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MP Governor Lalji Tandon Health Update: वेंलिटेटर पर लालजी टंडन, डायलिसिस जारी

MP Governor Lalji Tandon Health Update राज्यपाल को 11 जून को मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। टंडन वेंलिटेटर पर हैं।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 05:03 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 05:03 PM (IST)
MP Governor Lalji Tandon Health Update: वेंलिटेटर पर लालजी टंडन, डायलिसिस जारी
MP Governor Lalji Tandon Health Update: वेंलिटेटर पर लालजी टंडन, डायलिसिस जारी

लखनऊ, जेएनएन। MP Governor Lalji Tandon Health Update: मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन की हालत गंभीर है। मेदांता लखनऊ में भर्ती टंडन वेंलिटेटर पर हैं। मेडिकल डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर के मुताबिक, राज्यपाल की डायलिसिस किया जा रहा है। बता दें, राज्यपाल को 11 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं, 13 जून को वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया। दो दिन बीच में बाई-पैप मशीन पर भी रहे।

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मालूम हो कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन को 11 जून को स्वास्थ्य खराब होने पर मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 13 जून को पेट में रक्तस्राव होने पर उनका ऑपरेशन किया गया। इसके बाद से वह लगातार क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर पर थे। बीच-बीच में कुछ देर के लिए वेंटिलेटर हटाया गया। 27 जून को उन्हें प्रेशर में ऑक्सीजन देने के लिए बाई-पैप मशीन पर रखा गया। लेकिन, उन्हें राहत नहीं मिली। लिहाजा, सोमवार को फिर राज्यपाल को क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया। मेदांता अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर के मुताबिक, राज्यपाल को कोमोर्बिटीज और न्यूरो मस्कुलर की समस्या है। सांस लेने में दिक्कत हो रही है। ऐसे में फिर उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया है।

बाई-पैप और वेंटिलेटर में अंतर

विशेषज्ञों के अनुसार, बाई-पैप और वेंटिलेटर दोनों मैके निकल वेंटिलेशन मशीनें हैं। मरीज यदि गंभीर है और बेहोशी में नहीं है। मगर, सांस लेने में असमर्थ है। कार्बन डाई ऑक्साइड बाहर नहीं निकाल पा रहा है। ऐसी स्थिति में बाई-पैप मशीन का सपोर्ट दिया जाता है। इसमें मुंह-नाक पर मास्क लगाकर प्रेशर में ऑक्सीजन दी जाती है। वहीं, मरीज में बेहोशी आने लगे, शरीर में अम्लता बढ़ जाए, कॉर्बन डाई ऑक्साइड और बढ़ जाए तो ऐसी स्थिति में मरीज अति गंभीर होने लगता है। उसे वेंटिलेटर सपोर्ट देना बेहतर रहता है। इसमें मरीज के गले के पास ट्रैकियोस्टमी की जाती है। उसमें इंडोट्रैकियल ट्यूब डाल दी जाती है। इसके जरिये डायरेक्ट ऑक्सीजन पहुंचती है।


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