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Mosque in Ayodhya : 'पवित्र धन' से होगा अयोध्या में मस्जिद निर्माण, दान लेने के लिए खुलेगा अलग बैंक खाता

Mosque in Ayodhya अयोध्या में मस्जिद का निर्माण शरीयत के मुताबिक पवित्र धन से किया जाएगा। इसमें किसी भी तरह की नापाक कमाई नहीं लगाई जाएगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 17 Aug 2020 06:20 PM (IST)Updated: Tue, 18 Aug 2020 07:07 AM (IST)
Mosque in Ayodhya : 'पवित्र धन' से होगा अयोध्या में मस्जिद निर्माण, दान लेने के लिए खुलेगा अलग बैंक खाता
Mosque in Ayodhya : 'पवित्र धन' से होगा अयोध्या में मस्जिद निर्माण, दान लेने के लिए खुलेगा अलग बैंक खाता

लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। अयोध्या में मस्जिद का निर्माण शरीयत के मुताबिक 'पवित्र धन' से किया जाएगा। इसमें किसी भी तरह की नापाक कमाई नहीं लगाई जाएगी। इसके लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन एक अलग बैंक अकाउंट खोलने जा रहा है। मस्जिद निर्माण में बैंक के ब्याज का भी पैसा नहीं लग सकता है। साथ ही शराब बिक्री सहित इस्लाम में वर्जित तरीके से कमाया हुआ पैसा भी इसमें नहीं लगेगा।

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उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड अयोध्या में मिली पांच एकड़ भूमि पर मस्जिद के साथ ही अस्पताल, लाइब्रेरी, सामुदायिक रसोईघर, म्यूजियम और रिसर्च सेंटर बनाने जा रहा है। इसके लिए बोर्ड ने इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट गठित किया है। फाउंडेशन ने अपनी पहली बैठक कर बैंक अकाउंट खोलने को मंजूरी दे दी है। वर्चुअल बैठक में दो अलग-अलग बैंक अकाउंट खोलने का प्रस्ताव पास हुआ। मस्जिद निर्माण के लिए अलग बैंक अकाउंट खोला जाएगा। इसमें ईमानदारी व गाढ़ी कमाई का ही 'पवित्र धन' दान लिया जाएगा।

इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के सचिव व प्रवक्ता अतहर हुसैन ने बताया कि शरीयत के मुताबिक नापाक कमाई यहां तक की बैंक से मिलने वाला ब्याज तक मस्जिद निर्माण के लिए नहीं दिया जा सकता है। इसलिए मस्जिद के दान के लिए अलग बैंक अकाउंट खोला जाएगा जिसमें लोग अपनी मेहनत की कमाई से दान दे सकेंगे। वहीं, अस्पताल, सामुदायिक रसोईघर, म्यूजियम, रिसर्च सेंटर व लाइब्रेरी सहित अन्य जन सुविधाओं के निर्माण के लिए एक अलग बैंक अकाउंट खोला जाएगा। अकाउंट खुलने के बाद ट्रस्ट ऑनलाइन डोनेशन लेना शुरू करेगा। दोनों ही अकाउंट प्राइवेट बैंकों में खोले जाएंगे। इसमें किसी भी पेमेंट गेटवे से पैसा दान दिया जा सकेगा।

अतहर हुसैन ने बताया कि सोमवार 17 अगस्त को अयोध्या में मिली पांच एकड़ जमीन का सीमांकन के बाद फाउंडेशन एक ड्राफ्टमैन भेजेगा। वह भूमि का पूरा खाका खींचकर देंगे। इसके बाद फाउंडेशन चुने हुए आर्किटेक्ट को इसे भेजेगा। जिसका भी प्लान सबसे अच्छा होगा उसे चयनित कर लिया जाएगा। इसके बाद मस्जिद सहित पूरे सेंटर में खर्च होने वाली धनराशि का पता चल पाएगा।

मस्जिद निर्माण में यह पैसा नहीं लगेगा

  • ब्याज या सूद की कमाई
  • शराब खरीदने व बेचने से होने वाली कमाई
  • देश के कानून के खिलाफ अवैध रूप से कमाया हुआ पैसा
  • डिबेंचर बांड से कमाया हुआ पैसा

विदेश से भी लिया जाएगा चंदा : इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन मस्जिद व अन्य जनसुविधाओं के विकास के लिए विदेश से भी चंदा एकत्र करेगा। इसके लिए फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट के तहत औपचारिकताएं पूरी कर एक अलग बैंक अकाउंट खोला जाएगा। इसके लिए फाउंडेशन जल्द ही भारत सरकार के गृह मंत्रालय में आवेदन करेगा।

हिंदू-मुस्लिम के बीच कड़वाहट दूर करेगा यह केंद्र : ट्रस्ट के सचिव व प्रवक्ता अतहर हुसैन ने कहा कि पांच एकड़ भूमि पर बनने यह केंद्र अयोध्या में मंदिर मस्जिद विवाद के कारण हिंदू-मुस्लिम के बीच आई कड़वाहट को कम करेगा। अंग्रेजों के खिलाफ जिस प्रकार हिंदू-मुस्लिम ने मिलकर लड़ाई लड़ी थी उसी प्रकार की एकता का प्रयास इसके जरिए फिर किया जाएगा। कबीर, रहीम व रसखान जैसे हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक कवियों के मूल्यों व विचारधारा का यह केंद्र होगा।


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