UPSRTC : यूपी में बैटरी के अभाव में ठप हुई 400 से ज्यादा रोडवेज बसें, त्योहार में बढ़ी यात्रियों की मुसीबतें
होली नजदीक आ रही है। बस स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ आना शुरू हो गई। ऐसे में बजाए बसों के बढ़ाए जाने के 658 बस बेड़े में से 53 बसें लंबे समय से खड़ी हैं और उनका संचालन नहीं हो पा रहा है।
लखनऊ, जेएनएन। होली नजदीक आ रही है। बस स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ आना शुरू हो गई। ऐसे में बजाए बसों के बढ़ाए जाने के 658 बस बेड़े में से 53 बसें लंबे समय से खड़ी हैं और उनका संचालन नहीं हो पा रहा है। वजह कार्यशाला में रखरखाव के सामान की अनुपलब्धता होना है। सूबे में सामान के अभाव में खड़ी बसों की यह संख्या 400 से अधिक है। इससे आने वाले त्यौहार के सीजन में यात्रियों के समक्ष दिक्कतें खड़ी होनी तय हैं।तीन पिंक बसें भी कार्यशाला में हैं।
कागजी दांव पेंच में उलझी फाइलों के चलते डिपो में खड़ी कई अन्य बसों का भी लाभ यात्री नहीं ले पा रहे हैं। अधिकारिक सूत्रों की मानें बसों को ठीक होने में वक्त लगेगा। रूट पर चल रही कई गाड़ियां जल्द ही डिपो पहुंचने वाली हैं। ऐसे में बसों के ठीक होने की रफ्तार तेज न हुई तो यात्रियों को इस त्यौहारी सीजन पर खटारा बसें भी बमुश्किल मिल पाएंगी।
सबसे अहम जरूरत बैटरी भी पर्याप्त नहीं
बसों की सबसे अहम जरूरत बैटरी तक पर्याप्त संख्या में डिपो में उपलब्ध नहीं है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ की कार्यशाला में बैटरी के अभाव में अभी 26 बसें खड़ी हैं। बैटरी के अभाव में सूबे के विभिन्न जिलों की कार्यशालाओं की भी यही स्थिति है। स्पेयर पार्ट्स के अभाव में बसें रूट पर नहीं जा पा रही हैं।
यही नहीं सरिंडर की गई बसों की भी संख्या मिला दिया जाए तो संख्या और ज्यादा हो जाएगी। परचेज कमेटी के कागजी खेल में फाइलें मेजों पर लगी हैं।
पिंक बसें भी नहीं आ पाईं रूट पर
खराब और दुर्घटनाग्रस्त पिंक बसें भी अभी गोमतीनगर कार्यशाला से बाहर नहीं निकल पाई हैँ। वह भी तब जब एमडी ने अफसरों तो तत्काल इन बसों को दुरुस्त कर रूट पर लाने की ताकीद की गई थी।
सेवा प्रबंधक सत्य नारायन ने बताया कि बसों के लिए बैटरी मिलना शुरू हो गई है। अभी 26 बसों के पास बैटरी नहीं है। कुछ अन्य स्पेयर पार्टस की वजह से भी बसें डिपो में हैं। जल्द ही उन्हें ठीक करा रूट पर लाया जाएगा।
सीजीएम प्राविधिक जयदीप वर्मा ने बताया कि स्पेयर पार्टस की कमी जल्द ही पूरी कराई जाएगी। सभी क्षेत्रों के सेवा प्रबंधकाें को अतिरिक्त क्रयाधिकार दिया गया है जिससे अति आवश्यक स्पेयर पार्टस को वे निर्धारित तरीके से लेकर बसों को तत्काल दुरुस्त कराएं।