लखनऊ में 100 से अधिक साहूकार सरकारी रिकॉर्ड से गायब, ढूंढ रही सरकार
लखनऊ में 225 लोगों ने साहूकारी लाइसेंस ले रखा है। प्रशासन के सत्यापन में सौ से अधिक साहूकार उन जगहों पर नहीं मिले जो पंजीकरण कराते समय सरकारी अभिलेखों में दर्ज कराए गए थे। अब साहूकारी लाइसेंस नवीनीकरण पर रोक लगा दी है।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी के सौ से अधिक साहूकार सरकारी रिकॉर्ड से गायब हैं। प्रशासन के सत्यापन में सौ से अधिक साहूकार उन जगहों पर नहीं मिले, जो पंजीकरण कराते समय सरकारी अभिलेखों में दर्ज कराए गए थे। सालों से उनका हिसाब-किताब भी नहीं मिला है। प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाते हुए अब साहूकारी लाइसेंस नवीनीकरण पर रोक लगा दी है।
राजधानी में करीब 225 लोगों ने साहूकारी लाइसेंस ले रखा है। यह लोग सरकार द्वारा तय ब्याज दरों पर जरूरतंदों को लोन देते हैं। नियमावली में स्पष्ट है कि जितने भी लोगों को लोन दिया जाएगा उनका नाम-पता और सभी दस्तावेज प्रशासन के सम्मुख पेश करना होगा। प्रत्येक तीन से छह माह का बहीखाता जमा करना होगा।
मगर सौ से अधिक ऐसे लाइसेंसी हैं जिन्होंने पिछले कई सालों से किसी तरह का लेखाजोखा प्रशासन के सामने पेश नहीं किया है। लंबे समय से गायब चल रहे साहूकारों की खोज के लिए प्रशासन ने सभी का सत्यापन कराना शुरू किया तो चौंकाने वाली जानकारियां सामनें आयीं। पता चला कि तमाम लाइसेंसी अपने मूल पते पर निवास ही नहीं कर रहे हैं।
अभिलेखों पर जो पता दर्ज है, वहां पर कोई दूसरा निवास कर रहा है। करीब सौ से अधिक साहूकारी लाइसेंस हैं, जो मूल पतों से नदारद हैं। प्रशासन का कहना है कि इन लोगों ने अपने पते बदल लिए, लेकिन इसकी जानकारी नहीं दी और ना ही कोई पत्राचार किया। लंबे समय से काम करने के बावजूद प्रशासन को कोई लेखाजोखा भी नहीं दिया। प्रशासन ने तय किया है कि अब किसी भी लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं होगा। सभी लाइसेंस धारकों को अपना पूरा लेखा जोखा दिखाना होगा। वरना नियमानुसार कार्रवाई होगी।