20 सालों से अपने ही आशियानों से बेदखल 120 लोग, कानपुर रोड पर 70 आवंटी मकान के लिए काट रहे चक्कर
लखनऊ के गोमती नगर विस्तार के 45 आवंटियों को 20 सालों से नहीं मिला भूखंड पिछले ढाई साल में दो हजार विवादित मामले निपटे।
लखनऊ [ऋषि मिश्र]। राजधानी में पिछले करीब ढाई साल में दो हजार आवंटियों को अपने भूखंड पर कब्जा मिल गया है। इसके बावजूद विभिन्न विवादों के चलते अलग-अलग योजनाओं के 120 आवंटी अब भी अपने प्लाट पर कब्जा नहीं पा सके हैं। जिनको करीब 15 से 20 साल बीत चुके हैं।
प्राधिकरण में निवर्तमान उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह के कार्यकाल में गोमती नगर विस्तार में करीब 400, कानपुर रोड पर करीब 100, जानकीपुरम में 25, हरदोई रोड पर लगभग 800 आवंटियों को कब्जा मिला। इनके अलावा एक हजार से अधिक फ्लैटों के आवंटियों को भी उनके भूखंड पर कब्जा दिया जा चुका था। इतनी बड़ी संख्या में भूखंड के विवाद पिछले 20 साल से निस्तारित नहीं किए जा सके थे। आवंटियों को उनके आशियाने मिल गए। इसके बावजूद 120 आवंटी अभी ऐसे हैं, जिनको भूखंड पर कब्जा नहीं मिल सका है। इनमें गोमती नगर विस्तार और कानपुर रोड के आवंटी शामिल हैं।
कानपुर रोड पर आवंटी 70 बेहाल
कानपुर रोड पर लगभग 70 आवंटियों को भूखंड नहीं दिया जा सका है। जिनमें से 44 रक्षा संपदा के साथ भूमि विवाद के चलते परेशान हैं। जबकि बाकी लेआउट संबंधित दिक्कतों को लेकर बेहाल हैं।
गोमती नगर विस्तार में भी 45 आवंटी निकले अभागे
गोमती नगर विस्तार में 45 आवंटी अभागे साबित हुए हैं। यहां ढाई साल के भीतर 400 से अधिक आवंटियों को उनके भूखंड पर कब्जा दे दिया गया। मगर अभी भी कुछ विवाद बचे हुए हैं, इस वजह से 45 आवंटियों को कब्जा नहीं मिल सका है। जिनमें डीएपी स्कूल के विवाद में सुप्रीम कोर्ट से स्टे है। जिसके चलते 14 आवंटियों को भूखंड पर कब्जा नहीं मिल सका है।
पुरानी कॉलोनियों में कुछ केस लंबित : अलीगंज, जानकीपुरम, प्रियदर्शनी कॉलोनी और गोमती नगर में कब्जा न मिल पाने के कुछ प्रकरण लंबित हैं। जिनकी संख्या पांच से 10 के बीच है।
बसंतकुंज में रास्ता हुआ साफ मगर कब्जा अब तक नहीं
बसंतकुंज योजना में करीब सात सौ आवंटियों को करीब 15 साल से कब्जा नहीं मिला है। इनको कब्जा मिलने का रास्ता तो साफ हो गया मगर अभी करीब छह माह का समय उनको बसने में और लगेगा।
वीसी का दावा सबको देंगे भूखंड
नवागत उपाध्यक्ष शिवाकांत द्विवेदी बताते हैं कि जितने भी लोग एलडीए से अब तक अपने भूखंड पर कब्जा नहीं पा सके हैं, उन सभी को प्लाट मिलेंगे। वे इस पर काम कर रहे हैं।