काबा शरीफ की तर्ज पर चौकोर बन सकती अयोध्या में मस्जिद, वास्तुविद प्रो.एसएम अख्तर दिए संकेत
आइआइसीएफ के सचिव व प्रवक्ता अतहर हुसैन सिद्दीकी ने कहा कि फिलहाल अयोध्या में बनने वाली मस्जिद का नामकरण किसी बादशाह या राजा के नाम पर करने का इरादा नहीं है।
लखनऊ, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के क्रम में अयोध्या में बनाई जाने वाली मस्जिद की बनावट मक्का स्थित काबा शरीफ की तरह चौकोर भी हो सकती है। फिलहाल इस मस्जिद का नामकरण किसी बादशाह या राजा के नाम पर करने का इरादा नहीं है। इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आइआइसीएफ) के सचिव व प्रवक्ता अतहर हुसैन सिद्दीकी ने कहा कि अयोध्या के धन्नीपुर गांव में 15000 वर्ग फीट क्षेत्र में मस्जिद बनायी जानी है। इसका आकार बाबरी मस्जिद के समान होगा। हालांकि इसकी बनावट अन्य मजिस्दों से अलग हो सकती है।
आइआइसीएफ के सचिव व प्रवक्ता अतहर हुसैन सिद्दीकी ने कहा कि अयोध्या में प्रस्तावित मस्जिद की बनावट चौकोर भी हो सकती है, जैसा कि मस्जिद निर्माण के लिए वास्तुविद नियुक्त किये गए प्रो.एसएम अख्तर संकेत दे चुके हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या अयोध्या में प्रस्तावित मस्जिद में गुंबद और मीनारें नहीं होंगी, उन्होंने कहा कि मस्जिद की डिजाइन तय और तैयार करने के लिए आइआइसीएफ ने प्रो. एसएम अख्तर को अधिकृत कर दिया है। वह जो डिजाइन और प्लान बनाकर देंगे, उस पर ट्रस्ट गौर फरमाएगा।
अतहर हुसैन सिद्दीकी ने बताया कि मस्जिद और उसके साथ बनाये जाने वाले म्यूजियम, हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर की खातिर जनता से चंदा लेने के लिए आइआइसीएफ पोर्टल बनवा रहा है। इस पोर्टल पर इस्लामिक विद्वानों के लेख भी प्रदर्शित किये जाएंगे। बता दें कि अयोध्या में मस्जिद के निर्माण के लिए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने आइआइसीएफ नामक ट्रस्ट बनाया है जिसे जिले के धन्नीपुर गांव में राज्य सरकार की ओर से आवंटित पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद कांप्लेक्स बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
बता दें कि इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन बाबरी मस्जिद के विकल्प के तौर पर अयोध्या में दूसरी मस्जिद बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से स्थापित किया गया ट्रस्ट है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वक्फ बोर्ड को अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन दी है।