सूक्ष्म व लघु उद्योगों के लिए निजी क्षेत्र से विकसित किए जाएंगे एमएसएमई पार्क
प्रदेश में सूक्ष्म, लघु व मध्यम दर्जे के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार अब निजी क्षेत्र के अंतर्गत एमएसएमई पार्क की स्थापना को प्रोत्साहन देने की तैयारी में जुटी है।
लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश में सूक्ष्म, लघु व मध्यम दर्जे के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार अब निजी क्षेत्र के अंतर्गत एमएसएमई पार्क की स्थापना को प्रोत्साहन देने की तैयारी में जुटी है। इससे पहले सरकार बड़े उद्योगों की स्थापना के लिए प्राइवेट सेक्टर के तहत इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने की नियमावली को मंजूरी दे चुकी है। एमएसएमई पार्क की स्थापना के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है।
20 से लेकर 100 एकड़ जमीन
प्रस्ताव के मुताबिक निजी क्षेत्र की ओर से 20 से लेकर 100 एकड़ तक के क्षेत्रफल में एमएसएमई पार्क विकसित किये जा सकेंगे। पार्क के कुल क्षेत्रफल का 50 फीसद एमएसएमई सेक्टर के लिए आरक्षित होगा। इस 50 फीसद क्षेत्र का 60 प्रतिशत यानि पार्क के कुल क्षेत्रफल का 30 प्रतिशत हिस्सा सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए आरक्षित होगा। एमएसएमई पार्क विकसित करने के लिए जमीन खरीदने वाले डेवलपर को स्टांप ड्यूटी में 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। वहीं पार्क में उद्योग की स्थापना के लिए जमीन खरीदने वाले पहले खरीददारों को स्टांप ड्यूटी में 50 प्रतिशत छूट देने का प्रस्ताव है।
खुद जमीन का अधिग्रहण
एमएसएमई पार्क की स्थापना के लिए सरकार यदि खुद जमीन का अधिग्रहण करती है तो नए कानून के मुताबिक उसे भूमि के एवज में ग्रामीण क्षेत्रों में सर्किल रेट का चार गुना और शहरी क्षेत्र में दोगुना मुआवजा देना होगा। इससे जमीन की कीमत बढ़ेगी और औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की लागत बढ़ेगी। इसलिए निजी क्षेत्र को इसके लिए प्रोत्साहित करने की मंशा है। निजी क्षेत्र में एमएसएमई पार्क की स्थापना करने वालों को इसके अलावा कुछ और प्रोत्साहन भी दिये जाएंगे।
तीन प्रकार की सब्सिडी मिलेगी
निजी क्षेत्र को पार्क के लिए जमीन खरीदने पर बैंक से लिये गए कर्ज पर अदा किये गए ब्याज पर सब्सिडी दी जाएगी। उन्हें पार्क में सड़क, नालियां व अन्य अवस्थापना सुविधाएं विकसित करने के मकसद से लिये गए बैंक लोन पर अदा किये गए ब्याज पर भी सब्सिडी दी जाएगी। पार्क में स्थापित की जाने वाली औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले श्रमिकों के रहने के लिए आवास बनाने की खातिर लिये गए कर्ज पर अदा किये गए ब्याज पर भी सब्सिडी दी जाएगी। इन तीनों प्रकार की सब्सिडी उप्र औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017 में इन मदों के लिए प्रस्तावित प्रोत्साहनों का 20 फीसद होगी। इस प्रस्ताव पर विभिन्न विभागों से परामर्श मांगा गया है।
बिजली बिल में भी छूट देने का प्रस्ताव
सूक्ष्म व लघु उद्योगों को उत्पादन लागत में कमी लाने और उनके उत्पादों को बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के मकसद से सरकार इस सेक्टर को बिजली के बिल में भी रियायत देने की कवायद में जुटी है। सूक्ष्म और लघु उद्योगों को बिजली दरों में एक रुपया प्रति यूनिट के हिसाब से छूट देने का प्रस्ताव है। प्रस्ताव के मुताबिक सूक्ष्म श्रेणी के उद्योगों को सालाना 25000 यूनिट और लघु उद्योगों को 100000 यूनिट पर एक रुपया प्रति यूनिट की दर से रियायत देने का इरादा है। इस प्रस्ताव को वित्त विभाग को मंजूरी के लिए भेजा गया है।