सैनिटाइजर न मिला तो नहीं खुल सके बसपा काल के महापुरुषों के स्मारक
कोरोना काल में सब कुछ खुल गया लेकिन बसपा काल के स्मारकों में नहीं मिल रहा प्रवेश। लखनऊ में पांच और नोएडा में एक स्मारक हैं। पिछले माह अनलॉक में सभी स्मारकों को खोलने का आदेश हुआ था। बावजूद इसके दलित महापुरुषों के स्मारक नहीं खुल रहे हैं।
लखनऊ [ऋषि मिश्र]। कोरोना काल में सब कुछ खुल गया, लेकिन राजधानी और नोएडा स्थित दलित महापुरुषों का कोई भी स्मारक दर्शकों के लिए नहीं खुल सका है। स्मारकों में केवल अफसर और कर्मचारी ही आएंगे। कोविड प्रोटोकाल को देखते हुए सैनिटाइजर की आवश्यकता है, मगर इनकी खरीद की अनुमति अफसरों ने नहीं दी। इसमें विलंब हुआ, इसलिए कोई भी स्मारक अब तक नहीं खोला गया है।
लखनऊ में पांच और नोएडा में एक स्मारक हैं। ये वे स्मारक हैं जहां टिकट लगता है, बाकी कुछ पार्क हैं जहां टिकट नहीं लगता है, वे खुले हुए हैं। पिछले माह अनलॉक में सभी स्मारकों को खोलने का आदेश हुआ था। बावजूद इसके दलित महापुरुषों के स्मारक नहीं खुल रहे हैं। स्मारक संरक्षण समिति के एक अधिकारी ने बताया कि एलडीए के निवर्तमान उपाध्यक्ष शिवाकांत द्विवेदी के समय में जब स्मारक खोलने के लिए फाइल पर अनुमति मांगी गई तो उन्होंने पहले पूरी गाइडलाइन बनाने को कहा।
गाइडलाइन में सभी दर्शकों के लिए सैनिटाइजर खरीदे जाने के लिए पत्रावली रखी गई। इसमें कुछ लाख रुपये का खर्च था। सैनिटाइजर की खरीद की फाइल फंसी रही और स्मारक नहीं खुल सके। इसके बाद एक बार फिर से वर्तमान सचिव पवन कुमार गंगवार के सामने फाइल पेश की गई। उन्होंने राज्य सरकार के जेम पोर्टल के जरिये सैनिटाइजर खरीदने की इजाजत दे दी है। सैनिटाइजर की खरीद होने के बाद ही स्मारकों को खोला जा सकेगा।
लखनऊ के वे दलित महापुरुषों के स्मारक, जहां लगता है टिकट
- डॉ.भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल गोमती नगर
- डॉ.भीमराव अंबेडकर गोमती म्यूजिकल फाउंटेन उद्यान
- मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल, पुरानी जेल रोड
- मान्यवर कांशीराम ग्रीन ईको गार्डेन, पुरानी जेल रोड
- बौद्ध विहार शांति उपवन, कानपुर रोड
- दलित चेतना स्थल, नोएडा