यूपी में सड़क हादसों का जिम्मेदार, मोबाइल और ड्रंकन ड्राइविंग; तेज रफ्तार ने ली सबसे ज्यादा जानें
रफ्तार मोबाइल ड्रंकन ड्राइविंग और रांग साइड गाड़ी चलाने पर 2020 में सबसे ज्यादा जान ली है। कोरोना काल के चलते भले ही वर्ष 2019 की तुलना में मौत का आंकड़ा कम हो लेकिन साल 2020 में सबसे ज्यादा मौंतें इन्हीं तीन कारणों की वजह से हुई हैं।
लखनऊ, [नीरज मिश्रा]। रफ्तार, मोबाइल, ड्रंकन ड्राइविंग और रांग साइड गाड़ी चलाने पर 2020 में सबसे ज्यादा जान ली है। कोरोना काल के चलते भले ही वर्ष 2019 की तुलना में मौत का आंकड़ा कम हो लेकिन साल 2020 में सबसे ज्यादा मौंतें इन्हीं तीन कारणों की वजह से हुई हैं। साल 2020 में 34,243 हादसे हुए इनमें 19,149 लोग असमय काल के गाल में समां गए। सड़क दुर्घटनाओं में ओवरस्पीडिंग, मोबाइल फोन, ड्रंकन ड्राइविंग और रांग साइड से निकलने के दौरान करीब 66.2 फीसद लोगों की जान गई है। वाहनों की ओवरस्पीडिंग में करीब 37.6 फीसद, गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल फोन से बात करने पर 9.4 प्रतिशत, ड्रंकन ड्राइविंग में 7.0 और गलत साइड से वाहन चलाने पर 12.4 फीसद लोगों की जान गई है।
प्रदेश में हादसों और मौतों के तुलनात्मक आंकड़े
वर्ष 2020 में हुई दुर्घटनाएं मौत
- ओवर स्पीडिंग 12,875 7,356
- ड्रंकन ड्राइविंग 2,410 1,256
- रॉग साइड 4,253 2,270
- मोबाइल फोन 3,232 1,758
- जंपिंग रेड लाइट 761 330
- अन्य 10,712 6,179
वर्ष 2019 में हुई दुर्घटनाएं मौत
- ओवरस्पीडिंग 15,934 8,398
- ड्रंकन ड्राइविंग 4,496 2,224
- रॉग साइड 4,988 2,517
- मोबाइल फोन 4,882 2,699
- जंपिंग रेड लाइट 874 297
- अन्य कारण 11,398 6,520
वाहन चलाते वक्त मोबाइल से बात करना पड़ा भारी, 1,758 लोग काल कवलितः गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल फोन से बात करने चालकों को भारी पड़ा। इस लापरवाही से 3,232 दुर्घटनाओं में 1,758 लोगों की असमय मौत हुई। करीब 9.4 प्रतिशत आंकड़ा इसी लापरवाही पर आधारित रहा।
हादसों के जो प्रमुख कारण बीते वर्ष सामने आए हैं उनमें ओवरस्पीडिंग, ड्रंकन ड्राइविंग, मोबाइल से बात करते हुए गाड़ी चलाना और रांग साइड वाहन निकालना प्रमुख है। आंकड़ें इसकी गवाही दे रहे हैं। वाहन चलाते वक्त सभी को इन कारणों के प्रति सतर्क रहना होगा। मोबाइल से बात करते वक्त गाड़ी कतई न चलाएं और वाहन चलाते वक्त नशे का सेवन न करें तो काफी हद तक हादसों में कमी लाई जा सकती है। -धीरज साहू, परिवहन आयुक्त