Move to Jagran APP

केजीएमयू में पीजीआइ की दर पर मिलेंगी दवाएं

- सोसाइटी की दुकानें होंगी खत्म, एचआरएफ सिस्टम होगा लागू - पहले ट्रॉमा सेंटर में खुले

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Dec 2017 06:47 PM (IST)Updated: Thu, 14 Dec 2017 06:47 PM (IST)
केजीएमयू में पीजीआइ की दर पर मिलेंगी दवाएं
केजीएमयू में पीजीआइ की दर पर मिलेंगी दवाएं

- सोसाइटी की दुकानें होंगी खत्म, एचआरएफ सिस्टम होगा लागू

loksabha election banner

- पहले ट्रॉमा सेंटर में खुलेगा स्टोर, आइसीयू की दवाएं 45 फीसद सस्ती

जागरण संवाददाता, लखनऊ : केजीएमयू अब पीजीआइ की तर्ज पर फार्मेसी सेवा शुरू करेगा। इसके लिए सोसाइटी की दुकानें बंद कर एचआरएफ सिस्टम से स्टोर खुलेंगे। सबसे पहले ट्रॉमा सेंटर में आइसीयू के मरीजों को महंगी दवाओं से निजात दिलाई जाएगी।

केजीएमयू शीघ्र ही हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) सिस्टम लागू कर रहा है। इसके लिए पीजीआइ व लोहिया संस्थान के सिस्टम का अध्ययन किया गया है। बुधवार को कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट के निर्देश पर एचआरएफ की बैठक हुई। एचआरएफ के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार सिंह, सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विजय कुमार ने पीजीआइ की दर पर मरीजों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने का फैसला किया है। पहला स्टोर ट्रॉमा सेंटर के चतुर्थ तल पर खुलेगा। इसमें पल्मानेरी आइसीयू, ट्रॉमा वेंटीलेटर यूनिट, क्रिटिकल केयर आइसीयू, एनआइसीयू व पीआइसीयू की दवाएं मिलेंगी।

आइसीयू की होंगी 400 दवाएं

डॉ. अजय सिंह ने बताया कि ट्रॉमा के चतुर्थ तल पर जनवरी के प्रथम सप्ताह में एचआरएफ का स्टोर खुल जाएगा। इस पर क्रिटिकल केयर की 400 के करीब दवाएं व सर्जिकल आइटम मिलेंगी।

विभागों में होंगी 21 दुकानें, 4500 दवाएं

एफआरएफ के तहत आइसीयू का स्टोर खोलने के बाद पूरे ट्रॉमा सेंटर में सप्लाई के लिए एक भूतल पर दवा की दुकान खुलेगी। वहीं इसके बाद लिंब सेंटर में हड्डी, गठिया व पीएमआर की दवा, इंप्लांट्स मिलेंगे। इसके अलावा विभिन्न विभागों में करीब 21 दुकानें खुलेंगी। डॉ. अजय के मुताबिक पीजीआइ की रेट कॉन्ट्रेक्ट सूची में करीब 4500 दवाएं हैं, यह सभी मिलेंगी।

एक करोड़ मिले, एकाउंट भी खुला

डॉ. अजय के मुताबिक विश्वविद्यालय प्रशासन ने एचआरएफ सिस्टम विकसित करने के लिए एक करोड़ का फंड जारी कर दिया है। वहीं इसका एकाउंट भी खोल दिया गया।

आएगी पारदर्शिता

केजीएमयू में वर्ष 2003-04 से सोसाइटी के तहत दवा दुकानें संचालित हैं। इनका ऑडिट सही न होने पर राजस्व को चूना लगता था। ऐसे में एचआरएफ सिस्टम लागू होने से पारदर्शिता आएगी।

एनआइसी से मिली अनुमति

एचआरएफ सिस्टम का कार्य एनआइसी पर होगा। इसके लिए सॉफ्टवेयर भी अपग्रेड हो गया है। कंप्यूटर आदि की खरीदारी हो गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.