सेवायोजन विभाग की निश्शुल्क कोचिंग का हाल, रजिस्टर में छात्र और हवा में हो रही पढ़ाई
लखनऊ के लालबाग के क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में स्थापित कोचिंग का हाल। केवल रजिस्टर पर चल रहा कोचिंग सेंटर।
लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के जो विद्यार्थी आर्थिक तंगी की वजह से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी नहीं कर पाते, उन्हें सेवायोजन विभाग निश्शुल्क कोचिंग कराता है। लालबाग के क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय की ओर से भी कोचिंग का संचालन होता है। इस कोचिंग में वर्तमान में 60 प्रतियोगी छात्र पंजीकृत हैं और पढ़ाने के लिए तीन अनुदेशक तैनात हैं। सुबह 10 से शाम चार बजे तक कोचिंग का संचालन होता है। पर, बुधवार को कोचिंग में मात्र दो ही प्रतियोगी मिले। जबकि तीनों शिक्षक गायब रहे।
दोपहर करीब 2:50 बजे कोचिंग में एक छात्र और छात्र मौजूद थी। पुस्तकालय में कोई नहीं था। जबकि यहां एक कर्मचारी की तैनाती है। भाषा का ज्ञान कराने को विनोद वर्मा तो सचिवालयीय पद्धति पढ़ाने के लिए सूरज प्रकाश तैनात हैं। पर, वे गायब रहे। अशोक यादव शॉर्ट हैंड और टाइप सिखाने के लिए तैनात थे, अब निलंबित चल रहे हैं। उनके स्थान पर कुसुम वर्मा को चार्ज दिया गया है। कुसुम कक्ष के बाहर मिलीं। उन्होंने तुरंत आने की बात कही। बाकी के बारे में वह कुछ नहीं बोलीं। अधिकारियों से पूछा गया तो पता चला कि अक्सर ऐसा ही रहता है।
मिलता है 200 रुपये महीना वजीफा
आर्थिक रूप से कमजोर इंटर पास 18 से 35 वर्ष तक के युवाओं का लोवर डिविजनल क्लर्क के पदों पर तैनाती के लिए प्रवेश होता है। 60 सीटों में 35 अनुसूचित जाति और शेष पिछड़े वर्ग के होते हैं। एक अप्रैल से 25 मार्च तक इन्हें पढ़ाया जाता है। समाज कल्याण विभाग अनुसूचित जाति के छात्रों को 200 रुपये महीना वजीफा भी देता है। एक छात्र को एक बार में 200 रुपये स्टेशनरी खरीदने के लिए अलग से दिए जाते हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय लालबाग की सहायक निदेशक सुधा पांडेय छात्रों की उपस्थित भले कम थी, पर अनुदेशकों को रहना चाहिए था। यदि कोचिंग के समय वे गायब थे, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।