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लोहिया में कर्मचारी भर्ती विज्ञापन में हुआ बदलाव, चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने मांगा ब्योरा

लोहिया इंस्टीट्यूट के ओएसडी ने कहा कि 456 पदों पर ठप भर्ती प्रक्रिया में अचानक एक पद हटा अफसरों से मांगे गए दस्तावेज।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 07:47 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 07:52 AM (IST)
लोहिया में कर्मचारी भर्ती विज्ञापन में हुआ बदलाव, चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने मांगा ब्योरा
लोहिया में कर्मचारी भर्ती विज्ञापन में हुआ बदलाव, चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने मांगा ब्योरा

लखनऊ, जेएनएन। लोहिया आयुर्विज्ञान  संस्थान में तीन वर्ष से कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया ठप थी। सैकड़ों पदों पर होने वाली भर्ती में सिर्फ एक पद के विज्ञापन का संशोधन जारी कर दिया गया। आरोप है कि अफसरों ने चेहते इकलौती कर्मी को प्रमोशन देने के लिए सीधी भर्ती का पद भरने के लिए बदलाव किया है। ऐसे में चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने संबंधित प्रकरण पर ब्याेरा तलब किया है। मंत्री के ओएसडी अनिल बाजपेयी ने यह दावा किया है।

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दरअसल, लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में वर्ष 2016 में गैर शैक्षणिक संवर्ग के 456 पद मंजूर किए गए। इसका वर्ष 2017 में विज्ञापन निकला। एक लाख से अधिक युवाओं ने तय शुल्क अदा कर आवेदन किया। भाजपा सरकार आते ही भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। अभ्यर्थियों का करोड़ों का आवेदन शुल्क अभी डंप है। इन पदों पर जल्द ही दोबारा आवेदन मांगे जा सकते हैं। तीन वर्ष से ठप प्रक्रिया पर बुधवार को लोहिया संस्थान की निदेशक द्वारा एक संशोधन विज्ञापन निकाला गया। इसमें वर्ष 2017 की प्र क्रिया में शामिल सिर्फ एक पद मेडिकल रिकॉर्ड ऑफीसर (सेंट्रल रिकॉर्ड सेक्शन) को प्रशासनिक कारणों का हवाला देकर विज्ञापित पदों से कम कर दिया गया। ऐसे में आरटीआइ कार्यकर्ता मनीष मिश्रा ने मुख्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा महानिदेश को शिकायत की थी। इसमें सिर्फ एक पद काे कम करने पर सवाल खड़े किए। शिकायतकर्ता के मुताबिक इस पद पर भर्ती के लिए पूर्व में विज्ञापन निकाला चुका है। लिहाजा, तमाम बेरोजगार युवा शुल्क जमा कर आवेदन कर चुके हैं। ऐसे में उनको दरिकनार कर एक चहेते कर्मी के प्रमोशन के लिए पद हटाने का आरोप है। यदि कर्मी संबंधित पद की योग्यता रखता है तो वह भी भर्ती प्रक्रिया से दावेदारी करे। ऐसे में लोहिया संस्थान में तैनात चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना के ओएसडी अनिल बाजपेयी ने कहा कि मामला मंत्री के संज्ञान में आया है। सिर्फ एक ही पद को लेकर विज्ञापन क्यूं बदला गया।

ऐसी क्या इमरजेंसी थी। सभी पदों पर भर्ती संबंधी फैसला अभी होना बाकी है। ऐसे में पूरे प्रकरण पर संस्थान प्रशासन से जवाब मांगा गया है। वहीं कार्यवाहक निदेशक डॉ. नुजहत हुसैन ने गुरुवार को कहा कि सीएमएस व लीगल सेल की सिफारिश पर संशोधित विज्ञापन निकाला गया। सीएमएस डॉ. राजन भटनागर ने कहा कि नियम के अनुसार कर्मचारी के प्रमोशन के लिए विज्ञापन में बदलाव किया गया है।


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