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माय सिटी माय प्राइड फोरम: साथ बढ़ेंगे कदम तो लखनऊ होगा नंबर वन

डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि शहर अच्छा और जन सुविधाएं बढ़िया होनी चाहिए। सरकार के कामों को जनता का सहयोग मिले तो ही यह संभव है।

By Nandlal SharmaEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 06:00 AM (IST)
माय सिटी माय प्राइड फोरम: साथ बढ़ेंगे कदम तो लखनऊ होगा नंबर वन

जागरण संवाददाता, लखनऊ: स्वास्थ्य, शिक्षा, अर्थव्यवस्था, अधोसंरचना और सुरक्षा... विकास के पांच मूल आधार हैं। किसी भी शहर की उन्नति इन्हीं बिंदुओं पर टिकी है। सरकार के काम के साथ जनता के प्रयास भी जुड़ें तो ही तरक्की संभव है। इसी दिशा में दैनिक जागरण के 'माय सिटी माय प्राइड' अभियान के तहत सोमवार को जनता और जनप्रतिनिधि एक मंच पर आए। जागरूकता, सहभागिता और प्रगति से शहर को अव्वल बनाने पर मंथन हुआ।

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शहर को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए 11 लक्ष्य तय किए गए। आम जन के प्रयासों को शासन-प्रशासन और सरकार के सहयोग का आश्वासन भी मिला। उप मुख्यमंत्री, विधि मंत्री, महापौर और शहर के प्रमुख लोगों की उपस्थिति में 'साथ बढ़ेंगे कदम तो लखनऊ होगा नंबर वन' का आह्वान किया गया। सप्रू मार्ग स्थित होटल इंडिया अवध में कार्यक्रम हुआ।

 

डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि शहर अच्छा और जन सुविधाएं बढ़िया होनी चाहिए। सरकार के कामों को जनता का सहयोग मिले तो ही यह संभव है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत सुधार के तमाम बिंदुओं को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि शहर के विकास के लिए एक्शन प्लान बनाएंगे। फोरम से मिले सुझावों को शामिल करके काम करेंगे।

विधि मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सब एकजुट होकर काम करें तो लखनऊ जरूर नंबर एक पर होगा। मिल बैठकर समस्याओं का समाधान तलाशेंगे। महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि फोरम से उठी समस्याओं के समाधान के हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

शहर अभी नंबर दो पर: माय सिटी माय प्राइड अभियान देश के प्रमुख शहरों को बेहतर बनाने की दिशा में जागरण समूह का एक प्रयास है। सिटी लिवेबिलिटी सर्वे रिपोर्ट 2018 के अनुसार हिंदी भाषी दस शहरों में रहने के लिए इंदौर पहला और लखनऊ दूसरा सबसे बेहतर शहर है।

समस्या और समाधान
1- स्वच्छ लखनऊ, स्वस्थ लखनऊ
समस्या- स्वच्छ शहर सबकी प्राथमिकता में है। इसके लिए आलमबाग, भूतनाथ और यहियागंज और अन्य बाजारों में सफाई अभियान चलाया जाए।
समाधान- लखनऊ व्यापार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्र व्यापारियों के साथ मिलकर आलमबाग, भूतनाथ और यहियागंज बाजारों में अगले माह सफाई अभियान चलाएंगे और इन बाजारों में 2000 डस्टबिन लगाए जाएंगे। साथ ही सीसीटीवी लगवाने के लिए व्यापारी साथियों को जागरूक करेंगे।

2- पर्यावरण की रक्षा के लिए संवारेंगे पार्क
समस्या- पार्क शहर की जान होते हैं। इसलिए इनको लगातार संवारने की जरूरत है। साथ ही लोगों की समस्याओं के निस्तारण के लिए केंद्र खोले जाने की जरूरत है।
समाधान- लखनऊ जन विकास महासभा के संयोजक पंकज तिवारी अपने संगठन के माध्यम से जानकीपुरम में पांच पार्कों क्रमश: सेक्टर-छह में पार्क संख्या नौ और 11, सेक्टर- पांच में सद्भावना पार्क, सेक्टर-आठ में पानी की टंकी वाला पार्क और सेक्टर-दो में भिठौली रेलवे क्रासिंग के पास वाले पार्क का अगले छह महीने में सौंदर्यीकरण कराएंगे। जन समस्याओं के निस्तारण के लिए सेवा सहयोग केंद्र के जरिए लोगों की समस्याओं को सुलझाएंगे।

3. ब्लड बैंक से बचेगी जान
समस्या- ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में भारी कमी होती है। लोगों को जरूरत के समय ब्लड नहीं मिल पाता है। साथ ही समय-समय पर स्वास्थ कैंप लगाने की जरूरत है।
समाधान- धनवंतरि सेवा संस्थान ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लड की कमी से मौतें न हों, इसके लिए ब्लड बैंकों से समन्वय का काम करेगा। ब्लड डोनेशन कैंप लगाएगा। संस्थान के सचिव डॉ. नीरज मिश्र के अनुसार आने वाले छह महीने में पीजीआई, भाऊराव देवरस चिकित्सालय और एक अन्य चिकित्सालय को चयनित कर वहां सहायता केंद्र शुरू करेंगे। केंद्र में तैनात स्वयंसेवक ओपीडी में आने वाले मरीजों को व्हील चेयर, स्ट्रेचर उपलब्ध कराएंगे। साथ ही राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल टूड़ियागंज में एक रैन बसेरा शुरू करेंगे।

4. गरीबों के लिए भोजन की बेहतरीन व्यवस्था
समस्या- बलरामपुर अस्पताल में मरीजों के तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्हें भोजन और स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पाता है। साथ ही गरीब राहगीरों को भी भोजन और साफ पानी नहीं मिल पाता है।
समाधान- प्रसादम सेवा के विशाल सिंह मरीजों के तीमारदारों के लिए इसी माह भोजन और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था करेंगे। यह पहल गरीब राहगीरों के लिए भी होगी। वे प्रमुख चौराहों पर भोजन की व्यवस्था करेंगे। इसके अलावा प्रशासन से जगह मांगकर दो चौराहों पर शीतल स्वच्छ पेयजल की निशुल्क सेवा का भी शुभारंभ करेंगे।

5. निखरेगा बचपन
समस्या- शहर के सरकारी स्कूलों में सुविधाओं की कमी होती है। इनको दूर करने की जरूरत है। अगर संस्थाएं स्कूलों में मदद करें तो काफी अच्छा होगा।
समाधान - इनर व्हील क्लब की उत्तरा भार्गव ने बताया कि उनकी संस्था दो स्कूलों को हैप्पी स्कूल योजना के तहत गोद लेगी। इन स्कूल में सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा ताकि बच्चों को पढ़ने में कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इसके अलावा विकासनगर में ई-लर्निंग सेंटर खोला गया है, जहां शिक्षकों को अध्यापन का प्रशिक्षण देने के साथ ही अधेड़ लोगों को शिक्षित भी किया जाता है। गांवों में भी ऐसे सेंटर खोले जाने चाहिए। हम इसमें संबंधित विभाग की मदद करेंगे।

6. निराश्रितों के लिए आसरा
समस्या- बुजुर्ग हमारे समाज की प्रेरणा होते हैं। निराश्रित बुजुर्गों के लिए वृद्धाश्रम की जरूरत है। ताकि वे अपना आखिरी समय आराम से गुजार सकें।
समाधान- गोमती नगर जनकल्याण महासमिति जल्द ही गोमतीनगर में बुजुर्गों के लिए वृद्धाश्रम बनवाएगी। संस्था के सचिव रूप कुमार शर्मा ने बताया कि इसमें निराश्रितों के रहने का भी इंतजाम किया जाएगा।

7. बच्चों के लिए वर्कशॉप
समस्या- बच्चों के खिलाफ अपराधों में इजाफा हो रहा है। उन्हें सही मार्गदर्शन की जरूरत है, ताकि वे हो रहे किसी अपराध को अपने माता-पिता के साथ शेयर कर सकें। इसके लिए उन्हें जागरूक किया जाना चाहिए।
समाधान- होप इनीशिएटिव संस्था 100 स्कूलों में बच्चों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएगी। संस्था के प्रोग्राम हेड राजेश ओझा के अनुसार हमने पहले चरण में लखनऊ पब्लिक स्कूल साउथ सिटी, लखनऊ पब्लिक स्कूल आनंदनगर, एपीएस एकेडमी, एएस इंटर कॉलेज, सिटी मोंटेसरी स्कूल राजेंद्र नगर शाखा, सिटी कान्वेंट स्कूल, नवयुग कन्या विद्यालय इंटर कॉलेज, बालिका विद्यालय इंटर कॉलेज, न्यू वे पब्लिक स्कूल, खुर्रमनगर गल्र्स इंटर कॉलेज, टाउन हाल इंटर कॉलेज चौक, ब्लू बेल्स पब्लिक स्कूल, सेवेंथ डे मिशनरी स्कूल और मानक नगर रेलवे इंटर कॉलेज को जागरूकता अभियान के लिए चुना है।

8. महिलाओं और बच्चों पर जोर
समस्या- मलिन बस्तियों में बच्चों की शिक्षा की जरूरत है। साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर करना भी जरूरी है।
समाधान: इस काम में सिटीजन फाउंडेशन की शालिनी सिंह मदद करेंगी। वे इस वर्ष 750 महिलाओं को स्वावलंबी बनाएंगी और साथ ही मलिन बस्तियों के बच्चों को शिक्षित करेंगी। इसके अलावा औरंगाबाद, बीमा हॉस्पिटल के पास, ट्रांसपोर्ट नगर की मलिन बस्तियों में रहने वाले परिवारों के दस बच्चों को फ्री शिक्षा उपलब्ध कराएंगी।

9. नारी सशक्तिकरण से खुलेंगी नई राहें
समस्या- घर पर रहने वाली गरीब महिलाएं अपने परिवार की आय को बढ़ाने की इच्छुक होती हैं, लेकिन उन्हें इसका जरिया नहीं मिल पाता। अगर उन्हें सही ट्रेनिंग मिले तो वो भी घर बैठे ही पैसा कमा सकती हैं।
समाधान- अंश वेलफेयर फाउंडेशन की श्रद्धा सक्सेना महिलाओं को हैंडीक्राफ्ट की ट्रेनिंग देंगी, ताकि वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। साथ ही वे जेल में महिलाओं को दस सिलाई मशीन भी देंगी। वह महिलाओं को हैंडीक्राफ्ट की ट्रेनिंग भी देती हैं। साथ ही लोगों से पुराने कपड़े लेकर उसके थैले बनाती हैं। इन थैलों को निशुल्क ड्राइवरों और अन्य लोगों को बांट देती हैं। ताकि इधर-उधर कचरा फेंकने की बजाए वह उसमें रखें। बेरोजगार महिलाएं इसका इनसे प्रशिक्षण हासिल कर सकती हैं।

10. ट्रेनिंग से संवरेगा युवाओं का भविष्य
समस्या- आज युवाओं को क्वालिटी एजुकेशन और ट्रेनिंग की जरूरत है। अच्छी शिक्षा और प्रशिक्षण से वे बेहतर जॉब पा सकते हैं। बेरोजगार युवकों को विशेष गाइडेंस मिलना चाहिए।
समाधान- एचसीएल के लखनऊ सेंटर हेड ऋषि कुमार का कहना है कि बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबी बनाया जाएगा। साथ ही 300 गरीब महिलाओं को तीन महीने का निशुल्क प्रशिक्षण देंगे। रोजगार में सहायक किट देंगे। एक साल तक उनका मार्गदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा एक वर्ष में शहर में 50 टॉयलेट का निर्माण करेंगे।

11. छात्राओं का खास ख्याल
समस्या- बालिका स्कूलों में सेनेटरी नैपकीन उपलब्ध कराने की जरूरत है। शहर में जगह-जगह शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो जाए तो अच्छा होगा।
समाधान- बालिका स्कूलों में सैनेटरी नैपकीन का एटीएम लगेगा, जहां उपयोग की हुई नैपकीन को नष्ट करने की भी व्यवस्था होगी। साथ ही जगह-जगह शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वॉटर एटीएम लगाए जाएंगे। इन कामों में शहर की मेयर संयुक्ता भाटिया मदद करेंगी। इसके अलावा मौसम साïफ होते ही शहर की सड़कों को गड्ढा मुक्त किया जाएगा।

सवाल-जवाब

- डॉ. दिनेश शर्मा, उप मुख्यमंत्री से सवाल :
सवालः वैश्विक तपन को घटाने के लिए क्या प्रयास किया जा सकता है? क्या कम समय में प्रदूषण रहित तकनीक विकसित हो सकती है जो हमारा जीवन स्तर उठा सके?
- महेंद्र मोदी, डीजी तकनीकी सेवाएं।
जवाबः इसके लिए नगर निगम ने एक योजना लागू की थी। अब प्रदेश सरकार उसे लागू करने जा रही है। इजराइल की तर्ज पर घर से निकलने वाले पानी को बचाने के लिए उपकरण लगाए जाएंगे। घर का नक्शा पास होने से पहले यह व्यवस्था करनी होगी।

सवालः सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए सरकार और नगर निगम क्या प्रबंध कर रही है?
- उमाशंकर दुबे, सचिव, गोमतीनगर विस्तार महासंघ।
जवाबः नगर विकास विभाग में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की कई योजनाएं हैं। लखनऊ में घर-घर कूड़ा उठाने की व्यवस्था लागू है। नागपुर की तरह हमें भी कूड़े को उपयोगी बनाना होगा। इसके लिए मोहल्ला समितियों का गठन कर उनके सुझावों पर काम किया जाएगा।

सवालः चौक और यहियागंज में तारों का मकड़जाल फैला है। बाजारों में अतिक्रमण है? इसे हटवाने की क्या योजना है?
- कैलाश चंद्र जैन, संरक्षक, चौक सराफा एसोसिएशन।
जवाबः अवैध तारों को हटवाने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। साथ ही अतिक्रमण हटवाने के बाद नगर निगम इंस्पेक्टर और स्थानीय थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय होगी। ताकि दोबारा अतिक्रमण न लगने पाए।

सवालः केजीएमयू और क्वीन मेरी हॉस्पिटल के पास अतिक्रमण है। एंबुलेंस का मूवमेंट नहीं हो पाता। शहर में ट्रैफिक सिग्नल काम नहीं कर रहे हैं। इसमें कैसे सुधार होगा?
- अनिल रस्तोगी, वरिष्ठ रंगकर्मी।
जवाबः हमने शहर में पहले मॉडल कंट्रोल रूम खुलवाया था। सिटीजन चार्टर बनाया था, जिसमें समस्याओं का समयबद्ध निस्तारण होता था। फिलहाल अब एक्शन प्लान करेंगे। मंडलायुक्त, नगर आयुक्त, वीसी एलडीए के साथ शीघ्र बैठक करेंगे। इसमें अतिक्रमण हटाने की कार्ययोजना बनाई जाएगी।

सवालः नगर निकायों के लिए संविधान के 174वें संशोधन को पूरी तरह लागू करने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
- आनंद सिंह
जवाबः इस संबंध में नगर विकास विभाग से प्रस्ताव मांगा गया है। प्रस्ताव मिलते ही कार्यवाही शुरू की जाएगी।

ब्रजेश पाठक, विधि एवं न्याय मंत्री से सवाल :

सवालः पॉलीथिन पर प्रतिबंध के बावजूद बिक रही है। इस पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे?
- डॉ. ध्रुव मणि त्रिपाठी।
जवाबः अभी 50 माइक्रॉन तक की मोटी पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाया गया है। सरकार पॉलीथिन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार है। हां, इसमें जन सहभागिता हो तो प्रतिबंध का बेहतर असर दिखेगा।

सवालः अमीनाबाद में सड़कों पर अतिक्रमण के चलते दिन में चलना मुश्किल हो जाता है। इसके लिए क्या समाधान किया जाएगा?
- जसप्रीत
जवाबः अमीनाबाद के व्यापारियों के साथ आज ही (सोमवार) शाम चार बजे स्थानीय एसएचओ बैठक करेंगे। वे आप सभी के सुझावों के आधार पर अतिक्रमण हटवाने के लिए कार्यवाही करेंगे।

सवालः कैंटोनमेंट क्षेत्र में संसाधनों का अभाव है। हमारी समस्याओं का निदान नहीं हो पाता। क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए प्रदेश सरकार क्या करेगी?
- प्रमोद शर्मा, उपाध्यक्ष कैंट बोर्ड।
जवाबः कैंटोनमेंट क्षेत्र केंद्र सरकार के अधीन होते हैं। वहां राज्य सरकार के काम करने का अधिकार सीमित है। फिलहाल, आप कार्ययोजना बनाकर दीजिए। हम प्रदेश और केंद्र सरकार से इसके लिए बात करेंगे।

सवालः देश-प्रदेश में बढ़ती समस्याओं का एक कारण जनसंख्या वृद्धि भी है। जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार क्या कोई कानून बनाएगी?
- डॉ. मौलींदु
जवाबः संसाधनों की कमी के कारण भी समस्याएं बढ़ी हैं। दूसरा पहलू जनसंख्या है। हालांकि यह केंद्र सरकार का विषय है। मैं जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने के लिए वहां तक आपकी बात जरूर पहुंचाऊंगा।

सवालः डॉ. आंबेडकर विश्वविद्यालय के आसपास की सड़कें खराब हैं। घंटों जाम लगता है। इस समस्या के निदान के लिए क्या उपाय होंगे?
प्रो. गोविंद पांडेय, अध्यक्ष पत्रकारिता विभाग।
जवाबः सरकार सड़कों को गड्ढामुक्त करने का अभियान चला रही है। विश्वविद्यालय के आस-पास की सड़कों के साथ यातायात व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी।

सवालः बुजुर्ग मरीज इलाज के लिए अस्पताल नहीं आ पाते। इसकी व्यवस्था की जा सकती है। केजीएमयू इसमें सहयोग के लिए भी तैयार है।
- प्रो. एपी टिक्कू, विभागाध्यक्ष, ऑपरेटिव डेंटिस्ट्री विभाग, केजीएमयू।
जवाबः मरीजों के इलाज के लिए सरकार बेहतर व्यवस्था दे रही है। आप अपनी कार्ययोजना बना कर हमे दें, हम उस पर काम करेंगे।

संयुक्ता भाटिया, महापौर से सवाल:

सवालः गोमतीनगर समेत शहर के हर हिस्से में अतिक्रमण बड़ी समस्या बन चुका है। शहर को इस समस्या से उबारने के लिए आप क्या करेंगी?
- बीएन सिंह, गोमतीनगर जनकल्याण समिति।
जवाबः इसका बेहतर समाधान निकाला जा रहा है। शहर में निर्धारित स्थान चयनित कर गुमटी, पटरी दुकानदारों को बसाया जाएगा। फिर अतिक्रमण हटवाया जाएगा।

सवालः शहर में आज तक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम बेहतर ढंग से लागू नहीं हो पाया। कूड़ा प्रबंधन के लिए लिए आप क्या करेंगी?
- आत्म प्रकाश मिश्र, वरिष्ठ कार्यक्रम अधिशासी, दूरदर्शन।
जवाबः 15 साल पहले कूड़े से बिजली बनाने की मशीन आई थी, लेकिन उसका प्रयोग सफल नहीं रहा। अब कूड़ा प्रबंधन का जिम्मा इको ग्रीन को सौंपा गया है। हम विचार कर रहे हैं जल्द ही कुछ नया करेंगे।

सवालः घाटों के किनारे गंदगी है। देवी-देवताओं की मूर्ति विसर्जन का भी समय आ रहा है। क्या व्यवस्था की जाएगी?
- अनुराधा गुप्ता।
जवाबः हम कुड़िया घाट पर गड्ढे बनवा रहे हैं। मूर्ति विसर्जन उसी गड्ढे में कराया जाएगा। घाटों के किनारे और सार्वजनिक स्थलों पर डंप कचरे को साफ कराया जाएगा।

सवालः ट्रैफिक की वजह से अक्सर शहर में यातायात ठप हो जाता है। कई मौके पर कानून व्यवस्था का पालन भी नहीं होता। इसके लिए क्या करेंगी?
- ओम सिंह, चैतन्य वेलफेयर सेवा संस्थान।
जवाबः इसके लिए सबसे जरूरी है सड़कें अतिक्रमण मुक्त हों। अवैध कब्जे हटवाने के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। शीघ्र ही इसका असर भी दिखने लगेगा।

सवालः स्कूलों के आस-पास बहुत गंदगी रहती है। शहर में बहुत स्थानों पर कूड़ेदान नहीं हैं। सफाई को लेकर नगर निगम की क्या योजना है?
- डॉ. विद्या बिंदू सिंह।
जवाबः शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा उठवाया जा रहा है। सफाई को लेकर नगर निगम की ओर से अभियान चलाया जा रहा है। खुले में शौच करने वालों को जागरूक करने के लिए सीटी बजाने वाली टीम सक्रिय की गई है। बच्चों को चैंपियन नियुक्त किया गया है, वे लोगों को गंदगी न करने के लिए प्रेरित करते हैं। जहां कूड़ेदान नहीं हैं, वहां शीघ्र रखवा दिए जाएंगे।

सवालः शहर में डेयरी वाले गंदगी फैला रहे हैं। इस समस्या के निदान के लिए नगर निगम क्या कर रहा है?
- प्रो. महरूफ मिर्जा।
जवाबः शहर में डेयरी पर प्रतिबंध है। इसका अनुपालन कराने का प्रयास चल रहा है। छुट्टा घूमने वाले पालतू मवेशियों को कान्हा उपवन में लाकर रखा जाता है। वहां जुर्माना वसूलने के बाद मवेशी लौटाए जाते हैं।


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