आय से अधिक संपत्ति मामले में CBI और एलडीए में गुम हाईप्रोफाइल केस की फाइल
भूखंड के मूल आवंटी भाइयों ने फ्री होल्ड करने के लिए आवेदन किया तो खुला प्रकरण शिकायत पर कराई जा रही मामले की जांच।
लखनऊ [ऋषि मिश्र]। पूर्व मुख्य सचिव अखंड प्रताप सिंह की आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच से जुड़ी गोमती नगर के एक प्लॉट की फाइल एलडीए और सीबीआइ के बीच गायब हो गई है। मामला तब खुला जब इस प्लॉट के आवंटी दो भाइयों ने फ्री होल्ड के लिए आवेदन किया।
गोमती नगर में विश्वासखंड में भूखंड संख्या बीएच 2-103 राजेश कुमार सिंह और राकेश कुमार सिंह के नाम आवंटित है। जिन्होंने अपने भूखंड की रजिस्ट्री होने के बाद अब फ्री होल्ड के लिए आवेदन किया है। इसके बाद फाइल ढूंढी गई तो पता चला कि साल 2007 में सीबीआइ ने ये फाइल एलडीए से अखंड प्रताप सिंह की जांच के लिए मांगी थी। इसके साथ में दो अन्य भूखंड की फाइल भी मांगी गई थी। एलडीए 26 जुलाई 2007 को इन फाइलों को सीबीआइ के तत्कालीन इंस्पेक्टर सुल्तान सिंह को सौंपने की बात कही है। दूसरी ओर, आवंटियों की गुहार पर सीबीआइ ने ऐसी कोई फाइल अपने पास होने से इन्कार किया है। एलडीए ने इस संबंध में एसपी सीबीआइ को पत्र लिखा है। 1983 में एलडीए के वीसी और बाद में मुख्य सचिव रहे अखंड प्रताप सिंह अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनका नाम आइएएस एसोसिएशन की भ्रष्ट अधिकारियों की सूची में था। आय से अधिक संपत्ति के मामले में वह जेल जा चुके हैं। मुख्य सचिव रहे सिंह बीज घोटाले में भी आरोपी थे। उनकी आय से अधिक संपत्ति की सीबीआइ जांच चल रही है। अखंड प्रताप सिंह जब एलडीए के वीसी थे तभी गोमती नगर योजना की शुरुआत की गई थी। जिस प्लाट की फाइल गायब है, वह विश्वासखंड में है। विश्वासखंड सबसे पहले विकसित किया गया था।
सीबीआइ ने मांगे फाइल देने के साक्ष्य
पुलिस अधीक्षक सीबीआइ किरन एस की ओर से एलडीए को पत्र भेजा गया है। इसमें किरन एस. ने कहा है कह अगर ऐसी कोई फाइल दी गईं हैं तो रिसीविंग मेमो और सीजर मेमो उपलब्ध करवाया जाए, जिससे कि पता चल सके कि फाइलें कहां हैं।
क्या कहते हैं अफसर ?
लविप्रा उपाध्यक्ष शिवाकांत द्विवेदी के मुताबिक,एलडीए सही कह रहा है। इस प्रकरण में जिस भूखंड की बात की जा रही है, उसकी फाइल सीबीआइ के ही पास है।