी बुलाया गया, जिन्होंने पटल पर आकर बताया कि आलमबाग की संकरी गलियों में सीवर लाइन डालने में कठिनाई आ रही है। भूमिगत जलनिकासी की लाइन भी गई है, जिसे बचाकर ही काम करना पड़ रहा है और जहां पानी की पाइप लाइन टूटती है तो उसकी मरम्मत की जाती है।


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