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नगर निगम को सफाई के लिए देनी होगी तिमाही परीक्षा

नगर निगम को अब सफाई की परीक्षा पास करना पहले से ज्‍यादा कठिन होगा इसके लिए अब‍ तिमाही परीक्षा देनी होगी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 11 May 2019 12:17 PM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 12:17 PM (IST)
नगर निगम को सफाई के लिए देनी होगी तिमाही परीक्षा
नगर निगम को सफाई के लिए देनी होगी तिमाही परीक्षा

लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। नगर निगम को अब सफाई की परीक्षा पास करना और भी कठिन होगा। अब शहर को सफाई की तिमाही परीक्षा देनी होगी। चार जनवरी से 31 जनवरी 2020 तक केंद्रीय टीम नगर निगम की तरफ से सफाई को लेकर किए गए दावों का परीक्षण करेगी। अभी तक स्वच्छ सर्वेक्षण के कुछ ¨बदुओं पर ही माइनस मार्किंग होती थी, लेकिन 2020 के होने वाले सर्वेक्षण में सभी ¨बदुओं पर माइनस मार्किंग की जाएगी। ऐसे में सफाई के झूठे दावे नगर निगम की रैंक को और भी घटा सकते हैं। देश के 44 सौ शहरों के बीच स्वच्छ सर्वेक्षण की प्रतिस्पर्धा होती है।

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पहली तिमाही की परीक्षा जून में खत्म होगी तो जुलाई से दूसरी तिमाही की परीक्षा चालू हो जाएगी। हर तिमाही रिपोर्ट में नगर निगम को सफाई को लेकर कराए जा रहे कार्यों का ब्योरा देना होगा। इस बार भी पांच हजार अंकों की परीक्षा से नगर निगम को गुजरना पड़ेगा। इसमे कूड़ा प्रबंधन से लेकर खुले में शौच का प्रतिशत और सार्वजनिक, सामुदायिक और निजी शौचालयों के साथ ही शहर की सफाई व नागरिक प्रतिक्रिया भी शामिल है। इस बार नगर निगम की तरफ से पिछले साल नागरिक प्रतिक्रिया में दर्ज मोबाइल नंबरों से भी केंद्रीय टीम शहर की सफाई के बारे में सवाल करेगी। इसके अलावा नगर निगम के कंट्रोल रूम में दर्ज हो रही शिकायतों का परीक्षण केंद्रीय टीम करेगी। इसमे शिकायतकर्ता से पूछा जाएगा कि शिकायत का निराकरण हुआ कि नहीं और हुआ तो कितने में दिनों? अब नगर निगम ने अपनी पहली तिमाही रिपोर्ट भेजने की तैयारी कर दी है।

’नगर निगम को सबसे कम नंबर सेवा स्तर में सुधार न करने पर मिला था इसमें नगर निगम को कूड़ा प्रबंधन में सुधार करते हुए यह सुनिश्चित करना था कि हर घर से गीला और सूखा कूड़ा उठे, लेकिन ऐसा आज भी नहीं हो रहा है। शहर के 5.59 लाख भवनों और मकानों में से 1.40 लाख से ही कूड़ा एकत्र हो पा रहा था और वर्तमान समय से यह संख्या एक लाख घरों से नीचे हो गई है। इस कारण नगर निगम को सबसे कम नंबर 259.09 मिले थे

’शहर में कई जगह निजी, सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों में मानकों की कुछ अनदेखी का ही परिणाम रहा कि नगर निगम को 600 नंबर मिले थे। हालांकि, नगर निगम का दावा था कि 14 हजार घरों में शौचालय बनाए गए थे तो सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय भी करीब साढ़े तीन सौ बनाए गए थे।

’सफाई से जुड़े अभिलेखों को तैयार करने और शहरवासियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक में भी नगर निगम 600 नंबर ही पा सका था। फीड बैक में भी नगर निगम को 988.97 नंबर मिले थे।

केंद्रीय टीम ने मौके पर सत्यापन करने बाद नगर निगम को किया 899 नंबर दिए थे।

नगर निगम स्वच्छ भारत मिशन की इंचार्ज प्रियदर्शिनी पांडेय ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में सफाई से जुड़े सभी ¨बदु पूर्व के ही हैं, लेकिन अब सभी ¨बदुओं पर माइनस मार्किंग होगी। अभी तक माइनस मार्किंग कूड़े का घर घर से कलेक्शन, उसकी घर पर ही छंटाई और पहाड़घरों पर ही थी, लेकिन अब सभी ¨बदुओं पर शत-प्रतिशत माइनस मार्किंग होगी। इस बार तिमाही सर्वेक्षण रिपोर्ट भेजनी होगी।

’2019 में 121वां स्थान

’2018 में 115वां स्थान

’2017 में 269वां स्थान

’वर्ष 2019 में नगर निगम ने शहरवासियों को स्वच्छता के प्रति जागरुक करने के लिए करीब एक करोड़ खर्च किया गया था।

’यूपी के टॉप टेन में भी दसवें नंबर पर नगर निगम शामिल था।

2019 में यहां रहे कमजोर (हर श्रेणी 1250 नंबर की थी)

जून में पहली तिमाही रिपोर्ट भेजनी होगी, अगले वर्ष चार जनवरी से 31 जनवरी तक होगा मौके पर सत्यापन

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