मेट्रोमैन का का प्रस्ताव लखनऊ में बिछे मेट्रो का जाल
राजधानी लखनऊ का विस्तार जिस गति से हो रहा है, उसके मुताबिक डेढ़ सौ किलोमीटर तक मेट्रो रूट का जाल बिछ जाना चाहिए। मेट्रो वर्तमान में परिवहन का बेहतर विकल्प है।
लखनऊ। राजधानी लखनऊ का विस्तार जिस गति से हो रहा है, उसके मुताबिक डेढ़ सौ किलोमीटर तक मेट्रो रूट का जाल बिछ जाना चाहिए। मेट्रो वर्तमान में परिवहन का बेहतर विकल्प है। इसकी शुरुआत लखनऊ में थोड़ा विलंब से हुई है। फिर भी तीन चरण में सौ किलोमीटर तक मेट्रो रूट बिछाने की योजना है। यह तमाम बातें एलएमआरसी के प्रधान सलाहकार व मेट्रोमैन ई. श्रीधरन ने कही।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो काम लखनऊ में हो रहा है उसकी गति संतोषजनक है। दिसंबर 2016 तक मेट्रो का ट्रॉयल ट्रांसपोर्टनगर से चारबाग स्टेशन के बीच शुरू हो जाएगा। श्रीधरन ने कहा कि 23 किलोमीटर के लिए पब्लिक इंवेस्टमेंट बोर्ड का क्लीयरेंस मिल चुका है। जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही केंद्र से लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। एलएमआरसी में बोर्ड निदेशकों की संख्या बढ़कर दस हो जाएगी। वर्तमान में पांच निदेशक राज्य सरकार की ओर से हैं, बाकी के केंद्र के अलग-अलग मंत्रालयों से नियुक्त होंगे। चेयरमैन शहरी विकास मंत्रालय का सचिव होगा। कुल मिलाकर अब मेट्रो के बड़े निर्णय यह ज्वाइंट वेंचर ही लेगा। ई.श्रीधरन ने प्रबंध निदेशक कुमार केशव को निर्देशित किया है कि बोर्ड में महिला निदेशक भी होनी चाहिए, जिससे महिला यात्रियों से जुड़े मुद्दों का भी पूरा ध्यान रखा जा सके। इससे पूर्व ई. श्रीधरन ने कास्टिंग यार्ड, डिपो व ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग मेट्रो स्टेशन के बीच चल रहे कार्य का जायजा लिया।
विदेशी बैंक को देना होगा 1.1 फीसद ब्याज
पीआइबी क्लीयरेंस मिलने के बाद यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक एलएमआरसी को 3502 करोड़ रुपये का लोन देगा। यह लोन कई चरणों में दिया जाएगा। इस लोन पर एलएमआरसी को सिर्फ 1.1 फीसद ब्याज देना होगा।