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Mukhtar ambulance case: ज‍िसके नाम से सहम जाते थे लोग, अब खुद खौफ में काट रहा द‍िन; कोर्ट से लगाई सुरक्षा की गुहार

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में अदालत से मुख्तार ने लगाई सुरक्षा की गुहार। सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी ने कहा कि बांदा जेल में उसकी जान का खतरा है। जेल के सीसी कैमरों को दूसरी तरफ घुमाकर लोग आते-जाते हैं। इससे मेरी हत्या की साजिश प्रतीत होती है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 16 Aug 2021 09:24 PM (IST)Updated: Tue, 17 Aug 2021 01:13 AM (IST)
Mukhtar ambulance case: ज‍िसके नाम से सहम जाते थे लोग, अब खुद खौफ में काट रहा द‍िन; कोर्ट से लगाई सुरक्षा की गुहार
हत्या के खौफ में बांदा जेल में बीत रहे व‍िधायक मुख्तार अंसारी के दिन।

बाराबंकी, संवाद सूत्र। जिस मुख्तार अंसारी के नाम से पूर्वांचल में लोग खौफ खाते थे, वह आज बांदा जेल में अपनी हत्या के खौफ में दिन काट रहा है। मुख्तार का डर सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एंबुलेंस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत के सामने आया। सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी ने कहा कि बांदा जेल में उसकी जान का खतरा है। जेल के सीसी कैमरों को दूसरी तरफ घुमाकर लोग आते-जाते हैं। इससे मेरी हत्या की साजिश प्रतीत होती है। मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता ने बांदा जेल में उसकी सुरक्षा को खतरा बताते हुए किसी दूसरी जेल में रखे जाने के संबंध में प्रार्थना पत्र भी दिया है। अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 27 अगस्त निर्धारित की है।

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हत्या के लिए पांच करोड़ की सुपारी : वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विशेष सत्र एवं न्यायाधीश कोर्ट नंबर चार के समक्ष मुख्तार अंसारी ने अपने अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन के माध्यम से एक पत्र दिया है। इसमें कहा गया है कि उनकी हत्या करने के लिए कुछ बंदियों को पांच करोड़ की धनराशि देने की बात कही गई है। उन बंदियों के सारे मुकदमे समाप्त कराने का भी आश्वासन दिया जा रहा है। ऐसे में कभी भी हत्या की जा सकती है। मुख्तार ने न्यायिक अभिरक्षा में सुरक्षा की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपण जेल से पेशी पर ले जाने वाली एंबुलेंस मऊ जिले के संजीविनी हास्पिटल के नाम से थी लेकिन हास्पिटल का फर्जी पता बाराबंकी था। इस मामले का राजफाश होने पर पुलिस ने जांच के बाद मुकदमा कराया था, जिसकी सुनवाई चल रही है। 

यह है पूरा मामला: वर्ष 2013 में बाराबंकी एआरटीओ में जाली दस्तावेजों के सहारे मऊ के एक हास्पिटल के नाम वाले फर्जी पते पर एंबुलेंस पंजीकृत कराई गई थी। प्रकरण में दो अप्रैल को हास्पिटल की संचालिका डा.अलका राय पर मुकदमा कराया था। अलका के बयान के आधार पुलिस ने इसमेें मुख्तार अंसारी, उसके विधायक प्रतिनिधि मो.शोएब मुजाहिद सहित छह लोगों को आरोपित बनाया गया था। बाद में मुकदमे में गाजीपुर के रहने वाले एंबुलेंस चालक सलीम, सुरेंद्र शर्मा और अफरोज खान को भी शामिल किया गया था। कोतवाली नगर पुलिस ने मऊ के घोसी जमाल मिर्जापुर कस्बा खास के मो.शोएब मुजाहिद को जैदपुर अंडरपास के पास से गिरफ्तार किया था। वह प्रयागराज के करेली थाने के 640/786 वसीहाबाद सदियापुर में रहता था।  


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