बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी पहुंचे एलडीए, कहा-वैध तरीके से खरीदी थी जमीन
निष्क्रांत संपत्ति पर बनाया गया डालीबाग में अफजाल की पत्नी फरहत अंसारी का बंगला। मांगी कुछ दिन की और मोहलत एलडीए अगली सुनवाई 21 सितंबर को की जाएगी।
लखनऊ, जेएनएन। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के सांसद भाई अफजाल अंसारी सपिरवार लखनऊ विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष शिवाकांत द्विवेदी के सामने मंगलवार को पहुंचे। उन्होंने डालीबाग में अपनी पत्नी के नाम दर्ज मकान को बचाने की गुहार लगाई। उन्होंने अपना पक्ष रखा। कुछ मोहलत मांगी। जिस पर एलडीए ने सात दिन का और दिया है। डालीबाग के गाटा संख्या 93 में उनका मकान है जो कि निष्क्रांत भूमि के तहत आता है। इसलिए उनका नक्शा निरस्त होना है। अफजाल ने एलडीए से थोड़ा और समय मांगा है,उनको सात दिन की और मोहलत दी गई है। 21 सितंबर को उनकी दोबारा सुनवाई होगी।
एलडीए का मुख्तार अंसारी की भाभी को दी थी नोटिस
मुख्तार अंसारी की भाभी फरहत अंसारी के डालीबाग स्थित सरकारी जमीन पर किए गए अवैध निर्माण को ढहाने की तैयारी शुरू कर दी है। जिसके पहले चरण में इस भवन का शमन मानचित्र निरस्त किया जाएगा। एलडीए ने एक सितम्बर को इस बाबत मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी की पत्नी फरहत अंसारी को नोटिस दे दी थी। उप्र नगर विकास नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा-15 के तहत ये नोटिस जारी की थी। जिसमें किसी भी जारी मानचित्र को निरस्त किया जाता है।
14 दिन के भीतर फरहत अंसारी को इस बात का जवाब एलडीए के वीसी के समक्ष देना था। जहां उनको बताना था कि ये नक्शा क्यों न निरस्त कर दिया जाए। नक्शा निरस्त होने के बाद एलडीए भवन के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू करेगा। अफजाल अंसारी की पत्नी फरहत अंसारी के नाम पर डालीबाग में करीब आठ हजार वर्ग फीट में बने किलानुमान मकान पहले बिना नक्शा पास करवाए ही बनवा लिया गया था। बनवाने के बाद रसूख औीर फर्जी कागजों की दम पर एलडीए से नक्शा भी पास करवाया गया। ये कंपाउंडिंग मैप साल 2007 में पास करवाया गया था। निर्माण पूरा होने पर कोई कार्रवाई न कर के नक्शा पास कर दिया गया था। गाटा संख्या 93 का तीसरा निर्माण है, जिस पर अभी तक कार्रवाई नहीं की है। डीएम प्रशासन ने इस संपत्ति की भी खातेदारी निरस्त कर दी है। एलडीए ने इस निर्माण का नक्शा साल 2007 में पास किया था।
करीब 40 मिनट चली सुनवाई
एलडीए अफजाल अंसारी उनकी पत्नी फरहत अंसारी की सुनवाई उपाध्यक्ष शिवाकांत द्विवेदी ने करीब 40 मिनट तक की गई। अफजाल अंसारी ने बताया कि उन्होंने ये जमीन वैध तरीके से खरीदी थी और उस पर शमन मानचित्र भी पास करवाया था। शत्रु संपत्ति होने की जानकारी उनको नहीं थी। इस बारे में एलडीए उपाध्यक्ष शिवाकांत द्विवेदी ने बताया कि उन्होंने थोड़ी मोहलत मांगी है। सात दिन का समय और दिया गया है। अगली सुनवाई 21 सितंबर को की जाएगी।