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अमीर-गरीब के बीच मध्यम वर्ग गुम, 15 अगस्त को 1100 फ्लैट की योजना लाच करेगा एलडीए

आवासों का पंजीकरण शुरू किए जाने से मध्यम वर्ग के लोगों की आवासीय जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Jul 2018 05:00 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 05:24 PM (IST)
अमीर-गरीब के बीच मध्यम वर्ग गुम, 15 अगस्त को 1100 फ्लैट की योजना लाच करेगा एलडीए
अमीर-गरीब के बीच मध्यम वर्ग गुम, 15 अगस्त को 1100 फ्लैट की योजना लाच करेगा एलडीए

लखनऊ[ऋषि मिश्र]। एलडीए की योजनाओं में दुर्बल आय वर्ग है या फिर उच्च आय वर्ग. बीच का मध्यम आय वर्ग नजर नहीं आ रहा है। इनमें 4.50 लाख रुपये के प्रधानमंत्री आवास हैं या फिर 35 से 80 लाख रुपये तक के महंगे फ्लैट। 15 से 25 लाख रुपये कीमत के जिन आशियाने की सबसे अधिक माग है, वे नदारद हैं। पिछले करीब एक साल से इस कीमत के बीच में बहुत कम संख्या में आवासों का पंजीकरण शुरू किए जाने से मध्यम वर्ग के लोगों की आवासीय जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं। एलडीए 15 अगस्त को 1100 फ्लैट की योजना लाच करेगा। फ्लैटों की कीमत 28 लाख रुपये से कम नहीं होगी। आवास बंधु की ओर से कराई गई रिसर्च में ये बात सामने आई थी कि राजधानी में सबसे अधिक माग 15 से 25 लाख रुपये के बीच के आवासों की है। जिनका क्षेत्रफल 500 से 750 वर्ग फीट के बीच हो। एक साल में ऐसे करीब 30 हजार भवनों की जरूरत है। इस क्षेत्रफल और कीमत में प्राधिकरण और आवास विकास परिषद ने एक साल में कोई योजना नहीं निकाली है। अलीगंज में सृजन अपार्टमेंट योजना में 500 वर्ग फीट का फ्लैट है, जिसकी कीमत 30 लाख रुपये है। इसे बहुत महंगा माना जा रहा है। इसके अलावा सभी फ्लैट इससे महंगे ही हैं। दाम कम हुए तब भी नहीं पहुंचे रेंज में:

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एलडीए ने कानपुर रोड के अपने फ्लैटों के दाम पाच से 16 फीसद तक कम किए हैं। इसके बावजूद ये फ्लैट जरूरतमंदों की रेंज में नहीं हैं। इनके दाम 30 लाख से नीचे नहीं आए हैं।

रजिस्ट्री तक पाच फीसद बढ़ जाता है मूल्य:

एक तो दाम बहुत अधिक उस पर जब तक रजिस्ट्री का समय आता है, तब तक एलडीए और परिषद के फ्लैटों के दाम पाच फीसद तक विभिन्न मदों में बढ़ा दिए जाते हैं। उसके बाद में आवंटी पर करीब आठ फीसद तक रजिस्ट्री का भी खर्च बढ़ता है।

अटल जी का था ड्रीम प्रोजेक्ट:

आश्रयहीन योजना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई का ड्रीम प्रोजेक्ट था। इसके तहत लोगों को नाममात्र की किस्त पर एक कमरे का मकान एलडीए ने आवंटित किया था। बसंतकुंज कॉलोनी में ऐसे 1000 भवन बनाए गए थे। इनमें से 300 पर अवैध कब्जे हो गए। ऐसे ही आवंटियों को राहत देने के लिए हाईकोर्ट ने एलडीए को आदेशित किया था। क्या कहना है लविप्र उपाध्यक्ष का?

लविप्र उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह का कहना है कि मध्यम वर्ग के लिए भी आवासीय सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है। नई योजनाओं में उनके लिए मध्यम कीमतों के आवास होंगे।


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